बरेली। झुमका गिरा रहे….शकील बदायूंनी के इस गाने में बरेली के जिस बाजार का जिक्र हुआ, वहां ओवरब्रिज बनाए जाने को लेकर अजीब राजनीति होती नजर आ रही है। तंग बाजार को जाम से मुक्ति दिलाने के वादों के बीच कारोबारी नुकसान की आशंका से बडे व्यापारी प्रस्तावित पुल के विरोध में खडे हुए नियोजित विकास के वादे करने वाले मेयर उमेश गौतम भी यू टर्न मार गए हैं। अतिक्रमण के नाम पर मेयर अब अपना गुस्सा अस्थाई अतिक्रमण करने वाले रेहड़ी-फड़ वालों पर उतारते नजर आ रहे हैं। शनिवार को मेयर के इशारेे पर पहुंचे नगर निगम के लश्कर रेहडी-फड़ वालों का गारमेंट, जूता-चप्पल सब अपनी गाड़ियों में भर ले गए। गरीबी फुटपाथी रोते-बिलखते रह गए। हंगामा भी किया मगर उनकी एक न चली।
एक वक्त बरेली में कुतुबखाना जैसा हर वक्त का जाम शहामतगंज बाजार में भी रहता था। सपा सरकार में व्यापारियों के विरोध के बाद भी शहामतगंज पर ओवरब्रिज बनाया गया। इसी का नतीजा है कि अब शहर का ये हिस्सा हमेशा जाम फ्री नजर आता है मगर कुतुबखाना इलाके में जाम का नासूर अब शहर को हर वक्त रुला रहा है। बरेली के मौजूदा भाजपाई मेयर उमेश गौतम के साथ नगर निगम के अमलेे ने कुतुबखाना पर ओवरब्रिज बनाए जाने का वादा किया था। पिछले दिनों पर अचानक ओवरब्रिज प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू हुआ और सम्बंधित विभाग अपने सर्वे में जुट गए।
सर्वे की कार्रवाई शुरू होते ही कुतुबखाना-कोहाड़ापीर इलाके के प्रमुख व्यापारी इसके विरोध में उतर आए। सभी ने ओवरब्रिज बनने से कारोबारी नुकसान की बात कहते हुए मेयर और नगर निगम अफसरों को घेरना शुरू कर दिया। व्यापारियो में विरोध बढ़ता देख पूरी भाजपा ब्रिगेड टेंशन में आ गई। राजनैतिक नुकसान के गणित लगाए जाने लगे। इससे मेयर उमेश गौतम चिंता में पड़ गए और अचानक अपनी रणनीति बदलते हुए ओवरब्रिज बनवाए जाने के विकल्प के तौर पर अतिक्रमण हटाने की बात कहने लगे।
एक दिन पहले मेयर ने निगम की टीमों के साथ कुतुबखाना-कोहाड़ापीर रोड पर पहुंचकर व्यापारियों से अतिक्रमण हटाने को कहा। इसके बाद भी दुकानों के सामने किए गए अतिक्रमण नहीं हटते दिखे। इस बीच शनिवार को नगर निगम की टीमों का चाबुक जिला अस्पताल के आसपास सड़क किनारे सामान बेचने वालों पर चल गया। अचानक पहुंचे निगम के दस्तों ने फड़ों पर रखे मिले गारमेंटस, जूते-चप्पल सब गाडियों में भर लिए।
फड़वालों ने रोते-बिलखते विरोध किया तो निगम के सुरक्षा दस्ते ने सबको खदेड़ दिए और उनका माल भरकर ले गए। इस बीच बडे लोगों के तथाकथित पैरोकार कुछ व्यापारी नेता वहां आ गए और निगम की कार्रवाई को सही बताते हुए मेयर का साथ देने का वादा किया। वहीं, फड़ वालों ने कहा कि उनमें से ज्यादातर समुदाय विशेष के हैं और गरीब हैं, इसलिए उन पर निगम वाले जुल्म कर रहे हैं। वहीं, इस मामले में मेयर उमेश गौतम का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए सभी व्यापारियों को एक दिन पहले ही चेता दिया गया था। इसके बाद भी जिन लोेगों ने सड़क से अतिक्रमण नहीं हटाया, उनका ही सामान निगम टीम ने उठाया है।
खबरची/ अजय शर्मा