यूपी भाजपा कोष की पहरेदारी अब नए चेहरों से कराएगी। लंबे समय तक राज्य कोषाध्यक्ष रहे पूर्व वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल को पार्टी ने अबकी बार संगठन के अहम ओहदे से भी हटा दिया है। अज्ञात कारणों से राजेश का मंत्री पद पहले ही जा चुका था। अब कोषाध्यक्ष पद से भी उन्हें मुक्त किए जाने को लेकर कई तरह राजनैतिक चर्चाएं शुरू हो गईं हैं। खासतौर पर बरेली कैंट विधानसभा सीट से आगे विधायकी की टिकट को लेकर, क्योंकि नए कोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल भी बरेली कैंट इलाके के ही रहने वाले हैं।
संजीव को प्रमोशन बरेली में उलटफेर का संकेत तो नहीं
राजेश अग्रवाल की जगह पार्टी ने बरेली के पुराने जनसंघी चेहरे संजीव अग्रवाल को पार्टी का यूपी कोषाध्यक्ष बनाया है। संजीव के साथ वाराणसी के मनीष कपूर को भी कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है। बरेली में कैंट विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले संजीव अग्रवाल बड़े कारोबारी हैं। इनके पिता कृष्ण अवतार अग्रवाल बरेली के संघ चालक रहे हैं। खुद संजीव भी शुरू से संघ और भाजपा से जुड़ेे हैं। पार्टी संगठन में पहले कई जिम्मेदारी संभाल चुके संजीव अभी क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष थे। पार्टी ने उन्हें प्रमोशन देकर प्रांतीय कोषाध्यक्ष नियुक्त किया है। सियासी हलकों में इसे संजीव का बड़ा उभार के रूप में देखा जा रहा है।
मंत्री पद छोड़ने के बाद राजेश ने साधा मौन, कहानी में आगे कौन
दूसरी ओर, राजेश अग्रवाल के बारे में बात करें तो 8 सितंबर 1943 को जन्मे राजेश पेशे से व्यापारी हैं। 2004 से 2007 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रहेे हैं। किसी भी काल और परिस्थिति में लगातार सात बार विधानसभा चुनाव चुनाव जीतने का रिकार्ड उनके नाम हैं। भाजपा सरकारों में मंत्री पद संभालने के अलावा वह संगठन में प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं। उम्र के फैक्टर को छोड़़ दे तो राजेश के कद जैसा चेहरा बरेली में दिखाई नहीं देता। वहीं, पार्टी सूत्रों का कहना है संजीव अग्रवाल को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी को बरेली की बराबर भागीदारी बनाए रखने से जोड़कर देखा जा रहा है।
भाजपा सरकार-संगठन में बरेली की पकड़ पहले जैसी नहीं
अभी तक राजेश अग्रवाल भाजपा के प्रदेश संगठन में कोषाध्यक्ष थे। योगी सरकार में उन्हें वित्त मंत्रालय मिला था। बरेली की आंवला सीट से विधायक धर्मपाल सिंंह को सिंचाई मंत्री की कुर्सी दी गई थी। पिछले साल अचानक वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल और सिंंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह दोनों ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके पीछे राजेश की बढ़ी उम्र और धर्मपाल पर कई तरह के आरोप बताए जा रहे थे। हालांकि, दोनों बड़े मंत्रियों के इस्तीफों की कहानी से सस्पेंस न पार्टी ने उठाया और न दोनों विधायकों ने ही कभी खुलकर इस बारे में बोला। अब क्योंकि यूपी भाजपा 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है। ऐसे में पार्टी के सांगठनिक फैसलेे भी चुनावी तैयारियों से जोड़कर देखे जा रहे हैं। वैसे तो बरेली से केन्द्र की मोदी सरकार में सांसद संतोष गंगवार मंत्री हैं मगर यूपी की मोदी सरकार में बरेली की हिस्सेदारी अब जीरो है।
रुहेलखंड में फिलहाल सबसे बड़ी चर्चा भाजपा के सरकार और संगठन में बड़ा नाम माने जाने वाले राजेश अग्रवाल के सियासी भविष्य को लेकर हो रही है। राजेश की उम्र 75 के करीब है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं पार्टी 2022 में कैंट सीट से नए विकल्प पर नजरें दौड़ा सकती है। ऐसे में सबसे पहला नाम संजीव अग्रवाल का उभर रहा है, जो न सिर्फ कैंट इलाके के रहने वाले हैं, बल्कि पुरानी संघ व पार्टी पृष्ठभूमि भी रखते हैं। भाजपा संगठन में प्रमोशन देकर राजेश अग्रवाल की जगह संजीव अग्रवाल को प्रदेश कोषाध्यक्ष बनाए जाने के पीीछे कहीं वैसा ही कुछ संकेत तो नहीं छिपा है !
एएन शर्मा/ अजय शर्मा