मथुरा। राधा अष्टमी पर मथुरा में उमड़े आस्था के सैलाब के बीच दो श्रृद्धालुओं की संदिग्ध हालात में मौत की अप्रिय खबर सामने आई है। इनमें एक महिला प्रयागराज की थी, जबकि दूसरे की अभी पहचान नहीं हुई है। पुलिस ने दोनों की मौत के पीछे बीमारी बताई है। प्रशासन ने भी कहा है कि भीड़ में दम घुटने से किसी की जान नहीं गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रृद्धालुओं की मौत पर गहरा शोक जताया है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तरह ही राधा अष्टमी पर भी वृंदावन और बरसाना में श्रृद्धालुओं की अप्रत्याशित आवक देखी गई है। मथुरा प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। राधा अष्टमी मेले में जगह-जगह सीसीटीवी से निगरानी के अलावा भारी संख्या में पुलिसकर्मी मुस्तैद किए गए थे। हालांकि उम्मीद से अधिक भीड़ की वजह से कई स्थानों पर ट्रैफिक व्यवस्था बाधित होती भी दिखी। एसपी देहात मथुरा त्रिगुण बिसेन ने मीडिया को बताया कि बरसाना में दो श्रद्धालुओं की मौत मामला सामने आया था। पुलिस को सुदामा चौक- कटरा चौक मार्ग पर एक बुजुर्ग का शव मिला। मृतक की उम्र करीब 70 वर्ष बताई गई है और उनकी पहचान नहीं हो सकी है। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
दूसरी मौत कटरा चौक के पास प्रयागराज की रहने वालीं 60 वर्षीय महिला श्रद्धालु राजमणि की हुई। राजमणि राधारानी के दर्शन करने परिवार के साथ बरसाना पहुंची थीं। अचानक शुगर बढ़ने से तबीयत खराब हो गई। बहन शोभा ने दवा दी तो वह अचेत होने लगीं। डॉक्टर के पास उन्हें उपचार के लिए ले जाया जा रहा था मगर पहले राजमणि ने दम तोड़ दिया। परिवार ने बताया है कि राजमणि को पहले से शुगर की बीमारी थी। परिवार वाले बिना पोस्टमार्टम कराए ले गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रृद्धालुओं की मौत पर गहरा दुःख प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।
बता दें कि पिछले कुछ साल से मथुरा-वृंदावन, बरसाना में श्रृद्धालुओं की आवक पहले के मुकाबले कई गुना देखी जा रही है। राज्य सरकार के आंकड़ों के लिहाज से एक साल में जहां काशी के अंदर करीब 7 करोड़ श्रृद्धालु पहुंचे, तो मथुरा में भी यह संख्या छह करोड़ का आंकड़ा पार कर गई। सरकार मथुरा के पर्यटन विकास और भीड़ की वजह से होने वाले हादसे रोकने को ब्रज कॉरिडोर बनाने का प्रयास कर रही है मगर कुछ स्थानीय स्तर पर विरोध की वजह से मामला कोर्ट में अटका है। प्रमुख त्यौहारों पर मथुरा के मंदिरों में बेहिसाब भीड़ के पहुंचने की वजह से सुरक्षा एवं ट्रैफिक इंतजामों में पुलिस-प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है।