बरेली। भगवा कैंप में तेजी से नाम कमा रहे पवन अरोड़ा को अचानक विश्व हिंदू परिषद से पदमुक्त कर दिया गया है। बसपा से राजनीति की शुरूआत करने वाले पवन अरोड़ा पार्टी छोड़ कई साल पहले भगवा कैंप में दाखिल हुए थे और वह उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के सदस्य होने के साथ विहिप में बरेली-बदायूं विभाग अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। यकायक विहिप से उन्हें पद मुक्त किए जाने को लेकर सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। पवन अरोड़ा के सियासी भविष्य को लेकर फिलहाल सस्पेंस नजर आ रहा है।
बरेली के अर्बन कोआपरेटिव बैंक सभागार में शनिवार को हुई विहिप की बैठक में पवन अरोड़ा को संगठन में बरेली-बदायूं अध्यक्ष के पद से कार्यमुक्त किए जाने की घोषणा की गई। इस तरह की चर्चाएं तो कई दिन से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, भाजपा और विहिप के गलियारों में तैर रही थीं मगर फाइनल मुहर क्षेत्रीय पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई मीटिंग में लगाई गई। विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री मनोज, सह प्रांत संगठन मंत्री आर्येन्द्र, विभाग संगठन मंत्री रामाशंकर कौशिक, महानगर कार्यकारी अध्यक्ष दिव्य चतुर्वेदी, महानगर मंत्री भारद्वाज और विभाग मंत्री मणीकांत के अलावा बैठक में बरेली, आंवला, बहेड़ी, बदायूं और नवाबगंज के प्रमुख विहिप पदाधिकारी मौजूद रहे।
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पहले सांगठनिक कार्यों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। धर्मांतरण के मुखर विरोध की रणनीति तैयार की गई। साथ ही धर्म निधि को लेकर भी लंबी मंत्रणा हुई। इसके बाद अचानक पवन अरोड़ा को संगठन से कार्यमुक्त किए जाने की घोषणा की गई। क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने जिस समय पवन अरोड़ा के कार्यों की तारीफ करते हुए उनको पद मुक्त किए जाने का ऐलान किया तो सबके बीच उनके आंसू निकल आए। रुंधे गले से उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की मगर बोल नहीं पाए।
विहिप से पवन अरोड़ा विदाई को लेकर सियासी हलकों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा ये भी है कि उन्हें भाजपा में जिम्मेदारी दी जा सकती है, हालांकि चुनावी माहौल में सांगठनिक फेरबदल की बातों में स्थानीय भाजपा नेता दम नहीं बता रहे हैं। कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि पवन अरोड़ा के खिलाफ कई तरह की शिकायतें मिल रही थीं। शिकायतें किस तरह की रहीं, इस पर भी फिलहाल कोई खुलकर नहीं बोल रहा। यहां बता दें कि राजेन्द्र नगर के रहने वाले पवन अरोड़ा ने शुरूआत व्यापारी राजनीति से की थी। इसके बाद वह बसपा से जुड़े थे और बरेली शहर से टिकट मांगते नजर आते रहे। बाद में उन्होंने भगवा कैंप में एंट्री पा ली थी। विहिप में वह कई पदों पर रहे। अचानक उन्हें विहिप से कार्यमुक्त किए जाने और संघ-संगठन द्वारा उन्हें लेकर आगे के पत्ते नहीं खोलने से सियासी हलकों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। विहिप से कार्यमुक्ति को लेकर टीम खबरची ने पवन अरोड़ा से उनके मोबाइल नंबर पर बात करने की कोशिश की मगर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।
खबरची ब्यूरो