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पनुआ का पोस्‍टमार्टम: प्रधान दबंग था और दल‍ित थे मजबूर, घरों के सामने से उठवा ल‍िया गया नाली-खडंजे बनने को आया साजो-सामान

नवाबगंज/बरेली (अनूप गुप्‍ता)। यूपी में बरेली के ज‍िस गांव में शमशान न होने की वजह से बार‍िश में शवों का अंत‍िम संस्‍कार डीजल-पेट्रोल से क‍िए जाने का सनसनीखेज सच सामने आया है, उस पनुआ-डंड‍िया ग्राम पंचायत की सच्‍चाई और भी ज्‍यादा डरावनी है। देश जब आजादी की स्‍वतंत्रता की वर्षगांठ मना रहा है, ऐसी वक्‍त में इस गांव की दल‍ित आबादी अपने साथ भेदभाव का दर्द बयां कर रही है। डरे-सहमे दल‍ित बताते हैं क‍ि दल‍ित होने की वजह से उनकी बस्‍ती को हर बार व‍िकास से दूर रखा गया है। उनके घरों के सामने सड़क-खडंजा बनाए जाने को सामान भी आया तो दबंग प्रधान ने उसे उठवाकर दूसरी बस्‍ती में भ‍िजवा द‍िया। 

दल‍ित होने की सजा, खडंजा-सड़क जानकर नहीं बनने द‍िया गया 

बरेली के दल‍ितों का दर्द
ओमप्रकाश की जुबानी, पनुआ के व‍िकास की कड़वी कहानी

पनुआ बरेली ज‍िले में नवाबगंज तहसील क्षेत्र का गांव है और डंड‍िया फैजुल्‍ला पनुआ ग्राम पंचायत का मजरा। वह भी तब जब लंबे वक्‍त तक प्रधान डंड‍िया फैजुल्‍ला का ही रहा है। गांव के दल‍ित ओमप्रकाश ने टीम खबरची को बताया क‍ि पंचायत चुनाव के बाद होने वाली ग्राम सभा की पहली बैठक में उनकी दल‍ित बस्ती में व‍िकास कार्य कराने का प्रस्ताव पास तो हर बार होता है मगर काम धेला भर नहीं कराया जाता। पिछली पंचवर्षिय में भी मेरे घर से रामसिंह के मकान तक व रामसिंह के मकान से मोहनस्वरूप के घर तक नाली व सीसी रोड का प्रस्ताव पास हुआ था। आठ माह पूर्व बजरी व रेता भी आकर उतर गया था। कुछ दिन सामान पड़ा रहा मगर उसके बाद प्रधानपति ने रेता-बजरी उठवाकर दूसरी जगह भेज द‍िया। 

बरेली के दल‍ितों का दर्द
सत्‍यवीर का गम कब होगा कम

डंड‍िया के रहने वाले दल‍ित समाज के सत्यवीर ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा क‍ि दलित होनेे की वजह से उनके साथ व‍िकास में भेदभाव क‍िया जा रहा है। गरीब हैं, कमजोर हैं। इसल‍िए उनकी बात कोई सुनने को तैयार नहीं। चुनाव में वोट मांगने तो सभी आते हैं मगर वोट म‍िलने के बाद फ‍िर उनकी ओर पलटकर नहीं देखते। नाली-खडंजा न होने की वजह से बार‍िश के मौसम में उनकी दल‍ित बस्‍ती में रहने वालों की ज‍िंंदगी और ज्‍यादा नरक हो जाती है। 

पूरे गांव में रोशनी मगर दलित बस्ती में ब‍िजली के बेतार पोल

बरेली के दल‍ितों का दर्द
ज्ञानसिंह के बोल, हर तरफ सेवरा, हमारे आंगन में अंधेरा

ज्ञान सिंह ने बताया कि दलित बस्ती होने के चलते यहां कोई भी प्रधान काम नही कराता। पूरे गांव में बिजली है और उनकी बस्‍ती में बगैर तार लगे खे खम्बे खड़े हुए हैं। घरों में लाइट जलाने को दूसरे मोहल्लों में खड़े खम्बों से कनेक्शन लेकर जला रहें हैं। अपने घरों तक ब‍िजली लाने को उन्‍हें हजारों रुपये का तार खरीदना पड़ता है।

खबरची न्‍यूज देखकर पनुआ- डंड‍िया दौड़े नेता, बनाया व‍िकास का एक्‍शन प्‍लान 

खबरची की खबर का असर

डंड‍िया फैजुल्‍ला गांव में शमशान न होने की वजह से बार‍िश में क‍िसान की पत्‍नी लक्ष्‍मी का शव डीजल की मदद से क‍िए जाने का सच खबरची न्‍यूज ने सबके सामने रखा तो खबर देखकर इलाके के प्रमुख नेता गांव दौड़ पड़े। नवाबगंज ब्लाक प्रमुख प्रज्ञा गंगवार के प्रतिनिधि भाजपा नेता डाॅ. एके गंगवार डंडिया गांव पहुंचे तो दल‍ित बस्‍ती के हालात देखकर वह स्‍तब्‍ध हो उठे।

बड़ा सवाल: गांव में बंद लाइटें देखकर नाराज हुए भाजपा नेता 

बरेली के दल‍ितों का दर्द

गांव में बना समुदायिक शौचायल चलन में अभी आया नही है, इसके दरबाजों पर ताले लटके हुए हैं। मगर हालात यह है कि गेट के ऊपर पड़ा स्लैव गिरने लगा है। यही नही दिवारों पर चटकन आनी शुरू हो गई है। रोशनी के ल‍िए हाईमास्ट लाइटें तो लगाई लेकिन वे कुछ द‍िन भी रोशन नही कर सकीं। पूर्व प्रधान अब कहते हैं क‍ि लाइटों की क्वालिटी ठीक नही है। यह अधिक नही चलती हैं। बंद लाइटों को देखकर डाॅ. एके गंगवार ने सचिव को ठेकेदार से लाइटें सही कराने की हिदायत देने के साथ ही चेताया कि गर यह लाइटे दो दिन में नही जलीं तो आगे से ठेकेदार को कोई ठेका नही मिलेगा। साथ ही इसकी रिकवरी होगी।

सरकारी स्‍कूल का हाल, जैसे पूरा का पूरा स‍िस्‍टम ही बदहाल 

कहीं रंग कहीं ज‍िंंदगी बदरंग, पनुआ के दर्द

गांव को प्राथमिक विद्यालय पूरी तरह से बदहाल मिला। इसके प्रांगण में जहां पानी भरा था वही विद्यालय में ग्रामीणों ने पशु बांधे हुए थे। विद्यालय में पशु बंधे देख डाॅ. एके गंगवार ने विद्यालय में मौजूद शिक्षा मित्र से इसके बारे में पूंछा तो उसने बताया साहब गांव वाले मानते ही नही। भाजपा नेता ने स्पष्ट निर्देश दिए कि विद्यालय में अब कायाकल्प योजना के तहत विद्यालय की वाउंड्री होगी व टाईल लगवाने का कार्य भी कराया जाएगा। आगे से पशु बंधे नही मिलने चाहिए कोई नही मानता है तो आप मुझसे शिकायत करें।

पनुआ के दर्द
बरेली के डंड‍िया फैजुल्‍ला गांव में उस जगह का दौरा करते भाजपा नेता डाॅ. एके गंगवार, जहां कुछ द‍िन पहले शमशान न होने की वजह से बार‍िश में क‍िसान की पत्‍नी की च‍िता डीजल डालकर जलानी पड़ी थी।

भाजपा नेता डॉ. एके गंगवार ने बताया कि उन्होने डंडिया की समस्याओं की जानकारी होने पर सीडीओ से मिलकर गांवों में शमशान भूमि की जमीन पर अन्त्योष्टि स्थल बनाए जाने की मांग की, जिस पर डंडिया के लिए 28 लाख की लागत से अन्त्योष्टि स्थल का निर्माण शीघ्र ही शुरू हो जाएगा। दलित बस्ती में सीसी रोड का निर्माण ग्राम प्रधान द्वारा कराया जाएगा। इसके साथ ही यहां ओपन जिम भी बनबाने पर विचार कर रहे हैं। विद्यालय की दशा कायाकल्प योजना के तहत सुधारी जाएगी। गांव के लोगों से अपनी समस्याओं को लिखित में देने को कहा गया है। जो समस्याएं ब्लॉक से दूर हो सकती है, ब्लॉक से कराई जाएगी अन्यथा दूसरे स्रोतों से भी कार्य कारए जाएगें। उनका प्रयास नवाबगंज को प्रदेश का मॉडल ब्लॉक बनाने का है।

खबरची न्‍यूज

खबरची ब्‍यूरो/ बरेली 

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