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प्रतापगढ़ में मारे गए टीवी पत्रकार, यूपी-द‍िल्‍ली से पश्‍च‍िमी बंगाल तक शोर उठा तो ह‍िली सरकार, मीडिया में गम, गुस्‍सा, गुबार

लखनऊ/ बरेली। प्रतापगढ़ में एबीपी न्‍यूज के संवाददाता सुलभ श्रीवास्‍तव ने शराब माफ‍िया से अपनी जान को खतरा बताया था और उसके कुछ समय बाद ही उनकी कथ‍ित रूप से हत्‍या कर दी गई। टीवी पत्रकार की मौत पर लखनऊ-द‍िल्‍ली से पश्‍च‍िमी बंगाल तक ऐसा शोर उठा है क‍ि यूपी सरकार टेंशन में आ गई है। प्रतापगढ़ की घटना को लेकर एक तरफ जहां पूरा व‍िपक्ष भाजपा सरकार पर राज्‍य की काूनन व्‍यवस्‍था को लेकर हमला बोल रहा है, वहीं मीड‍िया संगठन एक सुर में मारे गए पत्रकार सुलभ श्रीवास्‍तव के पर‍िवार को त्‍वर‍ित न्‍याय के साथ मदद की मांग द‍िलाए जाने की मांग उठा रहे रहे हैं।

समाजवादी पार्टी प्रमुख अख‍िलेश यादव ने ट़वीट कर कहा है क‍ि टीवी पत्रकार ने शराब माफ‍िया के हाथों हत्‍या की आशंका जताई गई थी, इसके बाद भी उनको सुरक्षा क्‍यों नहीं दी गई, भाजपा सरकार उच्‍चस्‍तरीय जांच ब‍िठाकर पत्रकार के पर‍िजन और जनता को इस बारे मे बताए। उन्‍होंने प्रतापगढ़ में मारे गए पत्रकार को भावभीनी श्रृद़धांजल‍ि दी है।

पश्चिम बंगाल की सीएम मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना की कड़े शब्‍दों में निंदा की है। ममता बनर्जी ने प्रतापगढ़ की घटना पर सवाल उठाते हुए कहा क‍ि उत्तर प्रदेश में आज क्या हुआ? एक पत्रकार की हत्या हो गई? मैं इसकी निंदा करती हूं। उन्‍होंने ट्वीट में लिखा, ‘यूपी में पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की मौत की खबर सुनकर झटका लगा। दु:खी हूं कि लोकतंत्र और स्वतंत्रता के मूल्यों का हिस्सा होने के बावजूद हम उनकी जान नहीं बचा पा रहे जो दिन रात सच सामने लाने की लड़ाई लड़ते हैं।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रतापगढ़ की घटना को लेकर कहा है क‍ि योगी सरकार इस मामले पर चुप्पी साधे है। शराब माफिया अलीगढ़ से प्रतापगढ़ तक, पूरे प्रदेश में मौत का तांडव करें और सरकार चुप। पत्रकार सच्चाई उजागर करे, प्रशासन को खतरे के प्रति आगाह करे। सरकार सोई है। क्या जंगलराज को पालने-पोषने वाली यूपी सरकार के पास पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव जी के परिजनों के आंसुओं का कोई जवाब है?

पीड़‍ित पर‍िवार को तुरंत एक करोड़ की मदद व सरकारी नौकरी द‍िलाए यूपी सरकार, मीड‍िया संगठनों ने एक सुर में उठाई आवाज 

एबीपी न्यूज़ के संवाददाता सुुुुलभ श्रीवास्‍तव की मौत को लेकर मीड‍िया संगठन गुस्‍से में हैं और सरकार से पीड़‍ित पर‍िवार को मुआवजे के साथ सरकारी नौकरी द‍िए जाने की मांग कर रहे हैं। बरेली के पत्रकारों ने एक सुर में प्रतापगढ़ कांड पर गम, गुस्‍स, गम का इजहार क‍िया है।

उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) के बरेली अध्‍यक्ष वर‍िष्‍ठ पत्रकार पवन सक्‍सेना नेे प्रतापगढ़ की घटना को बेहद दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है। उन्‍होंने कहा है क‍ि सुलभ श्रीवास्‍तव यूपी में टीवी पत्रकार‍िता के जाना माना चेहरा थे और प्रतापगढ़ में शराब माफ‍िया के ख‍िलाफ लगातार आवाज उठा रहे थे। उनकी हत्‍या कर दी गई। अब पुल‍िस और शराब माफ‍िया का स‍िंडीकेट हत्‍या को हादसा बताने पर तुला हुआ है। हमारी मांग है क‍ि सुलभ श्रीवास्‍तव के पर‍िवार के एक सदस्‍य को सरकारी नौकरी व एक करोड़ का मुआवजा द‍िया जाए। साथ ही हमारा संगठन घटना की सीबीआई जांच कराए जाने की भी मांग करता है।

सुलभ श्रीवास्‍तव की मौत की जांच सरकार को सीबीआई से करानी चाहिये, साथ ही परिवार को आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए। सरकार को जान जोखिम में डालकर खबरे जुटाने वाले पत्रकारों की सुरक्षा के लिये कानून में विशेष प्रावधान करना चाहिये, ताक‍ि अगर कोई पत्रकार मृत्यु भय की शिकायत दर्ज करवाता है तो प्राथमिकता के आधार पर उसका निस्तारण हो । – आशीष गुप्ता, अध्यक्ष इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एसोशिएशन बरेली 

यूपी के प्रतापगढ़ में एबीपी न्यूज़ चैनल के संवाददाता सुलभ श्रीवास्तव की माफियाओ ने निर्मम हत्या कर दी है। ऐसे में हमारी मांग है कि इसमें सीबीआई जांच होना चाहिए। सुलभ ने एक दिन पहले ही पुलिस अधिकारियो से शिकायत की थी। ऐसे में परिवार को एक करोड़ की सहायता, और पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए। संस्‍थान मारे गए साथी के पर‍िवार की हरसंभव मदद में जुटा है। – अनूप म‍िश्रा, संवाददाता एबीपी न्‍यूूज बरेली   

उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) ने प्रतापगढ़ में कार्यरत  एबीपी न्‍यूज के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की हत्या किए जाने की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को मेल भेजकर दिल दहला देने वाली घटना की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही मृतक के आश्रितों को एक करोड़ का मुआवजा तथा पत्नी को सरकारी नौकरी एवं उसके अनाथ बच्चों की शिक्षा- चिकित्सा व्यवस्था करने की मांग भी उठाई की है। “उपजा” के प्रदेश महासचिव रमेश चन्द जैन व प्रदेश उपाध्यक्ष निर्भय सक्सेना, प्रदेश कोषाध्यक्ष अरुण जायसवाल ने घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने मारे गए पत्रकार के प्रति गहरी शोक संवेदना प्रकट की है।

हम कहना चाहते हैं क‍ि उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने लिखित शिकायत करने पर भी पत्रकार को सुरक्षा मुहैया नही कराई। मामले में कड़ा एक्‍शन जरूरी है, ताकि किसी भी पत्रकार अथवा किसी आम इंसान के साथ आगे से ऐसी घटना न हो। कोई व्यक्ति अपनी जान की दुहाई देते हुए जान बचाने के लिए पुलिस अधिकारियों से मदद मांगे और उसको मदद न मिले तो बहुत गंभीर है। पत्रकार साथी को मदद मिल जाती तो शायद उनकी हत्या न होती। हत्या के जिम्मेदार प्रतापगढ़ पुलिस प्रशासन भी हैंं, जिन्होंने मामले में लापरवाही दिखाई। – मनोज कुमार गोस्‍वामी, संवाददाता न्‍यूज नेशन बरेली  

हम सरकार से कहना चाहते हैं यह जांच में पता चल जाएगा कि पत्रकार की मौत हादसे में हुई है या फिर हत्या , यह एक अलग विषय है। फिलहाल सरकार को तुरंत पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी के साथ 50 लाख का मुआवजा देना चाह‍िए। संस्‍थान भी सबको बताए क‍ि मारे गए रिपोर्टर को किस तरह मदद की जा रही है। भीम मनोहर, रिपोर्टर Bhaskar.com & R9 tv

प्रतापगढ़ में पत्रकार की हत्‍या बहुत गंभीर घटना है। हमारी मांग है क‍ि जांच की बातें कहने की जगह सरकार को तुरंत ही पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी के साथ मुआवजा देने की घोषणा करना चाहिए। जान को खतरा बताने के बाद भी प्रतापगढ़ प्रशासन ने पत्रकार को सुरक्षा नहीं दी और उनकी जान चली गई, इसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाह‍िए। अंकुर चौधरी, संवाददाता हिंदी खबर बरेली

हमारा एक होनहार साथी शासन की अनदेखी और प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ गया।और एक बार फिर जिस तरह माफियागीरी उजागर हुई, फिलहाल सरकार को cbi जांच बिठानी चाहिए,परिवार को 1करोड़ रुपये की मदद के साथ पत्नी को सरकारी नौकरी और बच्चो की मुफ्त शिक्षा का प्रबन्ध करना चाहिए। – बॉबी वर्मा, संवाददाता समाचार इंडिया

मैं सरकार से कहना चाहता हूं पत्रकार की मौत की वजह चाहे कुछ भी हो मगर पीड़ित परिवार को तुरंत आर्थिक सहायता प्रदान की जाए और पत्रकार जिस संस्थान में काम कर रहे थे उस चैनल की और से रिपोर्टर के लिए जो भी किया जा रहा है वो सार्वजनिक करना जरूरी हो इसके साथ ही परिवार को सरकारी नौकरी मिले और 50 लाख तक की आर्थिक मदद। -धीरेंद्र सिंह ब्यूरो चीफ/जोन कोऑर्डिनेटर दैनिक भास्कर बरेली

कलम के बहादुर सिपाही की आत्मा की शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना करते हैं, दोषियों को भी ऐसी सजा न्यायालय से मिले, जिसे देखकर कोई अपराधी क‍िसी पत्रकार के साथ ऐसा करने की ह‍िम्‍मत न उठा सके। प्रदेश सरकार से मांग है कि ऐसे निर्भीक और साहसी जांबाज के पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता के साथ एक सदस्‍य को सरकारी नौकरी दी जाए। दुखद घड़ी में प्रदेश का पूरा पत्रकार समाज उनके परिवार के साथ है। अशोक शर्मा, पत्रकार स्वराज एक्सप्रेस न्यूज़ चैनल बरेली

खबरची/ अजय शर्मा

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