बरेली। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के प्रस्तावित दौरे से पहले बरेली सपा के अंदर से तनातनी की ऐसी खबरें बाहर आ रही हैं, जो विधानसभा चुनाव के होमवर्क में जुटे पार्टी हाईकमान को असहज कर सकती है। ताजा खबर समाजवादी पार्टी के दो पदाधिकारियों के बीच कथित विवाद की सामने आई है। बरेली मंडल की सभी 25 वर्कशॉप में बुलाए जाने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र से 100-100 लोगों की सूची तैयार की जा रही है। आंवला विधानसभा की सूची को लेकर आपस में विवाद होने की खबर है। पार्टी के अंदर तनातनी का मसला सबकी जुबान पर है, हालांकि सब कुछ जानते हुए भी खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं मगर नाम न छापे जाने की शर्त पर कहानी पूरी सुना रहे हैं।
टीम खबरची को पार्टी सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक, मंडलीय वर्कशॉप की तैयारियां संभाल रहे कुछ पदाधिकारी शनिवार को बड़े नेता के यहां आपस में मंत्रणा कर रहे थे। बड़े नेता उस वक्त शहर में नहीं थे। मंत्रणा के दौरान दो जिलों से ताल्लुक रखने वाले एक पदाधिकारी ने मेज पर रखी प्रशिक्षण शिविर के प्रतिभागियों की वह सूची उठाकर पढ़ ली, जिसमें बरेली की आंवला विधानसभा क्षेत्र के पार्टीजनों के नाम दर्ज थे। विधानसभा चुनाव लड़़ने को दावेेेेेेदारी कर चुके एक प्रमुख नेता के भाई का नाम सूची में नहीं दिखा तो उस पदाधिकारी ने उनको फोन पर पूरी जानकारी दे दी। इसके बाद नेताओं के आपस में फोन घनघनाने शुरू हो गए। इसे लेकर पार्टी के दूसरे सीनियर पदाधिकारी ने सूची पढ़ने वाले नेता से आपत्ति करते हुए कहा कि इस तरह फोन पर अंदर की जानकारी उजागर करना गलत है। चर्चा है कि सूची पढ़ने को लेकर कथित रूप से वहां दोनों नेताओं के बीच विवाद की स्थिति बन गई। हालांकि, वहां मौजूूूद दूसरे पदाधिकारियों ने दोनों नेताओं को समझाकर मामला शांत करा दिया।
बरेली की अजब-गजब खबरों पर हाईकमान की नाराजगी की खबरें कितनी सच
समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के दौरे से पहले बरेली के नेताओं में रार-तकरार, धडेबंदी और पार्टी के अंदर की गोपनीय बातें लगातार सार्वजनिक होने से हाईकमान के असहज होने की खबरें भी अंदरखाने पार्टी कैंप में तैर रही हैं। चर्चा है कि बरेली में प्रस्तावित सपा की मंडलीय वर्कशॉप और उसमें अखिलेश यादव के आने की खबरें आखिर तक गोपनीय रखने की रणनीति के बाद भी सोशल मीडिया पर साझा कर दिए गए। हाईकमान के दूतों के सामने ही एक पदाधिकारी और एक पूर्व पदाधिकारी आपस में उलझ गए। एक दिन पहले आंवला से वर्कशॉप में बुलाए जा रहे लोगों की सूची को लेकर दो पदाधिकारी आपस में विवाद कर बैठे। इसके अलावा कई और ऐसी बातें है, जिनकी जानकारी लगातार सपा हाईकमान तक पहुंच रही है। शनिवार को लखनऊ में फरीदपुर के पूर्व बसपा विधायक विजयपाल की सपा में एंट्री के वक्त ऐसा कुछ हुआ कि हाईकमान की नाराजगी को और बल मिलता दिखा। दरअसल, अखिलेश यादव ने बरेली, शाहजहांपुर, मेरठ आदि जगहों से दूसरी पाटियां छोड़कर आए नेताओं को अपनी मौजूदगी में लखनऊ प्रदेश कार्यालय पर सपा ज्वाइन कराई। उस दौरान दूसरे जिलों के पदाधिकारी तो मंच और मुखिया के आसपास नजर आए मगर बरेली वाले कहीं भी किसी कैमरे में कैद नहीं दिखे।
संगठन ने बैठक बुलाई, पूर्व पदाधिकारी बोले…उन्होंने बस औपचारिकता निभाई
अखिलेश के बरेली दौरे और तीन दिवसीय मंडलीय वर्कशॉप की जानकारी अभी तक सिर्फ जिलाध्यक्ष व कुछ अन्य पदाधिकारियों के बीच ही बताई जा रही थी। अब खबर ये है कि जिलाध्यक्ष अगम मौर्या ने लखनऊ से लौटते ही भूतपूर्व पदाधिकारियों को हवेली लॉन में बुलाकर उनके साथ बैठक की है और सबके साथ बरेली में होने वाले पार्टी कार्यक्रम की जानकारी साझा की है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को कार्यक्रम स्थल पर की गई बैठक में जिलाध्यक्ष के साथ महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी, जिला महासचिव सत्येन्द्र यादव, जिला कोषाध्यक्ष रविन्द्र यादव के अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष जफर बेग, कदीर अहमद, पूर्व जिला प्रवक्ता संजीव यादव, पूर्व ब्लॉक प्रमुख आदेश यादव गुडडू प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
अखिलेश 22 जनवरी को आएंगे बरेली, सपाइयों ने बुक कराया सर्किट हाउस
पार्टी नेताओं ने टीम खबरची को बताया कि पीलीभीत बाईपास स्थित हवेली लॉन में पार्टी का मंडलीय प्रशिक्षण शिविर 20 जनवरी को शुरू होगा। इसमें लखनऊ से आने वाले नेता मंडल के सभी 25 विधानसभा क्षेत्रों से बुलाए जाने वाले नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव के सम्बंध में प्रशिक्षण देंगे। खबर ये है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बरेली शिविर में 22 जनवरी को आएंगे। पहले उनके 20 जनवरी को ही बरेली आने यहां और प्रवास करने की बात सामने आ रही थी, हालांकि अब राष्ट्रीय अध्यक्ष का दौरा एक दिवसीय ही होने की खबरें सामने आ रही हैं। सपाइयों ने इसे देखते हुए सर्किट हाउस बुक कराया है। हालांकि अभी तक बरेली प्रशासन के पास सपा प्रमुख एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का मिनट टू मिनट कार्यक्रम नहीं आया है। पार्टी संगठन के पास भी हाईकमान से लिखित में जानकारी नहीं भेजी गई है। यही वजह है कि पार्टी नेता मीडिया के सामने खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। शायद ये कार्यक्रम की रणनीति का हिस्सा भी !
खबरची ब्यूरो