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पूर्व आंवला सांसद राजवीर सिंह का निधन, अटल-आडवाणी-कल्याण सिंह के रहे थे बेहद करीबी, तीन बार भाजपा से जीतकर पहुंचे थे लोकसभा

बरेली। आंवला लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे राजवीर सिंह का लंबी बीमारी के बाद नोएडा के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 83 बरस के थे और काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। पूर्व सांसद राजवीर सिंह जनसंघ, जनता पार्टी, भाजपा में सांगठनिक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे और उनकी गिनती पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई, पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह के बेहद करीबी चेहरों में होती थी। 2004 में राजवीर सिंह को नेताजी मुलायम सिंह यादव ने सपा ज्वाइन कराई थी और आंवला से चुनाव लड़ाया था। बढ़ती उम्र और शारीरिक दिक्क्तों के चलते राजवीर सिंह बाद में राजनैतिक रूप से सक्रिय तो नहीं रहे मगर उन्होंने सपा कभी नहीं छोड़ी थी। 

यूपी की आंवला सीट से तीन बार भाजपा सांसद रहे राजवीर सिंह का निधन।

पूर्व सांसद राजवीर सिंह गिनती रुहेलखंड के ऐसे जमीनी पकड़ वाले नेता के रूप होती थी, जिन्होंने विवादों से दूर रहकर जनता की सेवा की और शुचिता की राजनीति करते हुए अपनी छाप छोड़ी। 15 अक्टूबर 1938 को पैदा हुए राजवीर सिंह जनसंघ के सैक्रेटरी, जनता पार्टी के महासचिव, यूपी भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और एवं भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके थे। वह 1989, 1991 और 1998 में बरेली की आंवला लोकसभा सीट से भाजपा की टिकट पर सांसद चुनकर दिल्ली पहुंचे थे।

आंवला से तीन बार भाजपा सांसद रहे राजवीर सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन।

2004 में उनका भाजपा से मोहभंग हो गया था और नेताजी मुलायम सिंह यादव के कहने पर उन्होंने सपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था मगर करीबी मुकाबले में वह जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार कुंवर सर्वराज सिंह से चुनाव हार गए थे। इसके बाद वह राजनैतिक तौर पर सक्रिय नहीं रहे। इसकी बड़ी वजह उनका स्वास्थ्य था, जिसके चलते उन्हें न चाहते हुए भी राजनीति से दूरी बनानी पड़ गई थी।  कभी यूपी भाजपा के शीर्ष नेताओं में शुमार रहे राजवीर सिंह संगठन से सत्ता तक कई दशक चमकते सितारे रहे मगर कार्यकर्ताओं से उनका दिली लगाव कभी कम नहीं हुआ।

यूपी की आंवला सीट से तीन बार भाजपा सांसद रहे राजवीर सिंह का निधन।

करीबी लोग बताते हैं कि पूर्व सांसद राजवीर सिंह जिंदगी में अनुशासन पसंद एवं सादगी परक राजनीति करने वाले चेहरा थे। चाहे अटल बिहारी बाजपेई रहे हों या फिर लालकृष्ण आड़वाणी या कल्याण सिंह, राजवीर सिंह को देखते हुए सभी गले लगाते थे। यह रिश्वों की अमिट इबारत थी कि 2004 में जब राजवीर सिंह समाजवादी टिकट पर आंवला से लोकसभा चुनाव लड़े थे तो कल्याण सिंह बरेली में भाजपा के प्रचार को आए थे। भाजपा से गठबंधन के चलते आंवला से उस समय कुंवर सर्वराज सिंह जेडीयू की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। कल्याण सिंह ने बरेली लोकसभा क्षेत्र में तो जनसभा की मगर राजवीर सिंह से करीबी रिश्तों के चलते आंवला क्षेत्र में रैली करने से साफ मना कर दिया था।

आंवला से तीन बार भाजपा सांसद रहे राजवीर सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन(
आंवला से तीन बार भाजपा सांसद रहे राजवीर सिंह का निधन, वह 83 बरस के थे और काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे।

पूर्व सांसद राजवीर सिंह काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। हाल में उनके बेटे धीरेन्द्र सिंह धीरू को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी ज्वाइन कराई थी। उसके बाद माना जा रहा था कि राजवीर सिंह अपने बेटे को संगठन एवं चुनावी राजनीति में आगे बढ़ते देखेंगे मगर उससे पहले ही वह दुनिया छोड़ गए। पूर्व सांसद राजवीर सिंह ने बुधवार सुबह नोएडा के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्होंने अपने पीछे पुत्र धीरेन्द्र सिंह धीरू एवं बेटी के साथ भरापूरा परिवार छोड़ा है। पूर्व सांसद राजवीर सिंह के निधन से रुहेलखंड से राजनीति का ऐसा सितारा छिन गया है, जिनको लोग कभी भुला नहीं पाएंगे।

खबरची ब्यूरो बरेली 

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