बरेली। रुहेलखंड के कद़दावर राजनेता एवं बरेली कैंट-बिथरी से दो बार विधायक रहे वीरेन्द्र सिंह को बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर अंतिम विदाई दी। भाजपा, सपा, बसपा के सभी प्रमुख नेताओं के साथ बरेली के व्यापारी, उद्योगपति, पत्रकार, समाजसेवी पूर्व विधायक की आखिरी यात्रा में शामिल हुए और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। गमगीन माहौल मेंं शाम उनकी संजय नगर श्मशान भूमि में अंत्येष्टि की गई।
पूर्व बसपा विधायक वीरेन्द्र सिंंह का आज दोपहर 12:15 बजे पवन विहार स्थित आवास पर निधन हो गया था। वह लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके देहावसान की खबर फैलते ही भारी तादाद में उनके समर्थक, करीब व अन्य लोग पवन विहार पहुंच गए। शाम तक अपने नेता के अंतिम दर्शन को लोग पवन विहार जुटते रहे। जिसने सुना, वही दौड़ा। शाम 5 बजे पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंंह की अंतिम यात्रा का पवन विहार से संजयनगर श्मशान को प्रस्थान हुआ।
भाजपा, सपा, बसपा के प्रमुख नेताओं ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि
संजयनगर श्मशान पहुंचने से पहले ही यहां हजारों की संख्या में लोग पहुंच चुके थे। प्रशासन की ओर से मजिस्ट्रेट के साथ बारादरी इंस्पेक्टर शितांशु शर्मा पुलिस बल के साथ पहले वहां से आ गए। शाम साढ़े पांच बजे पूर्व विधायक की अंतिम यात्रा श्मशान पहुंची। इसके बाद उनकी गमगीन माहौल में अंत्येष्टि हुई। ज्येष्ठ पुत्र आशीष पटेल ने पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंंह को मुखाग्नि दी। इस दौरान परिवार, मित्र, करीबी, रिश्तेदारों के साथ केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार, आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप, मेयर उमेश गौतम, पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार, विधायक अरुण कुमार, विधायक छत्रपाल गंगवार, विधायक डॉ. डीसी वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय सिंह, पूर्व सांसद प्रवीण सिंंह ऐरन, पूर्व एडीएम लक्ष्मीशंकर सिंंह, अमर उजाला के पूर्व महाप्रबंधक रवि शर्मा, सपा जिलाध्यक्ष अगम मौर्या, भाजपा महानगर अध्यक्ष डॉ. केएम अरोड़ा, भाजपा नेता गुलशन आनंद, प्रशांत पटेल, राहुल गुप्ता, योगेश पटेल, भुजेन्द्र गंगवार, देवेंंद्र जोशी, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव, सपा जिला कोषाध्यक्ष रविन्द्र सिंंह यादव, सपा नेता प्रमोद बिष्ट, सूरज यादव, शेरसिंंह गंगवार, बांधूराम गंगवार, संजीव यादव, प्रमोद यादव, अरविंंद यादव, ध्रुव चतुर्वेदी, पूर्व विधायक विजय पाल सिंंह, शाहबाद के पूर्व विधायक आसिफ खान उर्फ बब्बू, बसपा जिलाध्यक्ष जेपी सागर, बसपा कोआर्डीनेटर नरेन्द्र सागर, राजेन्द्र प्रसाद घिल्डियाल, रुहेलखंड विवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष मयंक गंगवार, शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. केपी सिंंह, श्यामसिंंह राठौर समेत हजारों लोग मौजूद रहे।
अपने पीछे छोड़ा भरा-पूरा परिवार और मजबूत राजनैतिक आधार
पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंंह का जन्म 2 मई 1961 को बिथरी ब्लॉक के गांव भगनापुर में निरंजन सिंंह के परिवार में हुआ था। वह सात भाई राजेन्द्र सिंंह, बिजेन्द्र सिंंह, वीरेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह, देवेन्द्र सिंह, धनेन्द्र सिंंह और जितेन्द्र सिंंह व पांच बहनों में तीसरे नंबर के थे। राजनीति में शुरु से दिलचस्पी रखने वाले वीरेन्द्र सिंंह ने राजनीति शास्त्र में उच्चशिक्षा हासिल की। इसके बाद उन्होंने युवावस्था में राजनीति में कदम रख दिया। शुरूआत क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीतकर की। फिर ब्लॉक प्रमुख बने।
यहां से उनका राजनैतिक ग्राफ बढ़ता ही चला गया। 2007 में वह कैंट विधानसभा सीट से विधायक बने। 2012 में उन्होंने बिथरी सीट से विधायकी का दूसरा चुनाव जीता। उनके राजनैतिक कौशल और भाइयों की एकजुटता से परिवार बीडीसी और गांव की प्रधानी से लेकर ब्लाॅक प्रमुख से लेकर जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज रहा। पूूूूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंंह ने अपने पीछे पत्नी विनोदा देेेेवी और दो पुत्र आशीष पटेल, आकाश पटेल के साथ भाई-भतीजोंं का भरा-पूरा परिवार छोड़ा है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उनका परिवार राजनीति के तीनों प्रारूप जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र पंचायत सदस्य और प्रधानी के रण में उतरने को तैयार है।
ये भी जरूर पढ़ें:-
खबरची/ अनुरोध भारद्वाज