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ऑपरेशन रुहेलखंड: बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुरू की मिशन 2024 के लिए बड़ी तैयारी, संगठन शिल्पी ब्रह्मस्वरूप सागर को बरेली में फिर कराई हाथी की सवारी

बरेली। रुहेलखंड में बड़े सियासी उलटफेर की तैयारी के साथ बसपा आलाकमान ने अपने पुराने चेहरों की घर वापसी का अभियान छेड़ दिया है। मिशन 2024 के लिए पार्टी के चुनावी होमवर्क को धार देने के लिए बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर स्टेट कोआर्डीनेटर राजकुमार गौतम, पश्चिमी यूपी प्रभारी नौशाद अली एवं सांसद गिरीश चंद्र जाटव की मौजूदगी में बरेली के कद्दावर नेता ब्रह्मस्वरूप सागर को एक बार फिर हाथी की सवारी कराई गई है। बड़ी संख्या में समर्थक नेता और कार्यकर्ताओं के साथ ब्रह्मस्वरूप मंगलवार को बसपा में शामिल हो गए हैं। ब्रह्मस्वरूप सागर को कुशल संगठनशिल्पी माना जाता है। पूर्व में वह बसपा के बरेली-मुरादाबाद मंडल के जोन कोआर्डीनेटर रह चुके हैं और शाहजहांपुर-बरेली से मुरादाबाद-बिजनौर तक पार्टी की सियासी झंडा बुलंद किया था।

रुहेलखंड के कद्दावर दलित नेता ब्रह्स्वरूप सागर बसपा में शामिल।
रुहेलखंड के कद्दावर नेता ब्रह्स्वरूप सागर मंगलवार को गाजे-बाजे के साथ बड़ी संख्या में अपने समर्थक नेता और कार्यकर्ताओं के साथ एक बार फिर बसपा में में शामिल हो गए हैं।

ब्रह्मस्वरूप सागर की पहचान बरेली ही नहीं, बल्कि पूरे रुहेलखंड में ऐसे कुशल संगठनकर्ता के रूप में होती है, जो कार्यकर्ताओं में बेहद लोकप्रिय होने के साथ किसी भी काल और परिस्थिति में अपनी सियासी टीम का हौसला बुलंद रखते हैं। 2007 में सपा छोड़ बसपा में शामिल होते ही उन्होंने बरेली में बड़ी ताकत दिखाई थी।

ब्रह्मरूवरूप सागर

उनके संगठन संचालन के बीच बसपा ने बरेली में चार विधानसभा सीटों पर कामयाबी हासिल की थी। इतना ही नहीं, ब्रह्मस्वरूप सागर के सांगठनिक नेतृत्व में बसपा ने बरेली में एमएलसी और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भी जीतकर दिखाया था। इससे पहले और उसके बाद बसपा कभी इतनी बड़ी ताकत बरेली में नहीं दिखा सकी।

ब्रह्मस्वरूप सागर की पहचान बेहद मिलनसार एवं कार्यकर्ताओं के सुख-दुख में हमेशा साथ खड़े रहने वाले नेताओं में होती है, यही वजह है कि रुहेलखंड में कोई शहर या सुदूर देहात, उनकी हर जगह पैठ मानी जाती है।
ब्रह्मस्वरूप सागर की पहचान बेहद मिलनसार एवं कार्यकर्ताओं के सुख-दुख में हमेशा साथ खड़े रहने वाले नेताओं में होती है, यही वजह है कि रुहेलखंड में शहर या सुदूर देहात, उनकी हर जगह पैठ मानी जाती है।

ब्रह्मस्वरूप की सांगठनिक क्षमता देखकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने जिलाध्यक्ष पद से बड़ा प्रमोशन देकर पहले बरेली मंडल का कोआर्डीनेटर और बाद में बरेली के साथ मुरादाबाद मंडल के जोन कोआर्डीनेटर का भी दायित्व सौंपा था। बरेली-मुरादाबाद मंडल के जोन कोआर्डीनेटर रहते ब्रह्मस्वरूप सागर ने शाहजहांपुर से बिजनौर तक बसपा का शहर से गांव-गांव तक मजबूत संगठन खड़ा किया। 2012 में यूपी की सत्ता से बसपा की विदाई के बाद भी ब्रह्मस्वरूप पूरी ताकत से संगठन में जान फूंकने के अपने अभियान में जुटे रहे और हर मोर्चे पर पार्टी का रंग जमाते रहे।

ब्रह्मस्वरूप सागर बसपा में शामिल
ब्रह्मस्वरूप सागर को संगठन की राजनीति का महारथी माना जाता है, पूर्व में बसपा में रहते हुए उन्होंने बरेली-मुरादाबाद मंडल के जोन कोआर्डीनेटर का पद संभाला था और शहरों से गांव-गांव तक पार्टी के संगठन को धार देती थी, राजनैतिक जानकारों का कहना है कि एक बार फिर उनके बसपा में शामिल होने से रुहेलखंड में पार्टी की सियासी ताकत बढ़ने की संभावना है।

2018 में सांगठनिक गतिरोध के चलते ब्रह्मस्वरूप सागर बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस हाईकमान ने बीएस सागर का सांगठनिक ट्रैक रिकार्ड देखते हुए पहले उन्हें पार्टी का यूपी सचिव और बाद में प्रदेश महासचिव का अहम पद सौंपा था। उस वक्त यूपी में कांग्रेस के सिर्फ 10 महासचिव थे, जिनमें पश्विमी यूपी से ब्रह्मस्वरूप शामिल भी शामिल थे। बीएस सागर ने कांग्रेस महासचिव के रूप में बरेली, मुरादाबाद, देवीपाटन और लखनऊ मंडल की जिम्मेदारी बखूबी संभाली।

इसके बाद पार्टी ने उनको शाहजहांपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतारा। कांग्रेस से बीएस सागर का मन उस वक्त से खिन्न होने लगा, जब पार्टी का कोई बड़ा नेता शाहजहांपुर में चुनावी रैली करने नहीं आया। इसके बाद भी उन्होंने पूरी ताकत से चुनाव लड़ा। यूपी संगठन में बाहरी चेहरों की मनमानी बढ़ी और नेता से कार्यकर्ता तक सब मायूस होने लगे तो आहत होकर ब्रह्मस्वरूप सागर ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया। इसके बाद वह सपा से जुड़े रहे मगर उनकी सांगठनिक ताकत देखते हुए बसपा हाईकमान उन पर लगातार नजर बनाए रहा। आखिरकार हाईकमान के न्यौते पर ब्रह्मस्वरूप सागर ने अपने पुराने राजनैतिक घर में वापसी कर ली है।

बहुजन समाज पार्टी यूपी में मिशन 2024 की तैयारी में जुटी है और इसी क्रम में अपने पुराने नेताओं को फिर से घर वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं, हाईकमान ने मंगलवार को रुहेलखंड के प्रमुख नेता ब्रह्मस्वरूप सागर को बसपा ज्वाइन कराई है।

बहुजन समाज पार्टी यूपी में मिशन 2024 की तैयारी में जुटी है और इसी क्रम में अपने पुराने नेताओं को फिर से घर वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं, हाईकमान ने मंगलवार को रुहेलखंड के प्रमुख नेता ब्रह्मस्वरूप सागर को बसपा ज्वाइन कराई है।मंगलवार को बरेली में हुए कार्यक्रम में गाजे-बाजे के साथ ब्रह्मस्वरूप सागर बसपा बिग्रेड में शामिल हो गए। उनके साथ बड़ी संख्या में और भी समर्थक नेता व कार्यकर्ताओं ने बसपा का दामन थामा है। सूत्र बताते हैं  कि ब्रह्मस्वरूप सागर को अतीत की तरह पार्टी में बड़ी सांगठनिक जिम्मेदारी दी जा सकती है। फिलहाल ब्रह्मस्वरूप सागर के फिर से बसपा में शामिल होने का सियासी असर बरेली ही नहीं, बल्कि पूरे मंडल में नजर आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। ब्रह्मस्वरूप सागर के साथ बसपा ज्वाइन करने वालों में शाहजहांपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार एडवोकेट, रनवीर सिंह, पप्पू राना, राजेन्द्र सागर एडवोकेट पूर्व मंडल महासचिव, विशाल पटेल, राममूर्ति लाल, आफताब अहमद, एजाज कमर, ममता सिंह, मुकेश सागर , हरनाम सागर प्रधान, डाक्टर छोटेलाल, सरदार इंद्रजीत सिंह, राजेश सागर पूर्व विधान सभा अध्यक्ष समेत दर्जनों नेता, कार्यकर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता प्रमुख हैं।

खबरची ब्यूरो 

 

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