बरेली। पराली जलेगी तो धुआं उठेगा। धुआं सर्द मौसम की शुरुआत में जहर बनकर आवोहवा को विषैला बनाएगा और इससे जन समान्य का स्वास्थ्य बिगड़ेगा। पराली जलाने से रोकने को डीएम बरेली ने न सिर्फ किसान जागरुकता अभियान शुरू कराया है, बल्कि ऐसे मामलों पर नजर रखने के लिए अफसरों की संयुक्त माॅॅनीटरिंग टीमें भी गठित कर दी हैं।
ज़िलाधिकारी नितिश कुमार ने शासन से निर्देश मिलते ही बरेली की सभी छह तहसीलों में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सचल दस्तेेेेेेे गठित कराए हैं। इसी क्रम में सदर,बहेड़ी,मीरगंज,नवाबगंज,आँवला व फ़रीदपुर सचल दस्तों को धान की पराली एवं अन्य अपशिष्टोंं को जलाने से रोकने की ज़िम्मेदारी सौंपी है । सभी ग्राम प्रधानों को भी इस सम्बंध में निर्देशित क्या गया है । पराली जलाने के मामले में प्रदेश सरकार ने सख्ती बरतने के आदेश जारी किए हैं, जिसके बाद प्रशानिक मशीनरी भी हरकत में नजर आ रही है। ऐसी घटनाओं पर जुर्माने के साथ सजा का भी प्रावधान किया गया है।
मुख्य सचिव आर.के.तिवारी के आदेश पर पराली में आग लगाने के मामले पर निगरानी के लिए सभी जिलों में विशेष सेल स्थापित करने को कहा गया है। निर्देशों में साफ कहा गया है कि किसी ग्राम पंचायत का प्रधान इसे छिपता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के मामलों में प्रधान को 24 24 घंटे के अंदर लिखित सूचना प्रशासन देनी होगी। 2 एकड़ से कम क्षेत्र में पराली जलाए जाने पर 2500 रुपए प्रति मामला और इससे अधिक पर अर्थदंड की व्यवस्था तय की गई है।
खबरची/ अमित नारायण शर्मा