बरेली। सीनियर सम्मान का चाहता है तो जूनियर भी प्यार बड़ों से प्यार-दुलार की भरपूर अपेक्षा करता है। बरेली में समाजवादी पार्टी की कहानी आजकल कुछ ऐसी हो गई है कि पार्टी कार्यालय में जब भी बैठक होती तो सीनियर-जूनियर राशन पानी लेकर एक दूसरे पर आंखें तररेते नजर आते हैं। अबकी बार पार्टी हाईकमान ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन के बीच अन्नदाता के समर्थन में हर जिले-हर विधानसभा क्षेत्र में किसान यात्रा निकालने का ऐलान किया है। इससे पहले पार्टी वर्कर किसान यात्रा निकालना शुरू करें, उससे पहले ही बरेली सपा में ‘यादवी महाभारत’ छिड़ गई है। शनिवार को पार्टी कार्यालय पर आयोजित बैठक पर शनि का ऐसा साया पड़ा कि नेता आपस में ही धमकी, गाली-गलौज, हाथापाई के बैरियर तोड़ते नजर आए। बरेली के नेताओं में रार-तकरार की गूंज हाईकमान तक हो रही है और बरेली के नेता सब कुछ अपनी आंखों से देखने के बाद भी ‘हमने कुछ नहीं देखा’ का राग अलाप रहे हैं।
जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर वीरपाल सिंह यादव के सबसे लंबे दौर में हमेशा अनुशासन में बंधी नजर आने वाला बरेली सपा का कुनबा अब पार्टीगत अनुशासन तार-तार करने में शायद ही कोई मौका चूकता नजर आता है। पूरी पार्टी धड़ेबंदी का शिकार होकर रह गई है। लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार को हराने में जिन समाजवादी सूरमाओं ने कोई कोर कसर नहीं छोडी, वे अब पार्टी की बैठकों में निष्ठा के अलबेले गीत सुनाते नजर अते हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम किया था और अब आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी चहेती सीट पर खुद को सबसे पावरफुल उम्मीदवार बताने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा सरकार के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष करने का दम भर रहे हैं और बरेली के नेता आपस में मिलकर कुछ कर दिखाने की जगह एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौक नहीं छोड़ रहे। अब तक तो नेताओं में शीत युद़ध चलता दिखाई देता था मगर अब आपसी रार सरेआम गाली-गलौज और हाथापाई तक जा पहुंची है। शनिवार को सपा कार्यालय में जो कुछ हुआ, वैसा जिले में पार्टी के इतिहास में पहले कभी न देखा गया और न सुना गया। बरेली सपा जिलाध्यक्ष अगम मौर्या ने 7 दिसंबर से पार्टी हाइर्ग्कमान के निर्देश पर जिले की हर विधानसभा में शुरू होने जा रही किसान यात्रा के बारे में रणनीति बनाने को चुनावी रण के दावेदार, नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में नेताओं ने अपने-अपने व्याख्यान दिए और इस दौरान एक दूसरे पर टीका-टिप्पणी भी खूब हुईं।
चुनावी रण के महारथी एक नेता जब जूनियर को अनुशासन का पाठ पढ़ा रहे थे तो उनकी ही बिरादरी यादव समाज के एक जूनियर नेता ने टिप्पणी कर दी कि मौका मिलते ही बसपा के पाले में कूदकर चुनाव लड़ने वाले लोग भी हमें निष्ठा और अनुशासन की सीख देंगे। इस टिप्पणी पर मूंछ की जंग तेज हो गई। जैसे-तैसे मीटिंग तो निपट गई मगर उसके तुरंत बाद माहौल गरमा गया। बैठक से बाहर आते ही सीनियर बुजुर्ग नेता ने टिप्पणी करने वाले युवा नेता को उसकी औकात बताने की भाषा बोली तो उनको जवाब भी सामने से उसी अंदाज में मिला। देखते-देखते सीनियर के समर्थक करीबी नेता मैदान में कूद पडे। हाथापाई शुरू हो गई। त ठस्थ नेताओं ने तुरंत बीच-बचाव न किया होता तो नौबत वहां मारपीट की बन गई थी। सपा में नेतओं की ऐसी लड़ाई ने किसान हित में बरेली जिले के अंदर बड़े प्रदर्शन की तैयारी पार्टी की किरकिरी करा दी है। यह बात अलग है कि मीडिया के सवालों पर जिलाध्यक्ष अगम मौर्या और आपस में लड़ते-भिड़ते नजर आने वाले सीनियर-जूनियर पक्ष सच को लेकर कुछ भी बोलने से पीछे हट रहे हैं मगर चश्मदीद समाजवादी कुनबे की जंग अपनी-अपनी भाषा में सबके सामने रख रहे हैं। देखना ये है कि समाजवादी कैंप में बरेली के अंदर मूंछ की लड़ाई आगे पार्टी को किस मुहाने पर ले जाती है ?
खबरची ब्यूराेे