बरेली। समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव का परिवार से अबकी बार सियासत में नए जोश के साथ दस्तक देने जा रहा है। पिछले चुनाव में मां महेश्वरी देवी ने जिला पंचायत के रण में बड़े अंतराल से विजय पताका फहराई थी। सासू मां महेेेेेेश्वरी के आर्शीवाद से अबकी बार उनकी छोटी बहूरानी शिल्पी यादव राजनैतिक आगाज करती नजर आएंगी जो शुभलेश यादव के अनुज भ्राता सुधीर यादव की उच्चशिक्षित पत्नी हैं। वह जिला पंचायत वार्ड 48 से सदस्य पद की प्रत्याशी होंगी। परातासापुर गांव से इस तरह सियासत में विरासत के नए रंग फूटते दिखेंगे।
मिसाल: पारिवारिक एकजुटता से लिख रहे सफलता की कहानी
एकजुटता किसी भी परिवार और संस्था के लिए किस तरह कामयाबी के रास्ते खोलती है, परातासपुर गांव के रहने वाले समाजवादी लीडर शुभलेश यादव के परिवार को देखकर इस इबारत को आसानी से समझा जा सकता है। छात्र राजनीति से अपना सियासी सफर शुरू करने वाले शुभलेश बाद में युवजन सभा जिलाध्यक्ष, सपा के जिला सचिव, जिला महासचिव रहे हैं।
पूर्व सांसद व तत्कालीन जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंंह की पार्टी से विदाई के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने शुभलेश यादव को 2017 में बरेली जिलाध्यक्ष की कुर्सी सौंपी थी, जिस पर वह तीन साल काबिज रहे। शुभलेश की पत्नी डॉ. अनुराधा यादव एसआरएमएस में प्रोफेसर हैं।
शुभलेश के छोटे भाई शरद यादव भारतीय सेना की सेवा कर चुके हैं और दूसरी बार पैतृक गांव परातासपुर के प्रधान हैं। उनसे छोटे पंकज यादव कासगंज के कोठीवाल आढ़तिया डिग्री कालेज में प्रोफेसर हैं। प्रोफेसर पंकज यादव से छोटे भाई सुधीर यादव खुद अपना डिग्री कॉलेज संचालित करते हैं और सबसे छोटे भाई सुमित यादव राजपत्रित अधिकारी हैं।
सियासी डगर: छोटे चुनाव के जरिए बड़ी कुर्सी पर इनकी नजर
करीबी सूत्र बताते हैं कि शुभलेश यादव और उनके परिवार नजर अबकी बार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर है। दरअसल, बरेली जिला पंचायत अध्यक्ष पद इस बार बदली व्यवस्था में पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हुआ है।पिछलेे चुनाव यह पद अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व था। उस समय समाजवादी पार्टी के संजय सिंंह अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हुए थे मगर बाद में बाद में सरकार बदलने पर वह सपा छोड सत्तारूढ़ भाजपा की नाव में सवार हो गए थे। समाजवादी पार्टी अब फिर जिला पंचायत अध्यक्ष पद अपने पाले में लाना चाहती है और इसके लिए हाईकमान को मजबूत महिला चेहरे की तलाश है।
यही वजह है कि शुभलेश यादव का परिवार जिला पंचायत अध्यक्ष की दौड़ में शामिल है। पिछले जिला पंचायत चुनाव में शुभलेश यादव की मां महेश्वरी देवी यादव वार्ड 48 से वोटों के बड़े अंतराल के साथ सदस्य निर्वाचित हुई थीं। इस बार मां महेश्वरी देवी की जगह शुभलेश के अनुज भ्राता सुधीर यादव की पत्नी शिल्पी यादव यहां से उम्मीदवार होंगी। आगे के समीकरण रणनीति के हिसाब से कायम रहे तो शिल्पी समाजवादी पार्टी में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए टिकट की दावेदार हो सकती हैं, हालांकि अभी परिवार के सदस्य इस बारे में अभी खुलकर कुछ भी नहीं कह रहे हैं।
वार्ड 48 : दिग्गज राजनैतिक घरानों के बीच चुनावी जंग के आसार
वार्ड 48 में जिला पंचायत चुनाव की बात करें तो यहां पूर्व सपा जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव के छोटे भाई की बहू शिल्पी यादव का लड़ना तय हो चुका है। समाजवादी पार्टी में दूसरी जगहों की तरह इस वार्ड में शिल्पी यादव के अलावा कोई अन्य पार्टी में दावेदार भी अभी नहीं दिख रहा। दूसरी ओर भाजपा में दावेदारों की भीड़ दिखाई दे रही है। भाजपाई दावेदारों में प्रमुख नाम पीलीभीत की बरखेड़ा सीट से विधायक किशनलाल राजपूत की बेटी प्रिया राजपूत का है। भाजपा अगर विधायक किशनलाल की बेटी को उम्मीदवार बनाती है तो उनका मुकाबला सपा की शिल्पी यादव से होगा। उस स्थिति में उम्मीदवार तो और भी मैदान में होंगे और सबकी नजरें दिग्गज राजनैतिक परिवार की बहू शिल्पी यादव और प्रिया राजपूत पर ही होंगी। जिला पंचायत चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल में पूर्व सपा जिलाध्यक्ष कहते हैं कि सामने कौन होगा, इस पर चर्चा करने की जगह सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि हमारा परिवार पूरी ताकत से मैदान में होगा। तैयारी तो एक से अधिक वार्ड में लड़ने की थी मगर बदली आरक्षण व्यवस्था की वजह से चाहकर भी ऐसा संभव नहीं हो पा रहा। हमारा फोकस अब वार्ड 48 पर है।
खबरची/ अनुरोध भारद्वाज