बरेली। ये वही उत्तर प्रदेश है जहां संत राजनेता योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही सबसे पहले ऑपरेशन ‘एंटी रोमियो’ शुरू कराया था। वही राज्य है और वही मुख्यमंत्री, दबंगों से जान बचाए घूम रही बरेली की यह रेसर बेटी योगी से इंसाफ मांग रही है।
विधवा मां के सपनेे पूरे करने को पुलिस भर्ती की तैयारी कर रही ये बिटिया छेड़छाड़ और विरोध पर मारपीट का शिकार हुई। थानेदार ने तीन दिन चक्कर लगवाए मगर रिपोर्ट नहीं लिखी। एफआईआर तब दर्ज हुई, जब पीड़ित लड़की शिकायत पर एसएसपी ने आदेश किए। दोषियों को पकड़ना तो दूर, पुलिस इसके बाद भी मौके पर झांकने नहीं गई। एक नेता के दबाव में थानेवालों ने मामले में गुल जरूर खिला दिया। चुपके से पीड़िता के नाबालिग भतीजों पर दबंगों की ओर से मारपीट की झूठी क्रास रिपोर्ट जरुर लिख दी। दहशत में जुल्म की शिकार बेटी का घर से निकलना बंद है। कोचिंग, रेस सब थम चुकी है। बरेली पुलिस जैसे बेटी के साथ किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं।
मामला बरेली के सबसे सुदूर सिरौली थाना क्षेत्र का है। पीड़़ि़त विजेता (पहचान छिपाने को नाम बदला गया) यहीं के एक गांव की रहने वाली है। खुर्द नवाबपुरा पुुुुलिस चौकी विजेता के गांव से महज दो किमी दूर है और थाना सिरौली 12 किमी दूर स्थित। अब हम गरीब परिवार की इस बेटी की दास्तान-ए-जुल्म सुनाते हैं, जो खुद उसने खबरची टीम से बातचीत करते हुए रुंधे गले से सुनाई।
बचपन में पिता चल बसे, दबंग पुलिस भर्ती की तैयारी नहीं करने दे रहे
बकौल विजेता, जब वह मात्र छह की थी तो ट्रक ड्राइवर पिता की सड़क हादसे में मौत हो गई। उस वक्त परिवार में मां के अलावा तीन तीन बरस की छोटी बहन और 4 महीने का भाई थे। नाना का स्वर्गवास पहले ही हो चुका था और मां थे नहीं। मां ने बहुत मुश्किलों से हमें पाला है। मां के सपने साकार करने को मैं पुलिस में भर्ती होना चाहती हूं। दिल्ली पुलिस में कांस्टेबिल भर्ती का फार्म भरा है। कुछ महीने बाद परीक्षा है। यूपी बोर्ड से इसी साल फर्स्ट डिवीजन में इंटर की परीक्षा पास करने के बाद मैं पुलिस भर्ती के लिए फिजिकल की तैयारी में जुटी थी।तड़के पांच बजे गांव के बाहर पंगडंडी पर रेस लगाने जाती थी। मां मेरे साथ 14-15 साल की उम्र के रिश्ते के दो भतीजों को भेज देती थी। कुछ दिन बाद ही पड़ोसी गांव खुर्द ब्योधन के दबंग परिवार के लड़के मिक्की पुत्र हरद्वारी लाल और अमोल पुत्र पोशाकी लाल ने मुझे सुबह दौड़ लगाने जाते वक्त परेशान करना शुरू कर दिया। दोनों आरोपी रोज सुबह मेरा रास्ता रोककर छेड़छाड़ करते और विरोध पर गाली-गलौज मारपीट पर उतारू हो जाते।
पीड़ित विजेता बोली, छेड़छाड़-मारपीट से परेशान होकर रेस लगाना छोड़ी
विजेता ने खबरची टीम को बताया कि एक दिन आरोपी मिक्की ने छेड़छाड़ करते हुए मुझे टंगड़ी मारकर गिरा दिया। मेरे कान में चोट और पैर में मोच आ गई। साथ चल रहे भतीजो ने विरोध किया तो दबंग परिवार के लड़कों ने उनसे मारपीट की। मैंने बचाने की कोशिश की तो मुझे पर भी थप्पड़-घूंसों से पीटा। घर आकर मां को बताया तो उन्होंने आरोपियों के परिवार से शिकायत की बात कहकर मुझे चुप करा दिया। इसके बाद भतीजे खुर्द व्योधन जा रहे थे तो आरोपी अमोल के साथ मिक्की और उसके बड़े भाई लेखराज व एक अज्ञात व्यक्ति ने उनको रास्ते में घेर लिया। हमलावरों ने मेरे भतीजों को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया और तमंचा दिखाकर वहां से भगा दिया। पानी सिर से ऊपर जाता देख मैं मां और दोनों भतीजों के साथ सिरौली थाने गई और एसओ नरेश त्यागी को आपबीती सुनाई।
सिरोली के थानेदार ने तीन दिन चक्कर लगवाए पर रिपोर्ट नहीं लिखी
विजेता का कहना है कि भतीजों के साथ वह 13 सितंबर को सिरौली थाने गई और एसओ नरेश त्यागी से मिलकर आपबीती सुनाई। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को लिखकर तहरीर भी दी मगर उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। थाना प्रभारी तीन दिन विधवा मां के साथ थाने के चक्कर लगाती रही मगर उनकी सुनवाई नहीं हुई। परेशान होकर वह बरेली आई और समाजवादी पार्टी की महिला नेता भारती चौहान के साथ एसएसपी से मिलकर अपनी पीड़ा सुनाई। एसएसपी ने आदेश जारी किए, तब कहीं जाकर 15 सितंबर को उसकी एफआईआर लिखी गई। मगर कार्रवाई इसके बाद भी नहीं हुई। विधवा मां ने विधायक से भी मदद मांगी मगर वहां उसे समझौता कर लेने की नसीहत दी गई। पीड़ित विजेता का आरोप है कि कुछ नेताओं के दबाव में पुलिस ने मामले में समझौते को दबाव बनाने के लिए आरोपी पक्ष की ओर से अगले दिन 16 सितंबर को मेरे नाबालिग बेगुनाह भतीजों के खिलाफ मारपीट की झूठा मामला और दर्ज कर दिया है। जिला अस्पताल में उसका मेडिकल तक नहीं होने दिया गया है।
क्या करे विजेता, अनहोनी के डर से घर में हुई कैद…कोचिंग भी छूट गई
पीड़ित विजेता का कहना है कि कार्रवाई न होने से दबंगों के हौसले बुलंद हैं। इलाके में घूमकर वह खुलेआम ऐलान कर रहे हैं कि पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। लड़की ने ज्यादा भागदौड़ की तो जान से और जाएगी। पूरा सिरौली थाना आरोपियों से मिला हुआ है। मुझे अपनी जान का खतरा लग रहा है। पुलिस भर्ती की तैयारी को खुर्द ब्योधन में एक लेडी ट़यूटर के पास रोज पढ़ने जाती थी। दहशत में रेस के साथ ट़यूशन भी बंद करनी पड़ी है। कुछ परिचितों को लेकर आज बरेली आकर सपा नेत्री भारती चौहान केे साथ पुलिस अधिकारियों से मिली थी। मगर सिवाय आश्वासन के यहां भी कुछ नसीब नहीं हुआ। रिपोर्ट दर्ज हुए छह दिन बीत चुके हैं। सिरौली थाने की पुलिस कार्रवाई तो दूर, मामले की जानकारी करने भी गांव नहीं झांकी है। यह कहते हुए विजेता फफक पड़ी। बोली, अब सिर्फ मुख्यमंत्री योगी जी से ही इंसाफ की उम्मीद है। किसी दिन लखनऊ जाकर उनसे गुहार लगाऊंगी। फिलहाल डर की वजह से पुलिस भर्ती की तैयारी बंद कर दी है।
विजेता पर आंच आई तो जिम्मेदार होंगे थाना प्रभारी: भारती चौहान
समाजवादी पार्टी बरेली महिला सभा की जिलाध्यक्ष भारती चौहान ने बताया कि छेड़छाड़ और मारपीट की घटना की शिकार पीड़ित विजेता के साथ आज वहां एसएसपी रोहित सिंंह सजवाण के आवास जाकर उनसे मिली थीं। उन्होंने एसएसपी को बताया कि आपके आदेश के बाद सिरौली पुलिस ने रिपोर्ट तो लिखी मगर आरोपियों से सांठगांठ कर पीड़ित पक्ष के खिलाफ झूठा क्रास केस भी दर्ज कर दिया। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने से पीड़ित छात्रा की सुरक्षा को खतरा बढ़ रहा है। पीड़ित विजेता की सुरक्षा को भविष्य में किसी भी तरह से आंच आई तो उसकी जिम्मेदारी सिरौली पुलिस और वहां के थानेदार नरेश त्यागी होंगे। विजेता बहुत अच्छी रेसर है। उसे तुरंत कानूनी मदद की जरूरत है। ऐसा नहीं होने से उसका पुलिस से हमेशा के लिए विश्वास उठ जाएगा। सपा इस मामले को शासन स्तर पर उठाएगी। पार्टी जिलाध्यक्ष के साथ घटना के बारे में हाईकमान को भी अवगत कराया जा रहा है।
एसएसपी बोले : मामला गंभीर, दोषियों पर अविलंब होगी कार्रवाई
खबरची टीम ने सिरौली इलाके में हुुुए इस पूरे मामले में एसएसपी बरेली रोहित सिंंह सजवाण से जानकारी की। पुलिस कप्तान ने बताया कि घटना उनके संज्ञान में नही हैं मगर मामला गंभीर है। वह विश्वास दिलाते हैं कि उनके समय में पुलिस पूरी निष्पक्षता से कार्रवाई करेगी। दोषियों के खिलाफ अविलंब एक्शन होता नजर आएगा।
खबरची/ अनुरोध भारद्वाज-अमित नारायण शर्मा