बरेली/ नवाबगंज। योगी सरकार सख्त हो या परिवहन मंत्री अशोक कटारिया, इन्हें कमाई से मतलब है। फिर चाहें हादसे हों या लोग बेमौत मारे जाएं। लखीमपुर खीरी से पंजाब जा रही अवैध रूप से संचालित होने वाली बस एक दिन पहले रात में नवाबगंज इलाके में बिशनपुर गरगइया गांव के पास ट्रैक्टर से टकरा गई। ट्रैक्टर तो चकनाचूर हुआ ही, बस में सवार कई यात्री भी घायल हो गए। बड़ी अनहोनी होते-होते रह गई। पुलिस और परिवहन विभाग वाले चुपके से हादसा दबा गए। सच सामने आता तो बसों के अवैध संचालन और आए दिन होने वाले हादसों को लेकर जवाब कौन देता ?
बरेली शहर ही नहीं, बल्कि नवाबगंज से रोज ही अवैध रूप से संचालित होने वाली डबल डैकर/स्लीपर बसें राजस्थान को सवारियां लेकर जाती हैं। इन बसों से यात्रा करने वाले ज्यादातर मजदूर तबके के लोग होते हैं, जो फर्जी ट्रैवल एजेंसी खोले बैठे धंधेबाजों के जाल में फंसकर अपनी जान का जोखिम उठाते हैं। इन बसों से यात्रा करने वालों का न तो यात्री बीमा होता है और न ही कोई हादसा होने पर किसी की कोई जवाबदेही। दरअसल, अवैध बसों के संचालन का ये खेल हर महीने लाखों की कमाई का है और इसमें आरटीओ के साथ रूट के हर थाने की पुलिस के साथ कुछ सफेदपोश भी शामिल बताए जाते हैं।
सिस्टम के आगे नहीं चले परिवहन मंत्री कटारिया के भी आदेश
बरेली शहर में शहामतगंज और नवाबगंज कस्बे में न जाने कब से यात्रियों की जान जोखिम में डालकर उनसे कमाई का यह धंधा चल रहा है। कितनी ही बार सफर में ये बसे दुर्घटनाग्रस्त भी हुई हैं मगर अफसरों ने कभी इनके संचालन को रुकवाने की जेहमत नहीं उठाई है। यूपी में परिवहन मंत्री बनने पर शुरू में अशोक कटारिया ने अवैध रूप से बसों के संचालन को बंद करने के लिए सख्त तेवर दिखाए थे मगर सिस्टम के आगे उनकी भी नहीं चली।
दिन भर बुकिंग का खेल और रात के अंधेरे में जानलेवा सफर
राजधानी दिल्ली, पंजाब, राजस्थान समेत कई राज्यों को दौड़ने वालीं अवैध बसें बरेली में शहामतगंज, नवाबगंज, बरखन, व हाफिजगंज से सवारियां भरती हैं। इन जगहों पर बाकायदा बुकिंग सेंटर खोले गए है। दिन पर यहां सीट की बुकिंग के साथ ही लगेज की बुकिंग होती है और शाम ढलने के यात्रियों को बसों में ठूंसकर रवाना कर दिया जाता है। कस्बातो नवाबगंज में सीओ कार्यालय और एसडीएम आवास के पास ही बसों के बुकिंंग काउंटर चल रहे हैं मगर किसी को इस ओर देखने की फुर्सत नहीं। शायद बरेली जिला प्रशासन, आरटीओ और पुलिस को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।
खबरची/ अनूप गुप्ता