बरेली। ये राजनीति जो न कराए वही ठीक। लोग चुनाव लड़ते हैं। कोई हारता है तो किसी के सिर जीत का सेहरा बंधता है। कहीं खुशी कहीं गम के बीच अगर कोई हार के सदमे में और बिरादरी से खफा होकर धर्म बदलने की जिद कर बैठे, तो उसे क्या कहा जाएगा। यूपी के बरेली जिले में एक शख्स ने ऐसा ही ऐलान कर हड़कंप मचा दिया। कुनबे के साथ हिंदू से मुसलमान बनने की तैयारी कर ली थी मगर ऐन वक्त पर भाजपाइयों ने उसके आंगन में घेरा डालकर उसे मना लिया। सुरेश अब धर्म नहीं बदलेगा।
अजब शख्स की यह गजब कहानी बरेली में भदपुरा ब्लॉक के गांव ठिरिया बन्नो जान से सामने आई है। यहां के रहने वाले सुरेश गंगवार ने तीसरी बार गांव से प्रधानी का चुनाव लड़ा था। गांववाले बताते हैं कि सुरेश ने इधर उधर से इंतजाम कर चुनाव में बहुत मोटा पैसा खर्च किया। उसके यहां रोज दावतों के दौर चले। खुद सुरेश का कहना है कि बिरादरी वालों ने उसके यहां जमकर दावतें उड़ाई मगर जब वोट देने की नौबत आई तो सब कन्नी काट गए। लाखों रुपये खर्च कराने के बाद भी उसे चुनाव में महज 46 वोट मिले। सुरेश इससे पहले 2010 में प्रधानी का चुनाव लड़ा था तो उसे 625 वोट मिले थे मगर इसके बाद भी उसे हार का मुंह देखना पड़ा।
2015 में वह फिर चुनावी मैदान में कूदा था। कहा जाता है कि दूसरी बार में बिरादरी वालों ने सुरेश को उसको एक प्रत्याशी के पक्ष में यह कहकर बिठा दिया कि अगली बार उसे शर्तिया प्रधान बनवाएंगे। इस बार मौका आया तो मतदान से पहले तो बिरादरी के लोग उसके यहां नजर आए मगर बूथ में जाकर वोट दूसरे को दे दिया। बुरी तरह हार से टूटा सुरेश बिरादरी वालों द्वारा चुनाव में साथ नहीं देने से इतना कुपित हो गया कि उसने पत्नी और बच्चों के साथ हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम बनने का ऐलान कर दिया। सुरेश की चार बेेेटियां हैं। दो की वह शादी कर चुका है, जबकि अविवाहित हैं। उसने दो बेटियों और पत्नी के साथ धर्म बदलने की तैयारी कर ली। उसने धर्म बदलने को लेकर थाना क्योलड़िया पुलिस को पत्र भी भेज दिया।
सुरेश के ऐलान से इलाके के हिंदू संगठन और सत्तारूढ़ भाजपा के नेता टेंशन में आ गए। बात केन्द्रीय मंत्री और क्षेत्रीय सांसद संतोष गंगवार के दरबार में पहुंची तो उन्होंने इलाके के भाजपा नेता एवं रेलवे बोर्ड के सदस्य भुजेन्द्र गंगवार के साथ भाजपाई टीम को सुरेश गंगवार के घर भेजा। भाजपा नेताओं ने सुरेश को समझाया और उसकी केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार से फोन पर बात भी कराई। मदद और सम्मान मिलने का भरोसा मिलने के बाद सुरेश ने धर्म बदलने का ऐलान वापस ले लिया। भाजपा नेता भुजेन्द्र गंगवार ने टीम खबरची को बताया कि सुरेश धर्म नहीं बदलने को राजी हो गए हैं। गलतफहमी में उन्होंने पत्र लिखा था। समझाने पर वह मान गए हैं।
खबरची/ शकील अहमद अंसारी