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उत्‍तर प्रदेश : पकड़े गए नंबर-1 हनी ट्रैपर, अलवर राजस्‍थान में बैठकर अपराधी करते थे फेसबुक-मैसेंजर पर दोस्‍ती, देश के कौने-कौने में अमीर-चर्च‍ित लोग टार्गेट पर

मेरठ। पुुुुल‍िस की स्‍पेशल सर्व‍िंलांस टीम ने मेरठ में सोशल नेटवर्क‍िंग साइट फेसबुक, व्हाटसअप पर दोस्ती करके ब्लैकमेलिंग करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ क‍िया है। जानकर हैरानी होगी कानूनी के श‍िकंजे में फंसे सबके सब अपराधी राजस्‍थान के अलवर ज‍िले के रहने वाले हैं। शात‍िर अपराध‍ियों का पूरा गैंग राजस्‍थान में बैठकर सोशल नेटवर्क‍िंग साइट के जर‍िए बड़े घरों के सदस्‍यों को लड़क‍ियों के नाम से झूठे सोशल अकाउंट बनाकर हनी ट्रैप में फंसाते थे। फ‍िर अश्‍लील फोटो हास‍िल कर उन्‍हें ब्‍लैकमेल करते थे।   

पुल‍िस प्रवक्‍ता ने बताया क‍ि मेरठ पुुुुल‍िस को विभिन्न व्यक्तियों के स्‍तर से गोपनीय सूचना दी गयी थी कि उनके साथ फेसबुक व मैसेन्जर पर अज्ञात लोग दोस्ती करके उनका व्हाटसअप नम्बर ले लेते हैं और उस पर लडकी बनकर चैंटिग व विडियो कॉल करते हैं। झांसे में फंसा कर अश्लील विडियों व अश्लील चैट बनाकर अब उनको ब्लेकमेल किया जा रहा है। एसएसपी के न‍िर्देश पर सर्विलान्स सैल टीम कों हनी ट्रैपर और ब्‍लैकमेलर गैंग की तलाश में जुटा था। सटीक सूचना पर सर्व‍िलांस टीम औरगिरोह के तीन सदस्यों को वैशाली बस अड्डे के पास से गिरफ्तार कर लिया । गिरफ्तार सभी अभियुक्त जिला अलवर, राजस्थान के निवासी है ।

पकड़े गए अपराधी 

1. हनीफ खान पुत्र मुन्शी खान निवासी ग्राम हसनपुर तह0 व थाना रामगढ जिला अलवर, राजस्थान।
2. कल्लू खान पुत्र फजरू खान निवासी ग्राम चौकी, पिपरौली थाना रामगढ जिला अलवर, राजस्थान ।
3. मौसम पुत्र जोरमर निवासी ग्राम मिलखेडा, तह0 व थाना रामगढ जिला अलवर, राजस्थान ।

फरार अभियुक्तों के नाम 

1. साहिल पुत्र शाहबदीन निवासी ग्राम पाटला थाना नगर हा0 नि0 ग्राम हसनपुर जिला अलवर, राजस्थान ।
2. रफीक खान पुत्र मुनीर खान निवासी ग्राम हसनपुर तह0 व थाना रामगढ जिला अलवर, राजस्थान ।

खौफनाक सा‍ज‍िश खतरनाक जाल, हनी ट्रैपर गैंग का फैला सोशल मीड‍िया पर जाल 

पुल‍िस प्रवक्‍ता के मुताब‍िक, जिला अलवर से 35 किमी दूर रामगढ थानाक्षेत्र में अरावली पहाडियों के निकट बसे विभिन्न ग्रामों में निवास करने वाले ऐसे युवक जो फेसबुक, व्हाटसअप, ओै0एल0एक्स के माध्यम से घर बैठे ही देश के सभी राज्यों में लोगों को लड़की की फोटो व विडियो के द्वारा जाल (हनी ट्रैप) में फसां कर अपने पे-टीएम/यूपीआई आईडी में लाखों रूपयें डलवा लेते हैं। इसके बाद लगातार उनको विडियों व फोटो का भय दिखाकर मोटा पैसा वसूलते हैं। ग्राम रामगढ जिला अलवर, राजस्थान का यह गिरोह मुख्य रूप से ऐसे व्यक्तियों को अपना निशाना बनाते है जो किसी धर्म, जाति या व्यवसाय में महत्वपूर्ण स्थान रखते है। फेसबुक अकाउन्ट देखने से उक्त व्यक्ति सामाजिक व आर्थिक रूप से सम्पन्न दिखाई देता है। पहले फेसबुक पर उक्त व्यक्तियों से लड़की बनकर और लड़की का प्रोफाइल फोटो लगाकर फेसबुक मैसेन्जर पर दोस्ती करते है और चैटिंग करते हुये यह गिरोह उन्हें अपना व्हाटसअप नम्बर देकर और उनका व्हाटसअप नम्बर लेकर आपस में विडियों काल व चैटिंग करने लगते है फिर इस गिरोह के सदस्य उस व्यक्ति से अश्लील चैंटिंग एवं अश्लील व नग्न फोटोग्राफों का आदान प्रदान करने लगते है । इस प्रकार विश्वास होने पर रात्रि यह गिरोह अपने शिकार की नग्न अवस्था में अश्लील विडियों बना लेते है और उसकों उसी व्यक्ति के व्हाटसअप पर भेज कर उससे अपने पे-टीएम/यूपीआई अकाउन्ट में पैसे डालने को कहते है। पैसा न डालने पर उनके फेसबुक अकाउन्ट में शामिल उनके परिवार के सदस्यों, विशिष्ट व्यक्तियों के फेसबुक अकाउन्ट पर उनकी नग्न विडियों डाल कर उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को बदनाम करने का भय दिखा कर उनसे निरन्तर अपने अकाउन्ट में लाखों रूपये डलवा लेते है ।

पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा, भारत के कौने-कौने में बनाया लोगों को श‍िकार 

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुल‍िस को बताया कि फेसबुक, व्हाटसअप, औ0एल0एक्स पर धोखाधडी व ब्लेकमेलिंग/हनी ट्रैप करने वाले यह लोग मुख्य रूप से राजस्थान के लक्ष्मणगढ, गोविन्दगढ, रामगढ तहसील क्षेत्र के ग्रामों में निवास करने वाले लोग हैं जो सम्पूर्ण भारतवर्ष में गुजरात, मुम्बई, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश , बिहार, हरियाणा आदि राज्यों में निरन्तर इस प्रकार की वारदात कों घर बैठे ही अजांम देते रहते है। इन गिरोह के लोग धोखधडी व ब्लेकमेलिंग का सम्पूर्ण अपराध केवल अपने मोबाइल से ही घर पर बैठकर अंजाम देते हैं। यह गिरोह राजस्थान से बाहर अपनी वारदातों को अजांम देता है, इसीलिये स्थानीय पुलिस इनके विषय में नही जान पाती है । यदि कोई शिकायतकर्ता अपने राज्य की पुलिस कों अपराध की सूचना देता है या अभियोग पंजीकृत कराता है तो उस राज्य की पुलिस एक बार ही उन्हें तलाश करती है, जिनका नाम पता व मोबाइल नम्बर व बैंक अकाउन्ट नम्बर आदि सभी फर्जी पाये जाते है। इस कारण दूसरे राज्यों की पुलिस दोबारा इनको तलाश नही करती जिसका फायदा उठाकर यह गिरोह निरन्तर वारदातों को अंजाम देता रहता है। यह गिरोह तीन प्रकार की टीम बनाकर अपराध कों अंजाम देते है जिसमें पहली टीम का काम फेसबुक से ऐसे व्यक्तियों को ढूंढना एवं उनके विषय में जानकारी एकत्र करना जिनको आसानी से शिकार बनाया जा सके। उसके बाद लड़की की फोटो लगी फेसबुक अकाउन्ट बनाकर ऐसे लोगों कों अपने जाल में फसाया जाता है। दूसरी टीम में वह सदस्य शामिल होते है जो हनी ट्रेप के शिकार व्यक्ति से पैसा डलवाने के लिये फर्जी रूप से पे-टीएम व यूपीआई आईडी/बैंक अकाउन्ट उपलब्ध कराते है। तीसरी टीम में  इस गिरोह के वह सदस्य शामिल होते है जो अपने आस पास के ग्रामों के लोगों के अकाउन्ट और पे-टीएम का समय समय पर इस्तेमाल करते है जिसके बदले में उनकों कुछ धनराशि प्रदान करते रहते है । गिरफ्तार अभियुक्त हनीफ इस गिरोह का सक्रिय सदस्य है जिसने इस प्रकार अपराध में शामिल में होकर लाखों रूपये अर्जित किये है। अभियुक्त के आठ बैंक अकाउन्टों का पता लगा है जिनमें 80 लाख रूपये का लेन देन होना पाया गया है। अभियुक्त के पास एक ट्रक 16 टायर, एक ट्रक 14 टायर व एक ट्रक 10 टायर होने की भी जानकारी प्राप्त हुई है जिसके सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी राजस्थान पुलिस के माध्यम से प्राप्त की जा रही है। पकड़ेे गए अपराध‍ियोंंसे मोबाइल और कैश बरामद हुआ है। पुल‍िस अब ब्‍लैकमेलर गैंग के बाकी सदस्‍यों की तलाश में जुटी है। इस काम में राजस्‍थान पुल‍िस की मदद भी ली जा रही है।
खबरची ब्‍यूरो 

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