बरेली। नवाबगंज चेयरमैन के पिछड़ी जाति के होने के प्रमाण न मिलने के अभाव में रद्द हुए जाति प्रमाण पत्र के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग ने सितम्बर माह में जिलाधिकारी बरेली को शहला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे लेकिन प्रशासन ने आयोग के आदेशों को तबज्जों न देते हुए मुकदमा दर्ज नही कराया। आदेश का अनुपालन न होते देख सख्त हुए अयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग को कड़ी चिट्ठी लिखते हुए 28 अक्टूबर को स्वंय या प्रतिनिधि को भेज एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए। आयोग की चढ़ी त्योरियों को देख जिलाधिकारी बरेली के आदेश पर नवाबगंज के दलेलनगर के राजस्व निरीक्षक चोखे सिंह की तहरीर पर प्रशासन ने नवाबगंज चेयरमैन शहला ताहिर पर जालसाजी, धोखधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया।
आयोग मे सुनवाई आज, चुनाव आयोग चुनाव रद्द कराने को रखेगा पक्ष
गुरूवार को इस मामले में आयोग में सुनवाई होगी। इस सुनवाई में राज्य निर्वाचन आयोग शहला का चुनाव रद्द करने का पक्ष आयोग के समक्ष रखेगा। शहला तहिर पर फजी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़कर चुनाव जीतने व पिछड़ी जाति के अधिकारों का हनन करने का आरोप है।
21 अगस्त को किया गया था शहला का जाति प्रमाण पत्र खारिज
नवाबगंज नगर पालिका का चुनाव जीतने के बाद से ही विवादों में रही शहला ताहिर पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर चुनाव लड़ने का आरोप भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रविन्द्र सिंह राठोर के भाई नीरेन्द्र सिंह राठौर ने लगाते हुए आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसकी जांच के दौरान शहला के मायके आगरा में उनके पिछड़ी जाति होने के प्रमाण नही मिले और न ही शहला जांच कर रही टीम के समक्ष बार-बार तारीख मिलने पर पेश हुई, जिस पर कार्रवाही करते हुए 21 अगस्त को तत्कालीन जिलाधिकारी नितीश कुमार ने प्रमाण पत्र को खारिज किए जाने के आदेश जारी कर दिए थे।
तहसीदार नवाबगंज शेर बहादुर सिंह ने बताया कि 25 अक्टूबर को जिलाधिकारी से मुझे पालिकाध्यक्ष शहिला ताहिर पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए थे। आदेश के अनुपालन में नवाबगंज थाने में शहला ताहिर के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाणपत्र कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर बनवाने, पिछड़ी जाति को आरक्षित सीट पर अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पालिकाध्यक्ष नवाबगंज शहला ताहिर ने बताया कि एफआईआर होना कोई नई बात नही है। पहले भी कई बार एफआईआर हुई है और हर बार निरस्त हुई है। इस बार भी निरस्त होगी। जाति प्रमाण पत्र तत्कालीन तहसीलदार चोखे लाल ने जारी किया था जिस पर लेखपाल व कानूनगों की आख्या भी लगी थी। अगर मेरे द्वारा कूटरचित दस्तावेज लगाए गए तो जांच करने वालों ने क्या देखा। फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाले भी दोषी है तो उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए। मेरे उच्च जाति के होने के प्रमाण किसी के पास हैं तो वह साक्ष्य पेश कर मुझे उच्च जाति का सिद्ध करे।