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एमएलए बने ‘हमारा’: बरेली की कुर्मी बैल्ट भोजीपुरा की फिजाओं में अबकी गूंज रहा कुछ ऐसा चुनावी नारा

बरेली। जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी भागीदारी…। यूपी की राजनैतिक फिजाओं में जब-जब यह नारा गूंजा है, उसके वैसे ही रिजल्ट भी सामने आए हैं। राज्य में अब विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बजने वाली है तो भाजपा-सपा समेत सभी प्रमुख पार्टियां अपनी-अपनी तरह से अपनी फील्डिंग सजाने में लगी हैं। सच तो ये है कि चुनावी दंगल में अपना-अपना पलड़ा भारी करने को पार्टियां जातियों के खास फार्मूले बना रही हैं और जिस सीट का जैसा जातीय अंकगणित है, वैसे ही उम्मीदवारों की खोज करा रही हैं। नई उम्मीदों के साथ पब्लिक भी जोरदार तरीके से चुनावी तराने गुनगुना रही है। जनता कहीं विरोध तो कहीं समर्थन की आवाजें उठ रही हैं, साथ ही जातीय गोलबंदी के साथ चहेते चेहरों के लिए टिकट के शोर भी उठा रही है। पढ़ें- बरेली की भोजीपुरा विधानसभा से खबरची न्यूज की खास रिपोर्ट..। 

बरेली की भोजीपुरा विधानसभा सीट पर 1957 से 2017 तक 16 बार चुनाव हुए हैं, जिनमें से रिकार्ड 11 बार कुर्मी समाज के चेहरों ने विजय पताका फहराई है।
बरेली की भोजीपुरा विधानसभा सीट पर 1957 से 2017 तक 16 बार चुनाव हुए हैं, जिनमें से रिकार्ड 11 बार कुर्मी समाज के चेहरों ने विजय पताका फहराई है, यहां से फिर कुर्मी समाज के लोगों को टिकट देने की मांग भाजपा और सपा दोनों में उठ रही है।

विधानसभा परिक्रमा के क्रम में कुछ ऐसी कहानी बरेली की भोजीपुरा विधानसभा सीट पर सुनी जा रही है, जहां का इतिहास-भूगोल देखकर जनता के बीच से खास नारे बुलंद किए जा रहे हैं। अतीत और वर्तमान के साथ भोजीपुरा का चुनावी ट्रैक रिकार्ड कुछ ऐसा है कि यहां हमेशा अलग तरह की राजनीति होती देखी जाती रही है। यह बात किसी से छिपी नही है कि नीति-राजनीति में बदलाव के साथ लंबे समय से सभी पार्टियां चुनावी इम्तिहान को जातियों के चश्मे से देखती आ रही है। भोजीपुरा भी इससे अछूता नही है।

बरेली की भोजीपुरा सीट से कई बार से लगातार ब्लाक प्रमुख की कुर्सी संभालते आ रहे योगेश पटेल भाजपा से टिकट के प्रबल दावेदार हैं, पूर्व मंत्री भानुप्रताप सिंह की बेटी जिला पंचायत सदस्य तेजेश्वरी सिंह भी भाजपा से टिकट की लाइन में है, जबकि सपा से मनोहर पटेल टिकट मांग रहे हैं।
बरेली की भोजीपुरा में मौजूदा विधायक बहोरन लाल मौर्या का जनता में विरोध होने के चलते कई बार के ब्लाक प्रमुख योगेश पटेल भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार हैं, पूर्व मंत्री स्व. भानुप्रताप सिंह की बेटी जिला पंचायत सदस्य तेजेश्वरी सिंह भी भाजपा से टिकट की लाइन में हैं, जबकि सपा से मनोहर पटेल टिकट मांग रहे हैं।

1957 से 2017 तक भोजीपुरा में 16 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। खास बात ये है कि भोजीपुरा से जीतकर विधानसभा जाने वाले 16 चेहरों में रिकार्ड 11 उम्मीदवार कुर्मी बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले रहे हैं। जबकि तीन बार मुस्लिम और दो बार मौर्या बिरादरी से सम्बंधित उम्मीदवार यहां से विजयी रहे हैं। 1957 में भोजीपुरा के प्रथम विधायक देवरनिया क्षेत्र के गांव चठिया के रहने वाले बाबूराम गंगवार बने थे। वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते थे। 1962 में हुए दूसरे चुनाव में बाजी जनसंघ के हाथ में रही और ट्यूलिया निवासी हरीश कुमार गंगवार जीतकर सदन में पहुंचे। हरीश गंगवार ने 1967 में भी दूसरी बार जीत का परचम लहराया था। 1969 में अगरास गांव के भानुप्रताप सिंह ने चुनाव जीतकर कांग्रेस का झंडा बुलंद किया था मगर 1974 में हरीश गंगवार ने फिर से जीत दर्ज करते हुए यहां से भाजपा की ताकत बढ़ाई थी। 1977 में शाही के रहने वाले निर्दलीय हामिद रजा खां ने बाजी पलटते हुए विजय हासिल सबको चौंका दिया था। 1980 में भानुप्रताप सिंह फिर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते भी। इसके बाद 1985 और 1989 में भानुप्रताप सिंह के चचेरे भाई अगरास निवासी नरेन्द्र पाल सिंह ने पहले कांग्रेस और फिर जनता दल के प्रत्याशी के रूप में भोजीपुरा से एमएलए बनने में सफलता हासिल की थी।

बरेली की भोजीपुरा सीट पर अबकी बार टिकटों को लेकर दावेदारों में जबरदस्त रस्साकशी होती दिखाई दे रही है। खबरची न्यूज

1991 में भाजपा ने यहां फिर वापसी की और डोहरा-नेकपुर के रहने वाले पार्टी उम्मीदवार कुंवर सुभाष पटेल भोजीपुरा से विधायक चुने गए। 1993 में हरीश गंगवार समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े और फिर से विजेता बने थे। 1996 में भाजपा ने मूलरूप से बदायूं के निवासी बहोरनलाल मौर्या को टिकट दी और विजयी रहे। 2002 में सपा ने फिर भोजीपुरा में ताकत दिखाई और उसके उम्मीदवार अहमदाबाद निवासी वीरेन्द्र सिंह गंगवार को कामयाबी मिली। 2007 में बसपा ने पुराना शहर के रहने वाले शहजिल इस्लाम को भोजीपुरा के रण में लड़ने भेजा और उन्होंने यहां जीत के साथ नीला झंडा लहराया। 2012 में शहजिल दूसरी बार आईएमएसी की टिकट पर विजयी रहे मगर 2017 में सपा के उम्मीदवार के रूप में वह भाजपा के बहोरन लाल मौर्या से चुनाव हार गए। मौजूदा समय में भोजीपुरा पर भाजपा का कब्जा है।

बरेली की भोजीपुरा सीट पर अबकी बार टिकटों को लेकर दावेदारों में जबरदस्त रस्साकशी होती दिखाई दे रही है। खबरची न्यूज

भोजीपुरा से चार बार विधायक रहे हरीश गंगवार की गिनती बड़े नेताओं में होती थी। वह पीलीभीत से सांसद, बीसलपुर से एमएलए भी रहे और राज्य सरकार में मंत्री पद भी संभाला। इसी तरह पूर्व विधायक भानुप्रताप सिंह भी दिग्गज नेताओं में शुमार होते थे और राज्य के कद्दावर मंत्री रहे थे। स्व. भानुप्रताप सिंह बेटी तेजेश्वरी सिंह भी राजनीति में सक्रिय हैं और मौजूदा वक्त में जिला पंचायत सदस्य हैं। पिता की मजबूत राजनैतिक विरासत होने के बाद भी अभी तक भाजपा में उन्हें वह कद नहीं मिला है, जिसकी वह हकदार हैं।

बरेली की भोजीपुरा सीट पर अबकी बार टिकटों को लेकर दावेदारों में जबरदस्त रस्साकशी होती दिखाई दे रही है। खबरची न्यूज

भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र में पौने 4 लाख के करीब मतदाता हैं। इसमें लगभग डेढ़ लाख मुस्लिम, 80 हजार कुर्मी, 35 हजार दलित, 20 हजार मौर्या, 30 हजार कश्यप, 16 हजार यादव मतदाताओं की हार जीत में प्रमुख भूमिका रहती है। मुस्लिम की तरह ही कुमीँ बैल्ट भी कहे जाने वाले भोजीपुरा में कुर्मी समाज से उम्मीदवार बनाए जाने की मांग फिर से उठ रही है। एक ओर जहां गांव-गांव क्षेत्रीय विधायक बहोरन लाल मौर्या के खिलाफ खुले तौर पर विरोध के सुर फूट रहे हैं तो दूसरी ओर सपा के संभावित उम्मीदवार पूर्व विधायक शहजिल इस्लाम के खिलाफ भी विरोध की आवाजें उठती साफ महसूस की जा रही हैं।

बरेली की भोजीपुरा सीट पर अबकी बार टिकटों को लेकर दावेदारों में जबरदस्त रस्साकशी होती दिखाई दे रही है। खबरची न्यूज

दरअसल, भोजीपुरा क्षेत्र के लोग कहते हैं कि चाहे बहोरन लाल मौर्या हों या शहजिल इस्लाम, दोनों ही नेता बाहरी होने के साथ जीतने के बाद क्षेत्र में कम ही सक्रिय दिखाई देते हैं। उनसे मिलने लोगों को बरेली की दौड़ लगानी पड़ती है और मुलाकात भी मुश्किल से होती है। यही कारण है कि क्षेत्र के ही चेहरों को उम्मीदवार बनाने की मांग हर तरफ की जा रही है। भाजपा में कई बार के ब्लाक प्रमुख योगेश पटेल प्रमुख दावेदार बनकर सामने आ रहे हैं। उनकी गांव-गांव मजबूत पैठ भी बताई जाती है। पूर्व मंत्री स्व. भानुप्रताप सिंह की बेटी तेजेश्वरी सिंह भी परिवार के बड़े राजनैतिक प्रोफाइल के साथ टिकट की लाइन में हैं। कुछ और चेहरे भी भाजपा से टिकट की लाइन में लगे हैं। इसी तरह से सपा से कुर्मी समाज के युवा चेहरा मनोहर पटेल टिकट के लिए लगातार भागदौड़ कर रहे हैं। कुर्मी समाज के मतदाताओं की संख्या काफी अधिक होने के चलते भाजपा-सपा दोनों ही पार्टियों से बिरादरी के उम्मीदवार को टिकट देने की मांग यहां साफ सुनी जा रही है। देखना ये है कि प्रमुख पार्टियां भोजीपुरा के चुनावी इतिहास को देखकर इस बार यहां उम्मीदवारी को लेकर क्या फैसला लेती हैं। क्या फिर से बाहरी चेहरा उतारती हैं या फिर अबकी भोजीपुरा में लोकल चेहरों पर दांव लगाती हैं?

खबरची ब्यूरो 

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