बरेली/ क्योलड़िया। मजबूूूर वेदपाल की मौत की ये दारुण कहानी सुख-सुविधाओं में लिपटे सिस्टम के स्याह सच को सामने लाने वाली है। बजाज चीनी मिल के एक गन्ना सेंटर की रखवाली करने वाला गरीब दलित भयानक शीतलहर में ठिठुर कर मर गया। बिलखते बच्चे चीनी मिल प्रबंधन से आर्थिक मदद की गुहार लगाते रहे मगर अफसरों का दिल नहीं पसीजा। बहुत बुलाने पर मिल के अधिकारी मौके पर आए तो मगर चौकीदार की मौत का तमाशा देखकर यूं ही लौट गए। मदद के नाम पर कह गए हम कुछ नहीं कर सकते।
क्योलड़िया भदपुरा का रहने वाला वेदपाल दिवाकर कई साल से पीलीभीत के बरखेड़ा में स्थित बजाज चीनी मिल के बिहारीपुर प्रीतमराम गन्ना सेंटर पर चौकीदार था। परिजनों ने टीम खबरची को बताया कि उनको मिल से 2400 की पगार मिलती थी, उसी से घर का चूल्हा जलता था। रविवार की रात वेदपाल गन्ना सेंटर पर बने पॉलिथीन के तंबू में बैठकर गन्ना सेंटर की चौकीदारी कर रहे थे। रात में किसी वक्त उनकी मौत हो गई। माना जा रहा है कि चौकीदार का कमजोर शरीर भयानक सर्दी बर्दाश्त नहीं कर सका। दिल कमजोर पहले से था। ऐसे में शीतलहर वेदपाल का काल बन गई। पता होते ही रोतेे-बिलखते पत्नी-बच्चे वहां पहुंच गए। पुुुुलिस भी आ गई। घरवालों ने गरीबी का हवाला देते हुए मिल से आर्थिक मदद दिलाने की गुजारिश की।
चीनी मिल के अधिकारी पहले तो बहुत बुलाने पर वहां आए। लोगों ने गरीब चौकीदार के परिवार की मदद को कहा तो एजीएम गिरीश पंत और जोन इंचार्ज संजीव सिरोही एरिया मैनेजर सुग्रीव मिश्रा ने हाथ खड़े कर दिए। गांववालों ने इसे लेकर घंटों हंगामा भी किया। इसके बाद भी मिल अधिकारियों के कान पर जूंं नहीं रहेंगी तो गरीब परिवार ने अपने हाल पर जीने की बात कहते हुए पुलिस को लिखकर देे दिया कि न वह शव का पोस्टमार्टम चाहते हैं और न किसी तरह की कार्रवाई। यह कहकर वे रोते-बिलखते शव को लेेेेकर रवाना हो गए। चौकीदार ने अपने पीछे पत्नी दिवका देवी, बेटे शिवम,सनी, बेटी रेखा,नीलम,ज्योति को छोड़ा है। वेदपाल की मौत से गरीब परिवार के सामने रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। हालांकि प्रशासन और राजनेता कोई अभी तक उनकी मदद को आगे नहीं आया है। क्योलड़िया थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह सिरोही नेे टीम खबरची को बताया कि वह सूचना पाकर मौके पर गये थे। परिजनों ने चौकीदार की मौत स्वाभाविक होना बताते हुए लिखकर दिया था। शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया।
खबरची/ शकील अहमद अंसारी