बरेली। नबावगंज और भदपुरा भूमि विकास बैंक चुनाव में सपा और भाजपा के बीच तगड़ी जोर आजमाइश होती नजर आ रही है। दोनों ही बैंकों पर अभी तक सपा का कब्जा रहा है। एक ओर जहां समाजवादी पार्टी अपना कब्जा बरकरार रखने को ताकत लगा रही है, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा अपनी जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
चुनावी कशमश के बीच दोनों ही जगहों पर केन्द्रीय मंत्री एवं बरेली से भाजपा सांसद संतोष गंगवार और सपा के पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। सपा ने अपने मौजूदा प्रतिनिधि उमेन्द्र गंगवार को नवाबगंज और मुनेन्द्र गंगवार को भदपुरा बैंक से चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा से पूर्व जिलाध्यक्ष रविन्द्र राठौर नवाबगंज और सुरेश गंगवार भदपुरा से किस्मत आजमा रहे हैं। सपा उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार गांव-गांव दौड़ रहे हैं। वहीं, भाजपा उम्मीदवारों की ताकत बढ़ाने को केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार और उनके साथ क्षेत्रीय विधायक केसर सिंंह गंगवार खास रणनीति के साथ जुटे हैं।
शनिवार को विधायक केसर सिंह गंगवार और पूर्व विधायक भगबत सरन गंगवार ने दर्जनों गॉवों का दौरा कर लोगों से पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में सहयोग की अपील की। शुक्रवार को जब दोनों ही प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित हुए तो इसके बाद तो दोनों ही पार्टियों के नेताओं की गाड़ियां वोटरों के दरवाजे पर दस्तक देने लगीं। सपा वर्तमान ब्लाक प्रमुख पुरुषोत्तम दास और भदपुरा के तीन बार प्रमुख रहे नरोत्तम दास मुन्ना भी अपने साथी मुनेंद्र को जिताने को अपने राजनीतिक अनुभवों का पूरा इस्तेमाल करने में लगे हैं। गन्ना समिति के चेयरमैन अरविंद गंगवार और पूर्व जिला पंचायत सदस्य रवींद्र गंगवार,अरविंद डब्लू,विधानसभा अध्यक्ष अनिल गंगवार तेजप्रकाश गंगवार,भी लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। बीजेपी के नबावगंज ब्लाक प्रमुख विनोद दिवाकर और भदपुरा ब्लाक के दोनों जिला पंचायत सदस्य शशि कपूर बीरेंद्र गंगवार, समेत हेमेंद्र गंगवार,जमुना प्रसाद, सर्वेश गंगवार,राजीब गंगवार,रवि शंकर,ओमप्रकाश पटेल राम मोहन गंगवार समेत सभी कार्यकर्ताओं ने अब मीटिंग के बाद जनसंपर्क तेज कर दिया है। भदपुरा में लगभग 140 गाँव के कुल मतदाता 3401 में हजार से अधिक मृतक होने के चलते लगभग 2000 वोटों पर बीजेपी और सपा के कैंडिडेट और उनकी पूरी टीम गांव गांव अपने पक्ष में लोगों को जोड़ने में जुटी है।
जिले में सात जगह निर्विरोध चुनाव सम्पन्न होने के बाद तीन ब्लाक नबावगंज,भदपुरा, समेत फरीदपुर में ही चुनावी घमासान मचा है। जिसको लेकर प्रशासन भी टेंशन में है। जिले की खुफिया विभाग की टीमें भी लगातार कैंडिडेट और पार्टियों की गतिविधियों पर पूरी नजर गढ़ाये है। पुलिस टीमें भी लगातार कैंडिडेट की हर हरकत पर नजर रखे है।
भदपुरा से भाजपा उम्मीदवार सुरेश गंगवार क्योलड़िया में भूमि विकास बैंक 1995 में स्थापित हुई तो सन 2000 में हुए चुनाव में सुरेश गंगवार और पूर्व सपा मंत्री भगबत सरन भी एक ही पार्टी में होने के चलते सुरेश उनके काफी करीबी लोगों में शुमार थे। उस चुनाव में भगबत सरन के सहयोग के बाद सुरेश ने अमीर नगर के सत्यप्रकाश को चुनाव हराकर सीधे डायरेक्टर बने थे। लेकिन उसके बाद उनकी किस्मत ने उनका साथ छोड़ दिया। उधर भगबत सरन ने भी बीजेपी पार्टी छोड़ी तो सुरेश भी उनके साथ हो लिये। और फिर दोबारा जब 2005 में चुनाव हुआ तो इस बार उनका पर्चा ही कैंसिल हुआ तो उनके सपने भी धराशायी हो गये। लेकिन उन्होंने अपने साथी डमी कैंडिडेट मुनेंद्र गंगवार का चुनाव में समर्थन किया और मुनेंद्र ने अबकी बार अमीरनगर के सत्यप्रकाश के भाई सत्यपाल को हराया। लेकिन उसके बाद सपा सरकार में चुने गये मुनेंद्र को कोई चुनौती भी नहीं दे सका। और वह दोबारा हुए चुनाव में उनके आगे किसी ने पर्चा भी नहीं भरा। वह निर्विरोध हुए लेकिन इस बार उनकी जीत की हैट्रिक में उनके ही पुराने साथी रहे सुरेश रोड़ा बन गये हैं। क्योंकि इस बार सुरेश को सांसद के अलावा वर्तमान विधायक केसर सिंह और बीजेपी वोटरों पूरा भरोसा है। उनकी जीत के बाद नजर भी अपने अगले लक्ष्य की ओर है। इधर भदपुरा में लगातार अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले भगबत सरन ने भी दोनों सीटें जीतने को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। वह भी अपने मजबूत टीम के दम पर अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। अब देखना ये है कि एक सितंबर को जीत किसे मिलती है।
क्योलड़िया से शकील अहमद और नवाबगंज से जफरुददीन मंसूरी की रिपोर्ट