बरेली। अफसरों की डांट-डपट के बाद पुलिस ने सर्राफ फैमिली पर हमले की रिपोर्ट तो दर्ज की मगर गुनहगारों से दोस्ती निभाते हुए धाराओं में बड़ा खेल कर दिया। पीड़ित परिवार का कहना है कि हमला दोपहर में हुआ और बारादरी थाने वालों ने आधी रात के समय सर्राफ दंपति को थाने बुलाया। थानेदार ने पति को अपने पास बिठा लिया और मुंशी ने पत्नी को अपने साथ ले जाकर जबरिया मनमानी तहरीर लिखवा ली। खास बात ये है कि जिस शख्स का कोई गुनाह नहीं था, उसका नाम एफआईआर में शामिल करा दिया, जबकि मुख्य आरोपी का नाम तहरीर से गायब करा दिया। बारादरी पुलिस की कारगुजारी सामने आने के बाद पीड़ित रस्तोगी ने अफसरों से मिलकर पूरी कहानी बयां करने की बात कही है। हमलावरों से अपनी जान को बताते हुए सुरक्षा की गुहार भी लगाई है।
वीडियों में सुनें: बारादरी पुलिस की कारिस्तानी, पीड़ित रस्तोगी फैमिली की जुबानी
थाना बारादरी की पॉश कालोनी रेजिडेंसी गार्डन में रहने वाले सर्राफ राहुल रस्तोगी और उनकी पत्नी अनिका रस्तोगी ने टीम खबरची को बताया कि शनिवार दोपहर जब वह दोनों अपनी दुकान पर थे, तो उनके पीछे स्टेट बैंक कालोनी के रहने वाले दबंग अमित आनंद ने साथियों के साथ उनके मकान पर हमला कर दिया था। हमलावरों ने बूढ़ी मां मोतीबाला रस्तोगी से मारपीट करते हुए गला दबाकर उनकी हत्या की कोशिश की।
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बकौल राहुल-कनिका: हमलावरों ने घर में जमकर तोड़फोड़ की। विकलांग भाई को भी नहीं बख्शा और उसे भी पीटा। मासूम बेेेेटे को भी मारापीटा। कंट्रोल रूम को सूचना देने पर पुलिस मौके पर आई तो बेखौफ हमलावर उसके सामने भी वहां खड़े होकर गाली-गलौज, हत्या और घर में आग लगाने की धमकी देते रहे। दरोगा-सिपाही हमलावरों को पकड़ना तो दूर, बल्कि उनके साथ हंसते हुए बात करते रहे। हमले की पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पता होने पर वह दुकान से घर आए और तुरंत ही बारादरी थाने जाकर पुलिस को आपबीती सुनाई। रस्तोगी दंपति का आरोप है कि थाने में पहले से हमलावर मौजूद थे और पुलिसवालों से बात कर रहे थे। थानेवालों ने कार्रवाई की जगह उल्टा उनको बाद में आने की कहकर वहां से लौटा दिया। परेशान होकर हम लोगों ने मीडिया को जानकारी दी। राहुल ने बताया कि हमले की सीसीटीवी फुटेज के साथ खबरें मीडिया में चलना शुरू हुईं तो पुलिस ने देर रात मुझे पत्नी के साथ थाने बुलाया। थानेदार ने मुझे तो अपने पास बिठा लिया और मुंशी ने पत्नी को दूसरे ऑफिस में ले जाकर मनमानी तहरीर लिखवाकर उस पर दस्तखत करा लिए।
पुलिस ने असली गुनहगार को बचाया, निर्दोष को अभियुक्त बनाया
राहुल रस्तोगी और अनिका रस्तोगी का कहना है कि वह बार-बार कहते रहे कि हमलावर अमित आनंद के साथ सीबीगंज का दबंग रिवाल्वर लेकर आया था। उसका नाम तहरीर में लिखना है मगर थाने के मुंशी ने ऐसा नहीं करने दिया और दबाव देकर मिंंटू मिश्रा का नाम शामिल करा दिया। सर्राफ दंपति का कहना है कि मिंंटू मिश्रा का हमले से कोई लेनादेना नहीं था। पुलिस ने एक तो अपनी मनमर्जी से हल्की धाराओं में रिपोर्ट लिखकर हमलावरों की मदद करने का काम किया है और असली गुनहगार को बचाने के लिए गलत व्यक्ति का नाम भी उसमें शामिल कर दिया है। हमलावर अब तरह-तरह से फोन करवाकर एफआईआर वापस लेेने को दवाब बना रहे हैं। हमारी जान खतरे में है। हमलावर बहुत दबंग और राजनैतिक पहुंच रखने वाले हैं। वे लोग हमारे और परिवार के साथ कभी भी अनहोनी करा सकते हैं। परिवार को सुरक्षा की जरूरत है। हम एडीजी और डीआईजी से मिलकर पूरी आपबीती सुनाएंगे। यहां सुनवाई नहीं होगी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास जाएंगे।
खबरची ब्यूरो