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बरेली: अस्‍पताल में बच्‍चे के स‍िर का ऑपरेशन हुआ पेट का नहीं, डॉ. अनीस बेग बोले…झूठी बातों से पहुंची ठेस करेंगे मानहान‍ि का केस, एडीजी ने सीओ को सौंपी जांच

बरेली। पीलीभीत के बच्‍चे की कथ‍ित रूप से क‍िडनी न‍िकाले जाने की खबरों का बेग हॉस्‍प‍िटल के डायरेक्‍टर डॉ. अनीस बेग ने कड़े शब्‍दों में खंडन क‍िया है और बदनाम करने के ल‍िए रची जा रही झूूूूठी सा‍ज‍िश करार द‍िया है। डॉ. बेग ने कहा है क‍ि न तो उनके अस्‍पताल में नेफ्रोलोज‍िस्‍ट हैं और न क‍िडनी ट्रांसप्‍लांट सेंटर। हेडइंजरी के चलते बच्‍चे के स‍िर का ऑपरेशन क‍िया गया था और उसके बाद कई द‍िन बेंटीलेटर पर रखे जाने की वजह से कृत्र‍िम श्‍वांस द‍िए जाने को ट्रैकस्‍टॉमी हुुुई थी। पेट का ऑपरेशन तो हुआ ही नहीं। स‍िर के ऑपरेशन के बाद बच्‍चा धीमे-धीमे ठीक हो रहा था। अचानक घरवाले उसे ले गए। बहुत समझाया गया मगर वे नहीं माने।

सोशल मीड‍िया पर जारी क‍िया वीड‍ियो स्‍टेटमेंट, बताया बच्‍चे के ऑपरेशन का पूरा सच

डॉ. बेग ने बच्‍चे के पर‍िवारवालों की कथ‍ित श‍िकायत को आधार बनाकर सोशल मीड‍िया पर चलाई जा रहीं खबरों को लेकर अपना वीड‍ियो स्‍टेटमेंट जारी क‍िया है। डॉ. बेग का कहना है क‍ि अस्‍पताल प्रबंधन ने मानवता के आधार पर टोटल ब‍िल में से 46 हजार रुपये भी कम क‍िए। बच्‍चे को अस्‍पताल में भर्ती क‍िए जाने और उसके बाद उसे ड‍िस्‍जार्च करते दोनों समय लोकल थाना प्रेमनगर को ल‍िख‍ित में सूचना भी भेजी गई। बच्‍चे के घरवाले बच्‍चे को LAMA ( Left against Medical Advise) कराकर ले गए थे। बच्‍चा उस समय ठीक था और धीरे-धीरे र‍िकवरी कर रहा था।

धीमे-धीमे सुधर रही थी बच्‍चे की हालत, फ‍िर भी बच्‍चे को ले गए घरवाले : डॉ. अनीस बेग  

डॉ. बेग के मुताब‍िक, बच्‍चे के पेट का तो कोई ऑपरेशन ही नहीं हुआ तो क‍िडनी कैसे न‍िकाली जा सकती है। बच्‍चेेेेे को  15 को तारीख को बच्‍चे को न्यूरो सर्जन डॉ. कुंदन के अंडर मेें भर्ती क‍िया गया था। उसेे हेड इंजरी हुई थी और स‍िर में ब्‍लीड‍िंग हो रही थी। हालत बहुत सीर‍ियस थी। डॉ. कुंदन ने उसका सफल ऑपरेेेेेशन क‍िया। इसके बाद उसे वैंटीलेटर पर ले ल‍िया गया। चौथे द‍िन उसके गले से कृत्र‍िम श्‍वांस का रास्‍ता बनाया गया। कोई बच्‍चा जब कई द‍िन वैंटीलेटर पर रहता है तो उसकी ट्रैकस्‍टॉमी कर इंस्‍ट्रूमेंटल श्‍वांस दी जाती है। इसके बाद बच्‍चे की हालत में सुधार आ रहा था। 10वें द‍िन घरवाले कहने लगे क‍ि उनके पास पैसे का इंतजाम नहीं है, इसल‍िए बच्‍चे की छुट़टी कर दें। उनको बताया भी बच्‍चा ठीक हो जाएगा मगर वे उसे लामा कराकर ले गए थे।

‘अस्‍पताल ने मानवता का फर्ज न‍िभाया, इलाज के टोटल ब‍िल से 46 हजार रुपये भी कम क‍िए’ 

डॉ. बेग ने कहा क‍ि मानवता का फर्ज न‍िभाते हुए ब‍िल में से 46 रुपए भी कम कराए। इसके बाद भी झूठे आरोप लगाना अस्‍पताल के ख‍िलाफ साज‍िश है। वह झूठ फैलाने वालों के ख‍िलाफ मानहान‍ि का केस करेंगे। बच्‍चेे के शव का पोस्‍टमार्टम कराया जाता तो सच्‍चाई खुद सामने आ जाती। पोस्‍टमार्टम कराया नहीं गया और बगैर बेस और प्रूफ के खबरें नहीं चलाई जानी चाह‍िए। इससे मानवता का काम करने वाले डॉक्‍टरी पेशे को ठेस लगती है। यहां बता दें क‍ि सोशल मीड‍िया पर कुछ ऐसी खबरें सामने आई थीं, ज‍िसमें पीलीभीत के गजरौला थाना क्षेत्र के गांव मुडासेमनगर पडरी के रहने वाले गंगाराम की श‍िकायत को आधार बनाया गया था। आरोप लगाया गया था बरेली के बेग अस्‍पताल में कथ‍ित रूप से गंगाराम के बेटे की क‍िडनी-गुर्दा सब न‍िकाल ल‍िए गए। इस बच्‍चे की मौत हो गई थी। हालांक‍ि घरवालों ने शव का पोस्‍टमार्टम नहीं कराया गया था, जबक‍ि इस तरह के मामले में मेड‍िकल जांच के ल‍िए पोस्‍टमार्टम जरूरी होता है।

श‍िकायत पर एडीजी ने सीओ स‍िटी प्रथम को सोंपी मामले की जांच 

सोशल मीड‍िया के जर‍िए मामला संज्ञान में आने पर एडीजी बरेली ने ट़वीट कर जानकारी दी है क‍ि सीओ प्रथम बरेली को जांच कर वैधान‍िक कार्रवाई के न‍िर्देश द‍िए गए हैं। अस्‍पताल के डायरेक्‍टर डॉ. अनीस बेग ने टीम खबरची से मोबाइल पर हुई बातचीत में कहा क‍ि उनके अस्‍पताल को बदनाम करने के ल‍िए बेबुन‍ियाद और झूठी बातें प्रचार‍ित की जा रही हैं, जबक‍ि इस तरह के आरोपों में कोई सच्‍चाई नहीं है। उन्‍होंने हमेशा मानवता का फर्ज न‍िभाते हुए मरीजों की मदद की जाती है। इस केस में बच्‍चे के इलाज के टोटल ब‍िल में 46 रुपये छोड़े गए थे। आरोप पूरी तरह गलत हैं।

खबरची ब्‍यूरो

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