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बरेली की स‍ियासत में नए रंग, चुनावी ख‍िलाड़ी ताऊ वीरपाल तो श‍िवपाल के संग, भतीजे आदेश गुड्डू अख‍िलेश कैंप से लड़ना चाह रहे चुनावी जंग

बरेली। सपा-प्रसपा जैसी स‍ियासत और वैसे ही र‍िश्‍तों की उलझन बरेली में भी नजर आ रही है। कई दशक समाजवादी पार्टी के ज‍िलाध्‍यक्ष, मंंडल अध्‍यक्ष, राज्‍यसभा सदस्‍य और नेताजी मुलायम स‍िंह यादव के बेहद करीबी चेहरों में से एक रहे वीरपाल स‍िंह यादव अब श‍िवपाल स‍िंह यादव के संग खडे हैं। दूसरी ओर, पर‍िवार के र‍िश्‍तों में तल्‍खी के बीच वीरपाल स‍िंह के सगे भतीजे आदेश यादव गुड्डू यहां अख‍िलेश यादव कैंप में खड़े नजर आ रहे हैं। इससे आगे की कहानी ये है क‍ि राजनीत‍ि के माह‍िर ख‍िलाड़ी वीरपाल स‍िंह जहां 2022 के चुनावी ऐलान को लेकर फ‍िलहाल मौन नजर आ रहे हैं, वहीं भतीजे आदेश गुड्डू ब‍िथरी सेे व‍िध‍िवत आवेेेेदन कर आगामी व‍िधानसभा चुनाव के ल‍िए सपा से ट‍िकट मांग रहे हैं।

वीरपाल स‍िंह यादव रुहेलखंड की राजनीत‍ि का बड़ा नाम माने जाते हैं। 2007 में सपा सरकार के समय मध्‍य यूपी में वीरपाल के प्रभाव को देखते हुए लोग उनका कद म‍िनी मुख्‍यमंत्री के रूप में तौलकर देखते थे। क्‍या नेता और क्‍या अफसर, नीत‍िगत मसलों में उनसे बगैर राय ल‍िए कोई काम नहीं करते थे। कम‍िश्‍नरी और जोन के टॉप अध‍िकारी भी वीरपाल स‍िंह के गांव त्र‍िकुन‍िया में समय-समय पर जाकर हा‍ज‍िरी लगाते थे। समाजवादी पार्टी के उदय के बाद स‍िर्फ दो साल की बात छोड़ दें तो वीरपाल प्रसपा के अस्‍त‍ित्‍व में आने तक कई दशक बरेली के ज‍िलाध्‍यक्ष रहे। आज की तरह ज‍िलाध्‍यक्ष से पूछे ब‍िना हाईकमान के स्‍तर से न क्षेत्रीय संगठन में पद बंटते थे और न चुनावी ट‍िकट। कभी-कभार कोई नेता ज्‍यादा जोर-स‍िफार‍िश पर सपा में कोई पद ले भी आता था, तो बहुत जल्‍दी वह पद‍ व‍िहीन भी नजर आता था। अरव‍िंद यादव, संदेश कनौज‍िया, रामकृष्‍ण शुक्‍ला की कहानी क‍िसी से छ‍िपी नहीं है, जो ऊपर से पद तो ले आए थे मगर वीरपाल व‍िरोध में फजीहत के बाद जल्‍दी ही संगठन से आउट होकर रह गए। सैफई पर‍िवार में ब‍िखराव के बाद जब श‍िवपाल स‍िंह यादव ने प्रगत‍िशील समाजवादी पार्टी लोह‍िया बनाई तो वीरपाल उनके साथ हो ल‍िए। अभी वह प्रसपा संगठन में यूपी के मुख्‍य महासच‍िव हैं।

सैफई पर‍िवार की तरह वीरपाल स‍िंह की त्र‍िकुन‍िया फैम‍िली में भी उसी तरह के ब‍िखराव की खबरे हैं। वीरपाल जहां प्रसपा की कमान संभाल रहे हैं, वहीं उनके सगे भतीजे आलमपुर जाफराबाद के पूर्व ब्‍लाक प्रमख आदेश यादव गुड्डू अलग राह चुनते हुए बरेली समाजवादी पार्टी के मंचों पर ज‍िंंदाबाद-मुर्दाबाद करते नजर आ रहे हैं। आदेश गुड्डू की ब्‍लाक प्रमुखी कुर्सी जा चुकी है। वैसे वीरपाल के त्र‍िकुन‍िया पर‍िवार में पुत्रबधू कंचन यादव ज‍िला पंचायत सदस्‍य हैं। दूसरे भतीजे व‍िनोद यादव का भी ज‍िला पंचायत सदस्‍य की कुर्सी पर कब्‍जा है। वीरपाल के भाई और आदेश गुड्डू के प‍िता रामभाग स‍िंह यादव त्र‍िकुन‍िया प्रधान हैं। अभी तक तो पर‍िवार वार के पूरेे राजनैत‍िक वजूद का पूूूूरा श्रेेेय वीरपाल स‍िंंह यादव को ही जाता है मगर आगे को लेकर भतीजे आदेश गुड्डू की राह ताऊ से जुदा नजर आ रही है।

ताऊ से र‍िश्‍ते में तल्‍खी के बीच आदेश गुड्डू ब‍िथरी सेे एमएलए बनने के ख्‍वाब संंजो रहे हैं। इसकेेे ल‍िए आदेश गुड्डू ने सपा प्रदेश कार्यालय लखनऊ में सभी औपचार‍िकताएं पूूरी करने के साथ ब‍िथरी व‍िधानसभा से ट‍िकट केे ल‍िए आवेदन कर द‍िया है। फोन पर बातचीत में आदेेेेश गुड्डू ने टीम खबरची से कहा क‍ि वह सपा से ट‍िकट मांंग रहे हैं। पार्टी मौका देगी तो पूूूूरी ताकत से चुनाव लडेंगे। और अगर सपा से ट‍िकट म‍िलने पर सामने चुनाव में ताऊ वीरपाल स‍िंह यादव भी उतरे तो ? इस सवाल पर आदेश गुड्डू स‍िर्फ इतना बोले क‍ि राजनीत‍ि में आगे को लेकर पहले से क्‍या कहा जा सकता है!

2022 के चुनावी ऐलान पर फ‍िलहाल वीरपाल स‍िंह यादव का मौन

पूर्व राज्‍यसभा सदस्‍य एवं प्रसपा के यूपी में मुख्‍य महासच‍िव वीरपाल स‍िंह स‍ियासी ब‍िसात पर हर तरह की गोट ब‍िछाना जानते हैं। कई दशक समाजवादी पार्टी के ज‍िलाध्‍यक्ष रहते उन्‍होंने न जाने क‍ितने ख‍िलाड़़‍ि़यों को चुनावी राजनीत‍ि में फ‍िट कराया। हालांक‍ि वह दो बार व‍िधानसभा चुनाव लड़ने के बाद भी एक बार भी खुद जीत की दहलीज तक नहीं छू सके। पहली बार वह सन्‍हा सीट (आज की ब‍िथरी) से सपा की ट‍िकट पर चुनाव लड़े थे। उस वक्‍त उनका मुकाबला भाजपा की सुमनलता स‍िंंह और बसपा के धर्मेन्‍द्र कश्‍यप से था। एक-एक वोट के ल‍िए कशमकश भरे मुकाबले में वीरपाल कुछ सौ वोटों से चुनाव हार गए। जीत का स्‍वाद चखने का मौका उस वक्‍त राजनीत‍ि के नवेले ख‍िलाड़ी धर्मेन्‍द्र कश्‍यप को चखने को म‍िला, जो बाद में सपा सरकार बनने पर उसमें शाम‍िल होकर मंत्री बने। धर्मेन्‍द्र अभी आंवला से दूसरी बार भाजपा के सांसद हैं। वीरपाल इसके बाद 2017 में सपा से फ‍िर ब‍िथरी के मैदान में उतरे मगर 77 हजार वोट पाकर भी भाजपा उम्‍मीदवार से मात खा बैठे। अब वह श‍िवपाल की प्रसपा में है। 2022 की चुनावी तैयारी को लेकर टीम खबरची से बातचीत में वीरपाल ने कहा क‍ि आगे को लेकर अभी कुछ कहना जल्‍दबाजी होगा। व‍िधानसभा चुनाव में हमारी प्रसपा की रणनीत‍ि क्‍या बनती है, इस पर बहुत कुछ न‍िर्भर रहेगा।

खबरची ब्‍यूरो

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