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गोरखपुर भाजपा में अंदरूनी वार, योगी के सांसद-व‍िधायक कर रहे एक दूसरे पर प्रहार

गोरखपुर। गोरखपुर में भाजपा के सांसद रव‍ि‍ क‍िशन और व‍िधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल आमने सामने आ गए हैं। विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल द्वारा जातिवादी शब्दों का प्रयोग किया गया जिसका ऑडियो वायरल होने के बाद मामला और गरमा गया। इससे पहले किसी अन्य मामले में विधायक और सांसद रवि किशन एक दूूूूूसरे केे ख‍ि‍लााफ खड़े हो गए थे। व‍िधायक ने जलभराव को लेकर लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता केके सिंह को हटाने की मांग की, जिसका विरोध सांसद ने किया और प्रोजेक्ट पूरा होने तक उसे उसकी जगह पर बने रहने देने के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पत्र भी लिख दिया।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा अभी इस पर कार्रवाई होनी बाकी ही थी कि मामले में नया मोड़ आ गया| अब सांसद रवि किशन ने उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सहायक अभियंता को हटाए जाने से सड़क का कार्य प्रभावित होने की बात कह दी। पत्र में उन्होंने लिखा कि सहायक अभियंता केके सिंह मेहनती, कर्मठ और दक्ष अभियंता हैं, ऐसे में उन्हें हटाए जाने से फोरलेन का कार्य प्रभावित हो जाएगा।

यह मामला चल ही रहा था कि गुरुवार शाम को नगर विधायक डॉ. अग्रवाल का जातिवादी बोल ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें नगर विधायक जाति विशेष के बारे में बात कर रहे हैं। एक विवाद के प्रसंग में भाजपा पदाधिकारी से कह रहे हैं कि छेड़खानी के मामले में ऐसी चिट्ठी बनवाइए ताकि जाति का पता आसानी से चल जाए। इससे भाजपा की किरकिरी भी हो रही है।

गोरखपुर सांसद रवि किशन ने कहा कि विधायक जी लगातार पार्टी विरोधी कार्य कर रहे हैं, यदि उन्हें भाजपा से नफरत है तो उन्हें त्यागपत्र दे देना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि नगर विधायक का वायरल ऑडियो सुनकर बड़ा दुख हुआ। पता चला कि नगर विधायक जातिवादी राजनीति कर रहे हैं। एक ऐसे संत, एक ऐसे मुख्यमंत्री और एक सरकार की पुलिस के बारे में गलत बयानी कर रहे हैं, जिसकी प्रशंसा देश, दुनिया कर रही है। अगर महराज जी (योगी) ब्राह्मण विरोधी होते तो मैं, गोरखपुर से सांसद नहीं रहता। राजनीति में रहकर ठाकुर, बनिया और ब्राह्मण की बात करना पाप है। विधायक को गोरखपुर की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

वहीं वायरल ऑडियो को लेकर नगर विधायक डॉ. आरएमडी अग्रवाल ने कहा कि ये बातचीत कब हुई उनको बिलकुल भी याद नहीं है। वैसे, मैं इस तरह की बातचीत करने का आदी भी नहीं हूं। जिस तरह जनता के सरोकारों को लेकर इस वक्त प्रशासनिक अफसरों से संघर्ष है, उसमें राजनीतिक एंगल पैदा हो रहे हैं। इस तरह के ऑडियो का वायरल होना किसी कि साजिश भी हो सकती है। सोशल मिडिया पर ऑडियो के वारयल होने के बाद भाजपा ने इसे संगठन व सरकार विरोधी माना है। साथ ही विधायक को नोटिस देकर सात दिन में जवाब-तलब किया है। अब देखना ये है कि इस मामले में आगे क्या होगा!

खबरची/ नच‍िकेता शर्मा 

 

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