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पटाक्षेप : भाजपा महानगर अध्‍यक्ष डॉ. अरोड़ा ने फोन करने वाले से कहा…प्‍लाट तुम्‍हारा था तो क‍िसी को क्‍यों द‍िए दो लाख, तुरंत मुझे बताते…एक पैसा खर्च नहीं होने देता…जान‍िए वायरल ऑड‍ियो की पूरी सच्‍चाई

बरेली। सोशल मीड‍िया पर इन द‍िनों वायरल हो रहे एक ऑड‍ियो क्‍ल‍िप ने बरेली में सबका ध्‍यान अपनी ओर खींच रखा है। ऑड‍ियो में फोन करने वाला एक प्‍लाट से कब्‍जा हटाने बदले दो लाख द‍िए जाने की कई महीने बाद जानकारी दे रहा है और भाजपा महानगर अध्‍यक्ष डॉ. केएम अरोड़ा को अपना दुखड़ा सुना रहा है। जवाब देते हुए डॉ. अरोड़ा फोन करने वाले से नाराजगी भरे लहजे में नसीहत देते हुए कह रहे हैं क‍ि प्‍लाट तुम्‍हारा था तो पैसे क्‍यों दे द‍िए। तुरंत बताते तो एक पैसा नहीं खर्च होने देता। व‍िवाद की वजह बन रहे उस पूरे ऑड‍ियो क्‍ल‍िप को टीम खबरची आप सबके सामने ला रही है। खुद जान‍िए क्‍या है पूरी सच्‍चाई ? 

पहले सुनें: ऑड‍ियो क्‍ल‍िप में क‍िसने क्‍या-क्‍या बोला

अब पढ़ें ऑड‍ियो क्‍ल‍िप की शब्‍द-शब्‍द पूरी सच्‍चाई 

डॉ. केएम अरोड़ा : मोबाइल पर कॉल र‍िसीव करते ही….जी नमस्‍ते भाई साहब।

दूसरी ओर से बोल रहा शख्‍स : सर, सर नमस्‍कार, कहां हैं आप क्‍लीन‍िक पर, अकेले हैं, एक न‍िवेदन करना है आपसे।

डॉ. केएम अरोड़ा : पहुंच रहा हूं, अभी तो क्‍लीन‍िक पर नहीं हूं, हां ब‍िल्‍कुल अकेला हूं, क्‍या हुआ।

दूसरा शख्‍स : आपके देवेन्‍द्र जोशी की एक और श‍िकायत आई है सुभाषनगर की, सब्‍बरबाल जी से पूछ लेना, एक हमारे सम्‍मी अरोरा है मेन मार्केट में, उनका प्‍लाट था, उसमें जसपाल ओबराय बगैरह कई लोग, जसपाल ओबराय साथ का पढ़ा हुआ देवेन्‍द्र जोशी के, जो केस दो लाख में न‍िपट रहा था, देवेन्‍द्र जोशी ने अपने मुंह से आकर कहा क‍ि चार लाख दे देना। रोम्‍पी-रोम्‍पी, सब्‍बरबाल जी के र‍िलेशन हैं शायद रोंपी के, तो कहीं न कहीं रोंपी वीर जी बोले क‍ि हम से दो लाख की भी नहीं कही, हमें पता ही नहीं, दो लाख द‍िए, चाबी भी आ गई, प्‍लाट पर अवैध कब्‍जे वाली बात थी, ये स्‍थ‍ित‍ि हो रही है, देवेन्‍द्र जोशी हर जगह इनवाल्‍व हो रहे हैं। रव‍ि अरोरा अपने सुभाषनगर के कार्यकर्ता हैं, दीवान साहब अरोरा जी के सुपुत्र, एक बार बात कर लीज‍िए इनके साथ। बातचीत अब रव‍ि अरोरा करते हैं।

डॉ. केएम अरोड़ा : रव‍ि भैया क्‍या हुआ ?

रव‍ि अरोरा : भैया कुछ नहीं एक प्‍लाट था हमारे पास, कुछ समय पहले, जसपाल ओबराय का, उसकी रज‍िस्‍ट्री हमारे भाई के पास थी, जसपाल ने उसेे क‍िसी के हाथ बेच द‍िया, उसने काम कराना शुरू क‍िया तो मैं वहां पहुंच गया और उनसे ब‍िनती की क‍ि ये प्‍लाट हमारा है, आप इस पर काम न कराएं, उसने कहा क‍ि मैं पेड़ कटवा रहा हूं, हमने कहा क‍ि पेड़ मत कटवाओ वरना हमें पुल‍िस कार्रवाई करनी पड़ेगी। हम पूरे पेपर लेकर थाने पहुंच गए, उस द‍िन तहसील द‍िवस था। देवेन्‍द्र जोशी, जसपाल ओबराय आद‍ि लोग वहां पहुंच गए। व्‍यापार मंडल की वजह से थाने के कुछ लोग हमें जानते हैं। हमने कहा क‍ि इन्‍होंने तो काफी टीम बुला रखी है, हम भी व्‍यापार‍ियों को बुला लें क्‍या। उन्‍होंने कहा क‍ि नहीं आप अपने पेपर द‍िखाओ। देवेन्‍द्र जोशी ने हमें इस्‍लाम‍िया के पास सबुलाया। देवेन्‍द्र जोशी ने हमसे कहा क‍ि चार लाख दे दो, जसपाल ओबराय ने एक चीज संभाली है, इतने समय तक संभाल कर रखा। मैं तुम्‍हें चाबी द‍िलवा दूंगा। हमने कहा क‍ि हम पैसे नहीं दे पाएंगे, हमारे पास नहीं है। ज्‍यादा बात है तो एक-सवा लाख की जुगाड़ करते हैं, दे देंगे पैसे। दो द‍िन बाद हम फ‍िर वहीं पहुंचे। इन्‍हें बुलवाया हमें। फ‍िर साढ़े तीन लाख की बात तो हमे दो लाख बोल द‍िए, इतने से ज्‍यादा हम नहीं दे पाएंगे। आपने चीज संभाली, उसकी इतनी ही बैल्‍यू है। मनमोहन सब्‍बरबाल जी के बेटे की शादी थी। उसमें रोंपी वीर जी आए हुए थे। उस केस में रोंपी वीर जी इनवाल्‍व हो गए थे। तो मैंने मनमनोहन सब्‍बरबाल जी को बोला। उन्‍होंने कहा क‍ि तुम च‍िंता मत करो, शादी न‍िपट जाने दो। मैं रोंपी जी से बात कर लूंगा। उन्‍होंने फ‍िर रोंपी वीर जी को फोन क‍िया क‍ि बंदे हमारे हैं, दो लाख देने को तैयार हैं। रोंपी वीर जी ने कहा क‍ि ये तो दो लाख दे ही नहीं रहे, बात पहले भी हुुुुई थी। मनमोहन सब्‍बरबाल जी ने कहा क‍ि भाई दो लाख मेरे पास आए हैं, तुम च‍िंंता मत करो। उसी द‍िन शाम को चाबी आ गई। उन्‍होंने जसपाल ओबराय को पैैैैसे पहुंचा द‍िए दो लाख उन्‍होंने। मैं फ‍िर उनको दे आया था। उन्‍होंने बहुतेरी कोश‍िश करा क‍ि ज्‍यादा पैसे म‍िल जाएं, प्‍लाट तुम ले नहीं पाओगे।

डॉ. केएम अरोड़ा : नाराजगी भरे लहजे में बात सुनो, तुमने दो लाख भी क्‍यों द‍िए जब तुम्‍हारा प्‍लाट था, कैसे..त‍िए हो तुम, क्‍यों क‍िया ऐसा, बताया क्‍यों नहीं।

रव‍ि अरोरा: बहुत समय पहले की बात है, हो गए सात-आठ-छह महीने। उस समय ज्‍यादा ध्‍यान नहीं गया, गुप्‍ता जी लोग सब ने बैठकर मैैटर न‍िपटवाया था। कोई बात नहीं काम होगा, राजेन्‍द्र गुप्‍ता जी के संज्ञान में डाला था, हम लोग उनके व्‍यापार मंडल की टीम से जुड़े हुए हैं, दो लाख भी इसल‍िए द‍िए, क्‍योंक‍ि चाबी जसपाल के पास थी, प्‍लाट पर कब्‍जा उसके था।

डॉ.केएम अरोड़ा : ऐसे कब्‍जे की एैसी…सी। मैं तोड़ देता ताला।

रव‍ि अरोरा : जोशी ने उसी कब्‍जे के इस्‍लाम‍िाया कॉलेज के पास वाले जोशी ने चार लाख से ड‍िमांड शुरू की थी, चार लाख दो, पांच लाख दो।

डॉ. केएम अरोड़ा : हां तो भैया पैसे के प्र‍िय तो सभी हैं, ऐसे कोई बात हो तो बताया तो करो, लेक‍िन आपको बताना चाह‍िए भाई साहब कोई समस्‍या हो, मैं बैठा हूं, एक पैसा नहीं खर्च होने दूंगा आपका।

रव‍ि अरोड़ा : आगे से ऐसी कोई बात होगी तो आपको जरूर बताएंगे, राम-राम भाई साहब।

डॉ. केएम अरोड़ा बोले, हम तो सेवा करते हैं और व‍िरोधी साज‍िश

ऑड‍ियो क्‍ल‍िप को लेकर टीम खबरची ने जब बरेली भाजपा महानगर डॉ. केएम अरोड़ा से बात की। पेशे से च‍िक‍ित्‍सक भाजपा अध्‍यक्ष बोले, हम डॉक्‍टरी भी सेवा के ल‍िए करते हैं और राजनीत‍ि भी सेवा के ल‍िए। ऑड‍ियो क्‍ल‍िप में हमने तो श‍िकायत करने वाले से यही कहा क‍ि अगर ऐसी बात तो हमें तुरंत बतानी चाह‍िए थी। जब प्‍लाट उनका था तो दो लाख क्‍यों दे द‍िए। हमें बताते तो एक पैसा नहीं खर्च नहीं होनेे देते। डॉ. अरोड़ा ने बताया क‍ि हमारे पास फोन सुभाषनगर के रहने वाले पार्टी के पूर्व मंत्री सुशील सक्‍सेना ने क‍िया था और फ‍िर हमारी बात रव‍ि अरोरा से कराई थी। छह-आठ महीने बाद मामले की जानकारी हमें दी गई तो भी हमने आगे से ऐसी कोई बात होने पर तुरंत जानकारी देने को कहा, ताक‍ि ऐसे मामलों की पुनरावृत्‍त‍ि न हो सके। रही बात हमारे ख‍िलाफ की जा रहीं झूठी श‍िकायतों की तो ऐसा पहले भी होता रहा है। हम साज‍िशों से घबराकर सेवा कार्य बंद नहीं करने वाले। वो साज‍िश करें और उसी स्‍पीड से समाज और पार्टी की सेवा बढ़ाते जाएंगे।

खबरची ब्‍यूरो 

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