बरेली। रुहेलखंड के जिला बरेली में चुनाव दूसरे चरण में है और मतदान की तारीख 14 फरवरी है। कोरोना गाइड लाइंस के चलते चुनाव तमाम की तरह की बंदिशों में रहकर लड़ा जा रहा है। ऐसे में उम्मीदवार जहां डोर टू डो प्रचार में जुटे हैं, वहीं उनके परिवार, करीबी और रिश्तेदार भी जी-जीजान से अपना-अपना रंग जमाने में लगे नजर आ रहे हैं। नवाबगंज में भाजपा उम्मीदवार डॉ. एमपी आर्या और सपा प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार के परिवारों ने चुनाव प्रचार को रोचक मोड़ पर ला दिया है।
नवाबगंज में सीधी-सीधी लड़ाई सपा उम्मीदवार भगवत सरन गंगवार और भाजपा प्रत्याशी डॉ. एमपी आर्या के बीच होने के हालात बन रहे हैं। ऐसे में ही दोनों खेमे प्रचार में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे। अभी तक तो चुनावी रण में उम्मीदवार व उनके समर्थक ही चुनावी रणभूमि में अपने दौड़ लगा रहे थे मगर अब उनके बेटा, बेटी, बहू और नाती-पोते भी मैदान में उतर आए हैं। काेरोना पाबंदियों के बीच लड़े जा रहे इस चुनाव में प्रचार भी उसी अंदाज में होता दिखाई दे रहा है।
नवाबगंज से भाजपा प्रत्याशी डॉ. एमपी आर्या की बेटी डॉ. पल्लवी गंगवार अपने पिता के प्रचार में दिन-रात एक करती दिखाई दे रही हैं। डॉ. पल्लवी लखनऊ में चिकित्सक हैं। उन्होंने लखनऊ और दिल्ली से मेडिकल की पढ़ाई की है। पिता चुनाव लड़ रहे हैं तो डॉ. पल्लवी सभी काम छोड़कर नबावगंज में प्रचार कर रही हैं। प्रचार की भूमि में वह अपने साथ कुछ महिलाओं को लेकर नारीशक्ति की एकजुटता का नारा बुलंद कर रही हैं और भाजपा सरकार की योजनाएं व नीतियां गिनाकर पिता डॉ. एमपी आर्या के लिए वोट मांग रही हैं।
दूसरी ओर, सपा उम्मीदवार भगवत सरन गंगवार की ताकत बढ़ाने उनके स्टूडेंट नाती चैतन्य गंगवार उर्फ कन्हैया मैदान में कूद पड़े हैं। कन्हैया गंगवार भगवत सरन के पुत्र स्व. अतुल गंगवार के बड़े बेटे हैं और अभी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। दादा भगवत सरन गंगवार चुनाव लड़ रहे हैं तो कन्हैया क्षेत्र के नौजवानों को साथ लेकर प्रचार का रंग जमाने में लगे हैँ। वह गांव-गांव जाकर दादा जी के लिए वोट मांग रहे हैं। साथ ही समाजवादी नीतियां और पिछली सपा सरकारों में हुए विकास कार्यों के आधार पर लोगों से दादा भगवत सरन गंगवार के लिए चुनावी समर्थन मांग रहे हैं।
अनूप गुप्ता/ शकील अंसारी