Homeउत्तर प्रदेशयूपी में मठ, मन्दिर और अखाड़े, हालात इनके किसने बिगाड़े, क्यों बेमौत...

यूपी में मठ, मन्दिर और अखाड़े, हालात इनके किसने बिगाड़े, क्यों बेमौत मारे जा रहे साधु-सन्यासी

प्रयागराज/बरेली। यूपी में साधु-सन्यासी एक के बाद अनहोनियों का शिकार हो रहे हैं, जिसकों लेकर मठ और अखाड़ों को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रयागराज के बाघंबरी मठ में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि की रहस्यमय मौत की यह पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ ही सालों में दर्जनों साधु-सन्यासी इसी तरह से बेमौत-मौत का शिकार हो चुके हैं। प्रयागराज हो या बरेली-रुहेलखंड या फिर राज्य के दूसरे प्रमुख धामिर्क ठिकानों में साधु-संतों के साथ प्राणघाती अनहोनियों के सिलसिले लगातार जारी हैं। शोर हर बार यही उठता है कि मठ, मंदिर और अखाड़ों की बेशकीमती संपत्तियों पर माफियाओं की नजर है। माफिया षडयत्रों के चलते ही इस तरह के खून-खराबे हो रहे हैं और भोले-भाले सन्यासी माफियाओं के मोहरे बनकर मारे जा रहे हैं और जेल जा रहे हैं।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि को पुष्पांजलि देते मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत का सच सामने लाने को विभिन्न अखाड़ों से जुड़े साधु-संतों ने सीबीआई जांच की मांग उठाई है। कहा जा रहा है कि मामला सुसाइड का नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या का है। हिरासत में लिए गए साधु आनंद गिरि ने ये बयान देकर और ज्यादा सनसनी फैला दी है कि मठ की संपत्तियों के बेचकर कई लोगों ने अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया था। कई और की निगाहें मठ की संपत्तियों पर थी।

संतों के साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि (फाइल फोटो}
साथी संतों के साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि (फाइल फोटो}

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि की मौत के मामले में पुलिस उनके शिष्य आनंद गिरि समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से घटना की विस्तृत जानकारी लेते हुए कहा है कि नरेन्द्र गिरि की मौत के जिम्मेदार लोग कार्रवाई से बच नहीं पाएंगे और जल्द ही सभी दोषी सलाखों के पीछे नजर आएंगे।

कुम्भ के दौरान गृह मंत्री के साथ स्नान करते अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि (फाइल फोटो}
कुम्भ के दौरान गृह मंत्री के साथ स्नान करते अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि (फाइल फोटो}

साधु-संतों के साथ हो रहीं अनहोनियां मठ, मंदिर और अखाड़ों की व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े करते नजर आती हैं। वर्षों बाद भी लोग रुहेलखंड के प्रमुख धर्मस्थान बरेली स्थित अलखनाथ मंदिर के महंत बाबा धर्मगिरि की हत्या को भूले नहीं हैं। महंत धर्मगिरि की सरेशाम मंदिर के अंदर उनकी गद्दी पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। महंत की हत्या से गुस्साए लोगों ने मौके से भाग रहे एक हत्यारोपी को पीट-पीटकर मौत के घाट भी उतार दिया था। हत्याकांड में विरोधी गुट के साधु बाबा बालक गिरि समेत कई लोगों पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी और जेल भी गए थे मगर पुलिस की कमजोर तफ्तीश और लचर पैरवी के चलते आरोपी मुकदमे से बरी हो गए। स्थानीय लोग अब तक यही चर्चा करते देखे जाते हैं कि अलखनाथ के महंत बाबा धर्मगिरि को रास्ते से ठिकाने में भूमाफिया का हाथ था, जो पुलिस की मेहरबानियों से साफ बच गए।

 अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के अंतिम दर्शन करते मुख्यमंत्री
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के अंतिम दर्शन करते मुख्यमंत्री

एक महंत धर्मगिरि क्या, बरेली में कई और साधुओं की हत्या भी इसी तरह से की जा चुकी है। 13 फरवरी 2010 को बरेली के धोपेश्वरनाथ मंदिर में महंत गोकरननाथ गिरी को भी ठिकाने लगा दिया गया था। 15 अगस्त 2013 को अलखनाथ मंदिर में साधु नीरज गिरि की हत्या कर दी गई। इसके बाद 2014 में बरेली में बहेडी स्थित मठ में एक साधु को कुल्हाड़ी से काट दिया गया। 12 मई 2019 को बरेली के धोपामंदिर में महंत रामचन्द्र गिरी की जान भी ले ली गई

कुछ माह पहले बरेली में सिविल लाइंस में एक बाल साधु का शव बरामद हो चुका है। इसी तरह प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े के सचिव आशीष गिरि की 17 नवंबर 2019 की सुबह संदिग्ध हाल में गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस ने मामला सुसाइड का माना, हालांकि यह राज अब तक सामने नहीं आया है कि आशीष गिरि ने सुसाइड क्यों किया?

सुसाइड नोट
सुसाइड नोट

इससे पहले 2013 में प्रयागराज से स्वामी परिपूर्णानंद कुंभ के दौरान रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। आज तक उनका सुराग नहीं लगा। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य परिपूर्णानंद कुंभ में चतुष्पद की मांग लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे। कई दिन विरोध प्रदर्शन चला था। यहां ये भी बता दें कि पूर्व में जब स्वामी नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के बीच विवाद बढ़ा था तो आनंद गिरि ने कहा था कि निरंजनी अखाड़े से जुड़े महंत आशीष गिरि और महंत दिगंबर गंगापुरी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौतों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

अखाड़ो व मठों के साधुओं की संदिग्ध मौतों की गुत्थी अभी खुली भी नही थी कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि के साथ वैसी ही अनहोनी होने से सरकार बड़ी टेंशन में नजर आ रही है। देखना ये है कि जांच एजेंसियां कब तक बाबा नरेन्द्र गिरि की मौत के जिम्मेदार असली चेहरों को बेनकाब कर सलाखों के पीछे पहुंचा पाती हैं ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments