बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। दुश्मन कोरोना की दूसरी लहर में जब लोग बेमौत मर रहे थे, तब भी कुछ मौत के सौदागर नकली दवाएं बेचकर महामारी में मुनाफा कमाने में लगे थे। मौत का धंधा करने वाले मेडिकल स्टोर संचालक ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आए फतेहगंज पश्चिमी टाउन के प्रमुख समाजसेवी मनोज अग्रवाल उर्फ पम्मी लाला की जान ले ली। पम्मी लाल के बेटों ने पिता की जान बचाने को कस्बे के दवा व्यापारी से रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदे थे। 90 हजार वसूलने के बाद भी व्यापारी ने नकली इंजेक्शन दे दिए। इससे हालत सुधरने की जगह समाजसेवी की तबियत और ज्यादा बिगड़ गई और आखिरकार उनकी सांसें थम गईं। शिकायत को गंभीरता से लेकर एसएसपी ने जांच कराई तो इंजेक्शन नकली ही निकला। एसएसपी ने आरोपी मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज करवा दी है।
पुलिस के मुताबिक, फतेहगंज पश्चिमी के प्रमुख कारोबारी एवं वरिष्ठ समाजसेवी मनोज अग्रवाल उर्फ पम्मी लाला को पिछले महीने कोरोना हुआ था। परिवार ने उनको बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा था और सांस लेने में तकलीफ थी साथ ही इन्फेक्शन बढ़ता जा रहा था। डॉक्टरों ने उन्हें रेमडिसिवर इंजेक्शन की जरूरत बताई। पम्मी लाला के पुत्र पुत्र तुषार और संसार अग्रवाल ने फतेहगंज पश्चिमी के मनोहर मेडिकल से 90,000 हजार रुपये में रेमडिसिवर इंजेक्शन खरीदे और उन्हें अपने पिताजी को लगवा दिया। इंजेक्शन लगने के बाद परिजनों को आस थी कि वह ठीक हो जाएंगे लेकिन हुआ उलटा। इंजेक्शन लगते ही उनकी हालत और बिगड़ने शुरू हो गई जिसके बाद उनके परिजन उन्हें दिल्ली के बड़े अस्पताल में लेकर गए लेकिन वहां उपचार के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। 12 मई को उनका निधन हो गया।
उस समय परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया। दिवंगत पम्मी लाला के पुत्र संस्कार ने डॉक्टरों से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि इंजेक्शन लगने के बाद मौत के चांस बहुत कम होते हैं। जिस पर कारोबारी के पुत्र का माथा ठनका और उसने घर में रखें एक इंजेक्शन का रैपर डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने देखते ही कह दिया कि इंजेक्शन नकली है।
नकली इंजेक्शन दिए जाने के मामले में मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पम्मी लाल के बेटे संस्कार अग्रवाल एसएसपी रोहित सिंह सजवान से मिले और उन्हें पूरी बात बताई। एसएसपी ने औषधि विभाग के निरीक्षक को बुलाकर रैडिसिवर इंजेक्शन की जांच कराई तो वह नकली पाया गया। जिसके बाद कप्तान ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए। फतेहगंज पश्चिमी पुलिस में मनोहर मेडिकल के संचालक अनमोल और प्रियांक के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
खबरची/ अनुज शर्मा