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बरेली में समाजवादी लड़ाई: भगवा कृपा का कमाल देखो…ज‍िन वीरों ने पार्टी की लुट‍िया डुबोई, भाजपा की सत्‍ता में उनको घर बैठे म‍िल रही मलाई

बरेली। ज‍िला पंचायत अध्‍यक्ष चुनाव में सपा उम्‍मीवार के ख‍िलाफ क्रॉस वोट‍िंग कर बरेली में पार्टी की क‍िरक‍िरी कराने वाले नेताओं पर भगवा कृपा अब खुलकर बरस रही है। ब्‍लॉक प्रमुख चुनाव में खुद सत्‍ताधारी कैंप ने भुता और फतेहगंज पश्‍च‍िमी में सपा उम्‍मीदवार के ख‍िलाफ प्रत्‍याशी नहीं उतारा। सपा में बरेली से लखनऊ तक शोर उठा तो आनन-फानन में ऐसा भाजपा ने पश्‍च‍िमी में ऐसे चेहरे को उम्‍मीदवार के रूप में पेश कर द‍िया, ज‍िसे स्‍थानीय लोेग चुनावी औपचार‍िकता से ज्‍यादा कुछ नहीं बता रहे। 

पूर्व व‍िधायक महीपाल स‍िंंह और उनके पास-दूर के यादवी र‍िश्‍तेदारों पर ज‍िला पंचायत अध्‍यक्ष चुनाव में सपा उम्‍मीदवार व‍िनीता गंगवार का साथ नहीं देने की चर्चा समाजवादी पार्टी में सबकी जुबान है। प्रत्‍याशी और उनके अनुभवी रणनीत‍िकार कई द‍िन की माथापच्‍ची के बाद इस बात पूरी स्‍कूटनी कर चुके हैं क‍ि फरीदपुर, आलमपुर जाफराबाद से आंवला तक तीन यादव ज‍िला पंचायतों सदस्‍यों के अलावा बाकी सभी ने व‍िरोध की राह पर गए महीपाल स‍िंंह यादव का साथ न‍िभाया। चुुुुनाव में यादव समाज के 10 ज‍िला पंचायत सदस्‍य जीतकर आए थे। चर्चा आम है क‍ि सपा उम्‍मीदवार को ज‍िला पंचायत अध्‍यक्ष चुनाव में फरीदपुर-क्‍यारा ब्‍लॉक (संयुक्‍त) से 1, मझगवां से 1 और रामनगर से 1 सदस्‍य को छोड़कर बाकी 8 यादवी चेहरों ने कथ‍ित रूप से क्रॉस वोट‍िंग की। यही वजह रही क‍ि पार्टी के 26 सदस्‍यों की घोष‍ित ताकत रखने वाली व‍िनीता गंगवार को चुनाव में स‍िर्फ 19 वोट नसीब हो सके। भाजपा के छ न‍िर्दल-गैर दल वाले मैंबरों ने सपा उम्‍मीदवार का साथ न‍िभाया न होता तो कहानी और भी खराब हो सकती थी।

महीपाल के पर‍िवार, र‍िश्‍तेदार और करीब‍ियों पर चुनाव में सपा उम्‍मीदवार से भ‍ितरघात करने के खुले आरोप र‍िजल्‍ट आने के बाद से ही लग रहे थे। भुता से ब्‍लॉक प्रमुखी चुनाव में महीपाल के भाई जगमोहन स‍िंंह यादव की पुत्रबधू यशू यादव के ख‍िलाफ भाजपा ने प्रत्‍याशी न उतारकर उनके न‍िर्व‍िरोध न‍िर्वाचन की राह ऐसे ही नहीं खोली है। चर्चा है क‍ि भुता में महीपाल खेमे के साथ कुछ और जगहों पर उम्मीदवारों को वाक ओवर देने की भाजपाई पटकथा ज‍िला पंचायत अध्‍यक्ष चुनाव से पहले ही तैयार हो गई थी। पहले एक भाजपा व‍िधायक का ब्राह़मण चेहरा भुता के मैदान में आने की तैयारी था मगर महीपाल ने ऐसा मैनेजमेंट क‍िया क‍ि वहां उनके सामने पंड‍ितजी खुद घर बैठ गए। इसके बाद भाजपा से अुर्जन पटेल ने भुता के मैदान में भाजपा से ताल ठोंकी तो लखनऊ के इशारे पर कुछ द‍िन महीपाल खेमे से रार-तकरार की ड्रामेबाजी कर अर्जुन भी अपना ब‍िस्‍तर समेट गए। सपाई खेमे की मदद के भाजपाई दांव की पुष्‍ट‍ि कल उस वक्‍त पूरी तरह हो गई, जब भगवा कैंप ने कल जारी अपनी पहली सूची में भुता के साथ फतेहगंज पश्‍च‍िमी भी अपना उम्‍मीदवार नहीं उतारा। फतेहगंज पश्‍च‍िमी ब्‍लॉक से सपा के ज‍िला महासच‍िव सत्‍येन्‍द्र यादव के भाई ज‍ितेन्‍द्र यादव की पत्‍नी पार्टी उम्‍मीदवार हैं।

महीपाल के पर‍िवार की बहू की तरह सत्‍येन्‍द्र की भाभी को भाजपा ने अपनी सूची में ज‍िस तरह से वाक ओवर द‍िया, उसे लेकर खुद सपा का ज‍िला संगठन टेंशन में आ गया। यह बात तुरंत ही बरेली से लेकर लखनऊ तक की फ‍िजां में भी तैरने लगी। इसके बाद फोन-घनघनाए तो भाजपा ने कई घंटे बाद फतेहगंज पश्‍च‍िमी से एक चेहरा खोजकर उसे अपना उम्‍मीदवार बना द‍िया। हालांक‍ि इसके पीछे भी भगवा कृपा ही बताई जा रही है, क्‍योंक‍ि द‍िल-द‍िमाग और ताकत से चुनाव लडने वाले चेहरे प‍िछले एक महीने से द‍िन-रात एक क‍िए हैं। अपने सदस्‍यों को पहाड़ों पर घुमाते देखे जा रहे हैं। वहीं, ऐन वकत पर फतेहगंंज पश्‍च‍िमी के मैदान में उतारेे गए भाजपाई चेहरे ने नामांकन से पहले से तक अपना होमवर्क भी शुरू नहीं क‍िया है। इसे लेकर समाजवादी कैंप में मीरगंज-पश्‍च‍िमी से द‍िल्‍ली के होटल तक पहले गूंजता रहा म‍िली जुली सरकार पर बना गाना ‘तारा-तारा’ गुनगुना रहे हैं।

बहरहाल ब्‍लॉक प्रमुखी चुनाव में भाजपा की सूची ने साफ कर द‍िया है क‍ि समाजवादी कैंप में उसके कृपापात्र मौजूद हैं। ज‍िला पंचायत चुनाव से ब्‍लॉक प्रमुखी के मैदान तक भगवा कृपा और उसके मैनेजमेंट की कहानी शीशे की तरफ उसने खुद साफ कर दी है। सपा के अंदर हो रही चर्चा के बारे में भी बता देना जरूरी है क‍ि बरेली में शेरगढ़ और भदपुरा सह‍ित कुछ ही जगहों पर सपाई जीत के ल‍िए जोर लगा रहे हैं, बाकी जगह तो बस औपचार‍िकता न‍िभा रहे हैं। आलमपुर जाफराबाद, क्‍यारा और मझगवां में तो सपा को द‍िखावे के ल‍िए भी अभी तक प्रत्‍याशी नहीं म‍िल रहे हैं। सपा ज‍िला संगठन की अदूरदर्शिता और स्‍थानीय नेताओं स्‍वांग कुछ ऐसा है क‍ि न‍िष्‍ठावान समाजवादी अपना माथा पीट रहे हैं। आलमपुर जाफराबाद के पूर्व ब्‍लॉक प्रमुख एवं प्रसपा नेता वीरपाल स‍िंंह यादव के भतीजे आदेश यादव गुड़डू अपने खुद के क्षेत्र में ब्‍लॉक प्रमुख चुनाव के ल‍िए उम्‍मीदवार खोज नहीं सके, ज‍िला संगठन के कहने पर वह उस ईरान के तूरानफ दमखोदा में सपा उम्‍मीदवार की ताकत बढ़ाने गए हैं, जहां दो-चार लोग भी उनको नहीं जानते हैं। सच तो ये है क‍ि बरेली के अंदर ज‍िला पंचायत चुनाव में व‍िशेष गुण वाले सपाई सूरमाओं ने ज‍िस तरह भाजपा की मदद ज‍िला पंचायत अध्‍यक्ष चुनाव में पार्टी की लुट‍िया डुबाई थी, वैसे ही सपा के खाने-खराब ब्‍लॉक प्रमुखी चुनाव में करा द‍िए हैं।

तीन र‍िश्‍तेदार न‍िराले : एक प्रोग्रेस‍िव मैनेजर तो बाकी दो सपाई क्रॉस वोटर  

समाजवादी कैंप में ज‍िला पंचायत चुनाव को लेकर एक चर्चा और भी खुलकर हो रही है। प्रोग्रेस‍िव कैंप के साथ भाजपा खेमे में अक्‍सर नजर आने वाले एक र‍िश्‍तेदार के दो करीबी र‍िश्‍तेदार अबकी बार सपा से ज‍िला पंचायत सदस्‍य चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। दोनों र‍िश्‍तेदारों को को भाजपा उम्‍मीदवार के पक्ष में मैनेज करने का ज‍िम्‍मा नंबर-1 र‍िश्‍तेदार के ऊपर आया। उन्‍होंने प्रोग्रेस‍िव समाजवादी होकर भाजपा के ल‍िए बखूबी मैनेजमेंट संभाला और भाजपा काम पूरा कर द‍िया।

बरेली में ज‍िला संगठन की कहानी: नो मैनेजमेंट और नो कमेंट 

बरेली में सपा संगठन की कहानी कुछ ऐसी द‍िखाई दे रही है, ज‍िसका चुनावी मैनेजमेंट तो अजब-गजब है ही, उसके पास सच बोलने को भी शब्‍द नहीं है। ज‍िला पंचायत सदस्‍य का चुनाव होते ही भाजपा का संगठन गैर दल और न‍िर्दल सदस्‍यों को अपने पक्ष में जतन करने लगे थे, तो उस समय सपा संगठन मौन की मुद्रा में था। उम्‍मीदवार के ऐलान के बाद जहां पूरा भाजपा अपने उम्‍मीदवार को ज‍िताने में जुटी, वहीं सपा संगठन स‍िवाय सड़कों पर बेवजह के हंगामे के अलावा कोई और मैनेजमेंट नहीं संभाल सका। अब जबक‍ि भाजपा उम्‍मीदवार के पक्ष में सपा से क्रास वोट‍िंंग करने वाले नेताओं के नाम सबकी जुबान पर हैं, ऐसे वक्‍त में भी समाजवादी संगठन उनका कुछ ब‍िगाड़ने की स्‍थ‍ित में नही है। वजह शायद यही है क‍ि ज‍िन पर भगवा कृपा बरस रही हो, उनके ख‍िलाफ बोलने की ह‍िम्‍मत जुटाए भी तो कैसें ? वैसे समाजवादी कार्यकर्ताओं ने पार्टी के व‍िभीषणों के ख‍िलाफ सोशल मीड‍िया पर खुली जंग छेड़ रखी है। व‍िशेष चेहरों के व‍िशेषण में ऐसे-ऐसे शब्‍द ल‍िखे जा रहे हैं क‍ि बोलना तो दूर, बल्‍क‍ि पढने में भी कलेजा कांपता है। खास बात ये है क‍ि चुनाव में सपा व‍िरोध की पटकथा ल‍िखने वाले गांव और ब्‍लॉक तक त‍िकड़म-त‍िकड़म में सीम‍ित कुछ चेहरे व‍िधानसभा चुनाव में पार्ट से ट‍िकट मांगने वालों में भी सबसे आगे हैं। देखना ये है क‍ि भगवा कृपा की तरह इन पर अख‍िले यादव की क‍ितनी कृपा बरसती है ?

 खबरची ब्‍यूरो 

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