बरेली। खबर बरेली की जिला जेल से है, जहां एक होटल कारोबारी की अचानक मौत हो गयी। हसनैन कुरैशी (40) को पुलिस ने ताजियों को लेकर दो साल पहले हुए विवाद के मामले में जेल भेजा था।
परिजनों का आरोप है कि कैंट थाने की पुलिस उनको 24 सितंबर की रात कथित रूप से पीटते हुए घर से लेकर गयी थी। घर में तोड़फोड़ भी की थी। अगले दिन उनको जेल भेज दिया गया था। सोमवार दोपहर कैंट पुलिस के जरिये घर ख़बर पहुंची कि हसनैन की तबियत खराब है और उनको जेल से जिला अस्पताल रेफर किया गया है। अस्पताल में घरवालों को बताया गया कि यहां तो जेल से हसनैन की लाश आयी थी। उनकी मौत पहले ही हो चुकी थी।
हसनैन की मौत कैसे हुई, इसे लेकर घरवाले पुलिस और जेल प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं। भाई बिलाल का कहना है कि 2018 में ताजियों को लेकर जब विवाद हुआ था, उस वक्त हसनैन अपनी पत्नी रूबी और बच्चों के संग जयपुर थे। वहां वे होटल का कारोबार करते थे। ठिरिया टाउन के सभासद फुरखान खान ने ख़बरची टीम से बातचीत में कहा कि जो लोग विवाद के वक्त यहां नहीं थे, पुलिस ने उनको भी मुकदमे में फंसा दिया गया। कई दर्जन लोग जेल भेज दिए गए। हसनैन तो बेकसूर था। कोरोना की वजह से जयपुर में काम ठप पड़ा था, इस वजह से हसनैन यहाँ पैतृक निवास ठिरिया में पत्नी-बच्चों के साथ रह रहे थे। वह पूरी तरह स्वस्थ थे। ऐसे अचानक उनकी मौत गले नहीं उतरती। परिवार के लोग मौत का कारण पिटाई के बाद जेल में सही इलाज नहीं मिलना बताते हुए जांच की मांग कर रहे हैं। हसनैन की मौत की वजह क्या रही, यह सच्चाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद ही पता लगेगी। फिलहाल आरोपों के दौर जारी हैं। इस मामले में अभी जेल प्रशासन का कोई बयान सामने नहीं आया है।
सपा नेताओं ने उठाई निष्पक्ष जांच की मांग
जिला जेल में होटल कारोबारी हसनैन कुरैशी की मौत पर विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के नेताओं ने सवाल उठाए हैं। मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड के निवर्तमान राष्ट्रीय महासचिव सूरज यादव और बरेली सपा के पूर्व प्रवक्ता डॉ. योगेश यादव ने कहा है कि कोरोना की वजह से जेल में हसनैन की घरवालों से मिलाई नहीं हुई। एक भला-चंगा कारोबारी को पुलिस घर से गिरफ्तार करती है और अगले दिन उसका चालान करती है। कुछ दिन बाद जेल से हसनैन की मौत की खबर आती है। मामला गंभीर नजर आ रहा है। प्रशासन को मामले की तुरंत निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।
ख़बरची/ अमित नारायण शर्मा-अजय शर्मा