बरेली। सियासत में विरासत को आगे बढ़ाते इस परिवार की कहानी पंचायती रण में कुछ खास नजर आएगी। पंचायत केे रण में खानदान के तीन लोग अलग-अलग मैदान में नजर आएंगे। हम बात कर रहे हैं बरेली के कद़दावर राजनेता एवं बिथरी से दो बार विधायक रहे वीरेन्द्र सिंंह के परिवार की, जिनकी फैमिली से भाई की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नीरू पटेल जिला पंचायत सदस्य, मौजूदा प्रधान भतीजे ग्राम प्रधान और एक अन्य पारिवारिक सदस्य क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) इलेक्शन में ताकत दिखाएंगे। पूूूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंह अस्वस्थ चल रहे हैं, इसलिए बाकी भाइयों के साथ उनके अनुज पूर्व ब्लॉक प्रमुख एवं सपा नेता देवेन्द्र सिंह रणनीतिक जिम्मेदारी संभालेंगे।
वीरेन्द्र सिंह & ब्रदर्स ने लिखा सियासी कामयाबी का बड़ा इतिहास
पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंह और उनके भाइयों व पूरे परिवार ने बरेली में सियासी कामयाबी के एक से बढ़कर एक पायदान चढ़े हैं। 1995 में वीरेन्द्र सिंह पैतृक गांव भगनापुर से निर्विरोध बीडीसी निर्वाचित हुए थे। 1996 में वह बिथरी में ब्लाॅॅक प्रमुख की कुर्सी पर काबिज होने में सफल रहे। 2000 में उनके अनुज भ्राता देवेन्द्र सिंह एक साथ जिला पंचायत सदस्य और बीडीसी चुनाव लड़े और दोनों जीते। हालांकि बाद में उन्होंने बीडीसी छोड़ दी थी। इसी साल वीरेन्द्र सिंंह के छोटे भाई महेन्द्र पाल सिंंह की पत्नी नीरू पटेल बिथरी की ब्लॉक प्रमुख बनीं। 2002 में वीरेन्द्र सिंह ने बरेली कैंट सीट से यूपी में बिल्कुल न पहचानी जाने वाली ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी से विधायकी का चुनाव लड़ा और ठीक-ठाक वोट पाकर बड़े चुनाव में अपनी पहचान बनाई।
जीवन में हर बार बड़ा सोचने और आगे बढ़ने की नायाब कहानी
बरेली में में कद़दावर राजनेता की छवि रखने वाले वीरेन्द्र सिंह ने राजनीति का पहला पायदान चढ़ने के बाद लगातार आगे बढने के लिए न सिर्फ हर बार अपने सामने बड़ा लक्ष्य रखा, बल्कि खास रणनीतिक ढंग से उसे हासिल भी किया। 2007 में वह बरेली कैंट से बसपा की टिकट से विधानसभा चुनाव में उतरे और राजनैतिक सनसनी की तरह पूर्व मंत्री प्रवीण सिंंह ऐरन को शिकस्त देकर विधायक बने। बसपा सरकार में वह बरेली की राजनीतिक धुरी माने जाने विधायक बनकर उभरे और अपनी खास सियासी शैली से बड़े कद वाले दूसरे नेताओं को अपना लोहा मनवाया।
देवेन्द्र सिंह ने लगातार छोटे-बड़े 9 चुनाव जीते, विधायकी पर नजर
पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंह के अनुज देवेन्द्र सिंह 2009 में जिला सहकारी बैंक के डायरेक्टर बने। अगले ही साल वह बिथरी के निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख बनने में कामयाब रहे। 2010 में नीरू पटेल जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हुईं। उन्होंने उस समय सपा उम्मीवार को करारी शिकस्त दी थी। 2012 में विधानसभा चुनाव हुए तो बिथरी सीट से मैदान में उतरे उस समय के मौजूदा बसपा विधायक वीरेन्द्र सिंह ने सपा उम्मीदवार धर्मेन्द्र कश्यप को हराकर दूसरी बार जीतकर सदन में पहुंचे। उस चुनाव में यूपी के अंदर सपा सरकार बनी। सपा सरकार रहते 2015 में पारिवारिक एकजुटता और खास सियासी रणनीति के चलते बसपा विधायक वीरेन्द्र सिंंह अपने बड़े भाई राजेन्द्र सिंंह के पुत्र मनोज पटेल की पत्नी यामिनी पटेल को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जिताने में सफल रहे। इतना ही नहीं, देवेन्द्र सिंंह एक बार फिर बिथरी के ब्लॉक प्रमुख भी बने। 2017 में मोदी-भाजपा लहर में वीरेन्द्र सिंंह बिथरी से विधानसभा चुनाव हार गए। देवेन्द्र सिंह अभी तक छोटे-बड़े 9 चुनाव लड चुके हैं और सभी जीते हैं। कुछ समय उन्होंने लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी ज्वाइन की थी। बड़े भाई वीरेन्द्र सिंंह के अस्वस्थ रहने की वजह से देवेन्द्र सिंंह बिथरी सीट से सपा की टिकट के प्रबल दावेदार हैं।
नीरू पटेल जिपंस तो परिवार के दो चेहरे लडेंगे प्रधानी व बीडीसी
राजनीति में खास रणनीति की जरूरत होती है और आगे के लिए देवेन्द्र सिंंह और भाइयों ने इसकी पूरी प्लानिंंग भी कर ली है। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, पूर्व ब्लॉक प्रमुख देवेन्द्र सिंंह भविष्य में पंचायत का कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। 2021 चुनाव में वह पूरी ताकत से बिथरी से सपा का टिकट मांगेंगे। इसके लिए वह प्रदेश कार्यालय में विधिवत आवेदन भी कर चुके हैं। पंचायत चुनाव की बात करें तो पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नीरू पटेल वार्ड-60 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लडने जा रही हैं। देवेन्द्र सिंंह के भाई बिजेन्द्र सिंंह के पुत्र अमित पटेल पैतृक गांव भगनापुर के मौजूदा प्रधान हैं। वह फिर से प्रधानी का चुनाव लडेंगे। इसके अलावा बीडीसी चुनाव में परिवार की महिला सदस्य उतरेंगी। इसके लिए नाम भी एक-दो दिन में परिवार तय कर लेगा। परिवार के इस फैसले से साफ हो गया है कि अबकी बार जिला पंचायत सदस्य, प्रधान व बीडीसी चुनाव में पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंंह व पूर्व ब्लॉक प्रमुख देवेन्द्र सिंंह का परिवार एक साथ अपनी ताकत दिखाने जा रहा है। सियासी दंगल में परिवार के चुनावी रथ की कमान सारथी बनकर देवेन्द्र सिंह संभालेंगे। सियासी हलकों में सबकी निगाहें इस परिवार पर हैं। चर्चा तो ये भी है कि नीरू पटेल आगे सपा से जिला पंचायत अध्यक्ष की टिकट की दावेदार भी हो सकती हैं, हालांकि परिवार इस मुद़दे पर अभी कुछ भी नहीं बोल रहा है।
खबरची/ अनुरोध भारद्वाज