बरेली। गुनाह के दलदल में फंसे हाथ हाथों में जब में रामायण और गीता नजर आने लगे तो कहा जा सकता है कि सुधार की पुनीत पहल रंग लाने लगी है। बरेली जिला जेल में कुछ ऐसा ही होता नजर आ रहा है। विभिन्न अपराध करने के बाद सलाखों के पीछे पहुंचे बंदी अब बरेली जेल में राम, लक्ष्मण, सीता और रावण के पात्र निभाते नजर आएंगे। जेल की इस रामलीला पर सबकी निगाहें जमी हैं।
अपराध में लिप्त सज़ा काट रहे कारागार के बंदी आयोजित राम लीला में कोई राम तो कोई रावण का पत्र बनकर असत्य पर सत्य की जीत का संदेश देंगे। जिला कारागार में बंदी कल्याण एवं मनोरंजन की दृष्टि से बंदियों द्वारा रामलीला का मंचन 17 अक्टूबर रामजन्म से लेकर 26 अक्टूबर रावण वध तक होगा। इस रामलीला में 45 बंदी पात्र बनकर अभिनय करेंगे । कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सभी बैरिको में राम लीला का केबिल के माध्यम से प्रसारण दिखाया जाएगा । भगवान राम की लीला में सराबोर होकर भविष्य में अपराध की राह त्यागें और अच्छाई का मार्ग अपनाएं। बरेली जेल के अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने बताया कि उनका प्रयास है कि बंदी भगवान राम की लीला में सराबोर होकर भविष्य में अपराध की राह त्यागें और अच्छाई का मार्ग चुने ।
रामलीला के मंचन के लिए तैयार पात्रों को कपड़े पहनाने से लेकर उनके डायलाग की तैयारियां भी जोर शोर से हो रही है । इसको लेकर बंदियों में उत्साह है । शनिवार को राम, सीता व लक्ष्मण के पूजन के साथ रामलीला का शुभारंभ किया जाएगा । जेल अधीक्षक ने बताया कि दो घंटे तक चली राम लीला में मंच पर कुछ मुस्लिम समुदाय के बंदी भी हिस्सा लेकर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएँगे । पहली बार हुए इस मंचन से बंदियों को बुराई के अंत का संदेश देने की कोशिश की गई हैैै
खबरची/ अमित नारायण शर्मा