बरेली/ फरीदपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट आदेश हैं कि राज्य में कि किसी भी तरह के अपराध और खास तौर पर महिला अपराध के मामलों में पुलिस जीरो टालरेंस की नीति परं काम करे। मतलब साफ है कि सीएम योगी अपराधियों के खिलाफ त्वरित एक्शन चाहते हैं मगर थानों में कई बार पुलिस का रुख मुख्यमंत्री की मंशा के खिलाफ नजर आता है। बरेली के फरीदपुर टाउन में एक युवती के साथ घर में घर में घुसकर रेप और परिवार से मारपीट के मामले में पुलिस दो महीने बाद भी रेप के आरोपी पर मेहरबान नजर आ रही है। अपराधी दबंग है और उसके खिलाफ पहले से कई आपराधिक केस दर्ज चल रहे हैं। इसके बाद भी पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही। न्याय को भटकती पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई की गुहार लगाई है।
छेड़खानी फिर रेप, दबंग पर कार्रवाई इसके बाद भी नहीं
रेप पीड़िता ने मुख्यमंत्री से की गई शिकायत पर अपनी आपबीती सुनाते हुए इंसाफ मांगा है। पीड़िता के मुताबिक, वह बरेली के फरीदपुर कस्बे में वह मां-बाप के साथ रहती है। मोहल्ले में रहने वाला अपराधी प्रवृत्ति का अजय काफी समय से उसके पीछे पड़ा था। घर से बाहर आते-जातेे में अजय उसके साथ छेड़खानी करता था। इसकी शिकायत कई बार परिवार ने अजय के घरवालों से की मगर उल्टा उनको धमकाकर भगा दिया जाता। 19 नवंबर 2021 को अजय व उसके भाई ने पीड़िता के घर में घुसकर उसे व उसके घरवालों को पीटा। इसकी शिकायत पीड़िता ने उसी समय फरीदपुर थाने में की गई मगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इससे आरोपी अजय के हौसले और बढ़ गए।
गुंडे की धमकी, अब तू मेरी बनकर रह..रानी बना दूंगा
पीड़िता ने बताया कि मायके मेें रहने की वजह से मोहल्ले में रहने वाला अपराधी अजय उस पर शुरू से बुरी नियत रखता था। इलाके में उसकी दबंगई चलती है और लोग उससे डरते हैं। वह जब भी घर से बाहर निकलती थी तो अजय उसके साथ छेड़खानी और गंदी हरकतें करता था। छेड़खानी और मारपीट के बाद भी पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो उसके हौसले और बढ़ गए। उसने घर में घर घुसकर उसे अपनी हबस का शिकार बनाया और विरोध पर साथियों के साथ मिलकर मां-बाप, भाई को पीटकर लहूलुहान कर दिया। पुलिस ने बहुत मुश्किल से रिपोर्ट लिखी। इसके बाद भी कार्रवाई तो दूर, बल्कि पुलिस ने आरोपी पक्ष की ओर से मेरे परिवार के खिलाफ मारपीट की झूठी क्रास रिपोर्ट और दर्ज कर दी। दो महीने हो चुके हैं मगर पुलिस ने अभी तक आरोपी अजय व हमले में शामिल उसके साथ वालों के खिलाफ काेई कार्रवाई नहीं की है। पीड़िता का आरोप है कि दबंग ने धमकी दी है कि हर हाल में उसे अपने साथ रखेगा। उसकी बनकर रहेगी तो रानी बनाकर रखेगा और ऐसा नहीं किया तो और भी बुरा हाल करेगा।
डीजीपी तक आवाज पहुंचाई तो पकड़ा मगर थाने से छोड़ा
मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में रेप पीड़िता युवती ने कहा है कि फरीदपुर पुलिस की भूमिका संदिग्ध देखकर उसने परिवार के साथ लखनऊ जाकर डीजीपी कार्यालय में आपबीती सुनाई। डीजीपी के यहां से निर्देश हुए तो पुलिस आरोपी अजय को पकड़कर थाने ले आई मगर बगैर कार्रवाई के ही उसको कुछ घंटे बाद छोड़ दिया। जांच और कार्रवाई का भराेसा देते-देते पिछले कोतवाल का तबादला हो गया तो अब नए कोतवाल भी पुरानी कहानी दोहरा रहे हैं। मुख्यमंत्री से मिलने परिवार के साथ वह कुछ दिन पहले लखनऊ गई थी मगर सीएम योगी आदित्यनाथ के उत्तराखंड दौरे पर होने की वजह से उसे निराश लौटना पड़ा। परेशान पीड़िता ने सीएम को शिकायती पत्र भेजकर अपनी पीड़ा बताई है और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए न्याय मांगा है। रेप पीड़िता ने बताती है कि उसने थाने से लेकर अफसरों के सामने और कोर्ट में बयान दर्ज कराने के समय सभी जगह अपनी पूरी आपबीती सुनाई है मगर कार्रवाई इसके बाद भी नहीं हो रही।
रेप अभियुक्त के खिलाफ थाने में दर्ज कई आपराधिक केस
रेप पीड़िता का कहना है कि फरीदपुर पुलिस राजनैतिक दबाव है। इस वजह से आरोपी अजय के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही। दबंग आरोपी अजय के खिलाफ फरीदपुर थाने में पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज चल रहे हैं। वह कई लोगों पर साथियों के साथ मिलकर हमला कर चुका है। उन मामलों में पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई भी कर चुकी है। आपराधिक प्रवृत्ति का होने की वजह से मोहल्ले में लोग उससे डरते हैं और उसके खिलाफ आवाज उठाने से बचते हैं। उसके साथ रेप और हमले के मामले में कार्रवाई न होने से वह बहुत डरी हुई है। अजय अपने साथियों के साथ कभी मेरे साथ और बड़ी अनहोनी कर सकता है।
इंसाफ न मिला तो अनशन करूंगी, बोली रेप पीड़िता
पीड़िता कहती है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं पर जुल्म के मामले में बेहद कठोर हैं और हमेशा जानकारी होते ही कार्रवाई कराते हैं। मुख्यमंत्री से उसे न्याय की उम्मीद है। मजबूरी सिर्फ इतनी है कि अभी तक वह मुख्यमंत्री तक अपनी आवाज नहीं पहुंचा पाई है। वह फिर लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी से न्याय की गुहार लगाएगी। मुख्यमंत्री से नहीं मिल सकी और इंसाफ नहीं मिला तो वह लखनऊ में धरना देने को मजबूर होगी।
खबरची ब्यूरो