बरेली। अपराधी अपराध करते हैं तो पुलिस टेंशन में आती है। मगर परसाखेड़ा में आधी रात को ऐसा कुछ ड्रामा रचा गया कि बगैर अपराध के ही पुलिस तनाव में आ गई और बैंक अधिकारियों से लेकर आसपास रहने वाले लोगों तक को बेवजह सफाई देनी पड़ रही है। दरअसल, इस टेंशन की वजह मीडिया रिपोर्ट में दिखाई गई पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ है। बैंक में बदमाशों के घुसने की कोशिश और पुलिस से अपराधियों की मुठभेड़ के दौरान गोलियां चलने की खबर कोरी अफवाह बताई जा रही है।
टीम खबरची ने मीडिया रिपोर्ट में बताई गई मुठभेड़ वाली जगह का शुक्रवार को दौरा किया तो कहानी प्रचार के उलट निकली। स्थानीय लोगों ने एक सुरे में कहा कि आसपास न कोई गोली चली और न पुलिस से बदमाशों की कोई मुठभेड़ हुई। परसाखेड़ा रोड नंबर 1 पर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में बुधवार देर पुलिस व बदमाशों के बीच परसाखेड़ा शाखा पर मुठभेड़ सूचना प्रसारित की गई थी। खबरची टीम जब सुबह बैंक ऑफ बड़ौदा पहुंची तो वहां के मैनेजर वेद भूषण ने बताया कि हमें तो ऐसी इस किसी घटना की जानकारी कोई नहीं है। यहां ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं है। जो फोटो छापा है, वह हमारी बैंक का नहीं है।
पड़ोस में स्थित एक सोया फैक्ट्री के मालिक पप्पू ने बताया कि बैंक जिस भूमि पर है वह उन्हीं की है और किराए पर बैंक को दे रखी है। उनकी फैक्ट्री में हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं लेकिन उसमें पुलिस और बदमाशों की मुठभेड़ की कोई भी रिकॉर्डिंग नहीं है। जबकि घटना बैंक के पास होने की बात प्रचारित की गई है।
चौकी इंचार्ज परसाखेड़ा देवेंद्र सिंह ने बताया कि हमारे इलाके में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ की खबर पूरी तरह फर्जी और मनगढंत है। कुछ लोग बैंक के पास खड़े थे। पुलिस को आता देख चले गए। ताले तोड़ने और फायरिंग जैसी बात में कोई दम नहीं है। बैंक प्रबंधन ने भी ताले तोड़ने की कोशिश का खंडन किया है। सीबीगंज थाना प्रभारी भी मुठभेड़ की सूचना को खारिज कर रहे हैं।