बरेली। कोरोना की मार झेल रहे मरीजों की मदद को भाजपाई हैल्प लाइन तो चला रहे हैं मगर अपनी ही सरकार में उनकी बात प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अफसर बिल्कुल नहीं सुन रहे। अस्पताल में मौत से जूझ रहे दो मरीजों को रेम्डीसीवर इंजेक्शन दिलाने के लिए बरेली भाजपा महानगर अध्यक्ष डॉ. केएम अरोड़ ड्रग अफसरों को फोन करते रहे मगर किसी ने तबज्जो नहीं दी। इंजेक्शन न मिलने से एक मरीज की जान चली गई। मामला तूूूल पकड़ गया है।
भाजपा संगठन ने इसे लेकर अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महानगर अध्यक्ष डॉ. अरोड़ा ने ड्रग इंस्पेक्टर की वजह से रेम्डीसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी होने का आरोप लगाते हुए उन पर सरकार की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है और डीएम से मामले में कार्रवाई की मांग की है। मीडिया को जारी पत्र में भाजपा महानगर अध्यक्ष डॉ. अरोड़ा ने बताया कि कोविड-19 के चलते सामने आ रहीं जनता की समस्याओं के समाधान के लिए पार्टी संगठन हेल्प लाइन संचालित कर रहा है। हेल्प लाइन आई कॉल को लेकर कल हमने ड्रग इंस्पेक्टर उर्मिला और विवेक को फोन किया था।
भाजपा अध्यक्ष के मुताबिक, दोनों अफसरों से उन्होंने कहा कि गंगाशील अस्पाल में भर्ती मरीज देविका शैली और मेडिसिटी में भर्ती अनिल आनंद का स्वास्थ्य खराब बताते हुए उनके लिए रेम्डीसीवर इंजेक्शन उपलब्ध कराने को कहा था। फोन पर दोनों ने आश्वासन भी दिया कि इंजेक्शन मिल जाएंगे मगर रात तक ऐसा हुआ नहीं। उन्होंने दोबारा ड्रग इंस्पेक्टर उर्मिला को फोन किया मगर उन्होंने नंबर सेव होने के बाद भी जानबूझकर कॉल रिसीव नहीं की। डीआई विवेक ने भी कोई कदम नहीं उठाया।
दोनों अधिकारियों की गैर जिम्मेदार रवैये की वजह से मरीज देविका शैली की जान चली गई। भाजपा महानगर अध्यक्ष ने डीएम को भेजे पत्र में साफ कहा है कि दोनों अधिकारियों की वजह से मार्केट में रेम्डीसीवर की कालाबाजारी बढ़ रही है, जिससे सरकार की छवि पर असर पड़ रहा है। उन्होंने सरकार की मंशा के खिलाफ कार्य कर रहे ड्रग विभाग के दोनों अधिकारियों के खिलाफ डीएम से कार्रवाई की मांग की है। साथ ही इंजेक्शन वितरण का पूरा ब्यौरा जुटाकर इस सम्बंध में पारदर्शिता लाने को कहा है।
खबरची/ अनुरोध भारद्वाज