बरेली। फरीदपुर तहसील क्षेत्र में भाजपा के स्थापित नेता अनिल राणा और पार्टी कार्यकर्ता नरेश पाल गुप्ता के बीच जमीनों पर कब्जे की जंग सड़कों पर आ गई है। अनिल राणा जहां भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री हैं वहीं नरेश गुप्ता पार्टी में अपनी सदस्यता संख्या पेश करते हुए खुद को निष्ठावान कार्यकर्ता बताते नजर आ रहे हैं।
अनिल राणा और नरेश गुप्ता के बीच आरपार की लड़ाई की बड़ी वजह फरीदपुर इलाके में बेशकीमती जमीन है। एक तरफ नरेश गुप्ता ने भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री एवं फरीदपुर इलाके के कद़ददावर नेता अनिल राणा पर खुद की जमीन पर जबरन कब्जा कर लिए जाने के कथित आरोप लगाते हुए कार्रवाई न होने पर डीएम कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है। दूसरी ओर, अनिल राणा ने ऐसे ही आरोप नरेश गुप्ता पर लगाते हुए सम्बंधित जमीन पर कोर्ट का अपने पक्ष में स्थगनादेश होने का दावा किया है। हालांकि नरेश गुुुुुप्ता की शिकायत पर हरकत में आए डीएम बरेली नितिश कुमार ने एडीएम सिटी को तत्काल मामले में अपेक्षित कार्यवाही करने के आदेश जारी किए हैं।
नरेश की शिकायत , भाजपा नेता अनिल राणा करवा रहे उनकी जमीन पर निर्माण
नरेश पाल गुप्ता ने डीएम बरेली को दिए शिकायती पत्र में कथित रूप से आरोप लगाया है कि राजस्व ग्राम सराय कस्बा जेड एक में उनकी और बेटों के नाम संक्रमणीय जमीन स्थित है। इस जमीन में से 1.35 करोड़ कीमत का हिस्सा भाजपा नेता अनिल राणा और उनके साथियों ने फरीदपुर तहसील प्रशासन के अफसरों से सांठगांठ कर 34 लोगों के नाम बगैर हक के बेच दी है। नरेश गुप्ता का आरोप है कि अनिल राणा और उनके साथी उनके और बेटों की जमीन पर अवैध रूप से निर्माण करा रहे हैं।
नरेश गुप्ता की चेतावनी , जमीन कब्जा मुक्त नहीं कराई गई तो करेंगे धरना-प्रदर्शन
नरेश पाल गुप्ता का कहना है कि उन्होंने जमीन से अवैध कब्जा हटाए जाने को बरेली पुलिस-प्रशासन के अलावा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंंह से भी गुहार लगाई है मगर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। अगर जमीन को बरेली प्रशासन ने तुरंत कब्जा मुक्त नहीं कराया तो वह 22 सितंबर से बरेली कलेक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन करने करेंगे। शिकायतकर्ता नरेश गुप्ता ने खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताते हुए कथित रूप से पार्टी की अपनी सदस्यता संख्या भी अपने पत्र में लिखी है। नरेश गुप्ता ने खुद को भुता क्षेत्र के ग्राम सुन्हा का पूर्व प्रधान होने की बात शिकायती पत्र में कही है और इसके लिए उन्होंने भाजपा के नाम से छपा लेटर पेड इस्तेमाल किया है।
डीएम ने मामला एडीएम सिटी को सौंपा, तत्काल कार्रवाई के जारी किए आदेश
डीएम बरेली नितिश कुमार ने नरेश गुप्ता की शिकायत को गंभीरता से लेकर मामले में कार्रवाई का जिम्मा एडीएम सिटी को सौंप दिया है। डीएम ने एडीएम को निर्देशित किया है कि वह मामले में तत्काल अपेक्षित कार्रवाई करें। इसके बाद एडीएम ने डीएम के आदेश का हवाला देते हुए एसडीएम फरीदपुर से मामले में 20 सितंबर तक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। जब तक एसडीएम अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों तक भेजते, उससे पहले ही दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच मामला मीडिया और सोशल मीडिया के बीच सुर्खियों में आ गया है। दोनों ही पक्ष एक दूसरे के खिलाफ जमीनों पर अवैध कब्जे के आरोप लगा रहे हैं। वहीं, प्रशासन फिलहाल आरोपों की तह में जाने की कोशिश कर रहा है। जमीनों की लड़ाई का यह पूरा मामला फरीदपुर इलाके में खासी चर्चा का विषय बना हुआ है।
अनिल राणा का पलटवार: आरोप निराधार, नरेश पाल गुप्ता तो खुद ही अपराधी
भाजपा नेता अनिल राणा ने नरेश गुप्ता की शिकायत को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कई बातें कही हैं। टीम खबरची को अनिल राणा ने बताया कि जिस जमीन पर कब्जे की झूठी शिकायत करते हुए नरेश पाल गुप्ता प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, वह हमारी है। जमीन पर कोर्ट से उन्हें स्थगनादेश भी प्राप्त है। सच्चाई तो ये है कि नरेश गुप्ता ने खुद ही सरकारी तालाबा और अन्य जमीनों पर अवैध रूप से कब्जे किए हैं। इसे लेकर उनके खिलाफ कथित रूप से कई मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं और वह जेल भी जा चुके हैं। वह खुद भूमाफिया किस्म के हैं। उनके खिलाफ एसिड अटैक जैसा मामला भी दर्ज हो चुका है। ऐसा व्यक्ति उनकी छवि खराब करने को झूठे शिकायती पत्र पहले से प्रशासन और पुलिस के पास भेजता आ रहा है। रही बात भाजपा कार्यकर्ता होने की तो वह कभी भी पार्टी से नहीं जुड़ा रहा है। सच में वह समाजवादी पार्टी का जिला सचिव रहेे हैं। सपा सरकार में उन्होंने हमारे खिलाफ तहसील में सबके सामने जानलेवा हमले की शिकायत की थी, जो पुलिस की जांच में गलत पाई गई थी। अब भाजपा की सरकार है तो वह हमारेेेेेे खिलाफ जमीन पर कब्जे के मनगढ़ंत आरोप लगाकर बदनाम करने का षडयंत्र कर रहे हैं। जांच में सच्चाई खुद ही सामने आ जाएगी। अनिल राणा ने जवाब में अपनी ओर से भी कई दस्तावेज मीडिया के सामने रखते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है। देखना है कि आरोप-प्रत्यारोप के बीच फरीदपुर में भाजपा के अंदर शुरू हुई यह लड़ाई आगे कहां जाकर विराम लेती है। फिलहाल नरेश पाल गुप्ता की शिकायत और भाजपा नेता अनिल राणा के जवाब के बीच प्रशासन की जांच आगे किस मोड़ पर पहुंचती है। सबकी नजरें अब प्रशासन पर टिकी हैं। बरेली की पूरी भाजपा अभी इस मामले में मौन ही नजर आ रही है।
खबरची: अनुरोध कुमार/ अमित नारायण शर्मा