बरेली। पंचायत के दंगल में किस्मत आजमा रहे बरेली के जो दिग्गज कल तक प्रचार की जंग में अपनी ताकत दिखा रहे थे, अब उनके असली इम्तिहान का वक्त आ गया है। कल सुबह से बूथों पर वोटों की बारिश शुुुरू हो जाएगी। डोर टू डोर जनसंपर्क, नुक्कड़ सभाएं और रैलियों के शोर से कौन कितना मतदाताओं के दिल में जगह बना पाया, ये तस्वीरें गुरुवार को सामने आएंगी। ऐन मतदान से पहले की घड़ी में भी सियासत के सूरमा अपनी-अपनी तरह से वोटिंग के होमवर्क में जुटे हैं। जंग जीतने को अंतिम रात की बेला में कोई भी अपनी तरफ से कोर कसर छोड़न रहा। सियासी हलकों में सबकी निगाहेें बिथरी इलाके पर हैं जहां भाजपा से रश्मि पटेल, सपा से नीरू पटेल और बसपा से पुष्पा कनौजिया अलग-अलग वार्ड से चुनावी समर में डटी हैं और ये तीनों ही चेहरे जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने को अपनी-अपनी पार्टी में प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
जिला पंचायत वार्ड-57 से पूर्व मेयर व पूर्व विधायक कुंवर सुभाष पटेल की पुत्रबधू रश्मि पटेल भाजपा के समर्थन से किस्मत आजमा रही हैं। रश्मि बिनावर, बदायूं से कई बार एमएलए रहे कद़दावर नेता रामसेवक पटेल की पुत्री हैं और ससुराल व मायके की राजनैतिक पृष्ठभूमि को आगे बढ़ाते हुए राजनीति में कदम रख रही हैं। वह भाजपा में जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सबसे मजबूत दावेदार हैं और पटेल परिवार ने अपने लिए बड़ी सियासी संभावना मानते हुए ही जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में ताकत लगाई है। ससुर कुंवर सुभाष पटेल, पति सीमांत पटेल उर्फ गोपाल और देवर वरिष्ठ भाजपा नेता प्रशांत पटेल ने प्रचार की जंग में जमकर दौड़ लगाई है। पार्टी और परिवार के संयुक्त होमवर्क का असर भी चुनावी रण में साफ नजर आ रहा है। विरोध के उम्मीदवार सपा के संदेश कनौजिया और बसपा से उनके सगे साढ़ू गुरुबचन सिंंह की पत्नी किरन के मैदान में होने और सगे रिश्तेदारों के एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंकने से भाजपाई कैंप फिलहाल नो टेंशन की मुद्रा में नजर आ रहा है।
समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल पूर्व विधायक स्व. वीरेन्द्र सिंंह के भाई महेन्द्र पाल सिंंह की पत्नी नीरू पटेल वार्ड-60 बिथरी से समाजवादी पार्टी के समर्थन से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही हैं। नीरू पटेल इससे पहले बरेली की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। परिवार में जेठ स्व. वीरेन्द्र सिंंह दो बार विधायक और बरेली की सियासत में बड़ा नाम रहे हैं। देवर देवेन्द्र सिंंह कई बार बिथरी से ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं। उनको कुछ समय पहले ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी में शामिल कराया है और वह बिथरी सीट से विधानसभा चुनाव के लिए प्रमुख दावेदार बनकर उभर रहे हैं। परिवार ने नीरू पटेल को चुनाव जिताने के लिए पूरी ताकत लगाई है। विरोधी दलों के उम्मीदवारों के मुकाबले प्रचार में नीरू पटेल खेमा सबसे तेज दौड़ता दिखाई दिया है। इलाके के समीकरण और परिवार की ताकत के चलते नीरू पटेल समर्थक मतदान को लेकर कहीं से कहीं तक तनाव नहीं ले रहे हैं।
बिथरी के जिला पंचायत वार्ड-56 से बसपा के समर्थन से इलाके युवा नेता एवं प्रमुख समाजसेवी विनोद कनौजिया (कचौली) की पत्नी पुष्पा कनौजिया पूरी ताकत से मैदान में है। पुष्पा कनौजिया को बसपा संगठन जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पहले से ही आगे कर रहा है। पति विनोद कनौजिया के साथ बसपा उम्मीदवार पुष्पा कनौजिया व पूरे पार्टी संगठन ने वार्ड 56 में जिस तरह से प्रचार में अपना रंग जमाया है, उसे देखते हुए कनौजिया कैंप की आंखों की चमक है। पुष्पा के मुकाबले भाजपा और सपा ने समर्थन देकर अपने उम्मीदवार तो उतारे हैं मगर दोनों पार्टियां बागियों को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकीं। भाजपा-सपा में आपसी बिखराव की कहानी में बसपा उम्मीदवार पुष्पा कनौजिया को अपना फायदा साफ नजर आ रहा है। बसपा के अपना दलित वोट बैंक के साथ विनोद कनौजिया की गांव-गांव मजबूत पैठ से पुष्पा समर्थक ही कल के मतदान को लेकर रात तक अपना होमवर्क तो कर रही रहे हैं, बल्कि हंसते-हंसते गांव-गांव के फायदे के समीकरण भी गिना रहे हैं।
पूर्व सपा जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव के भाई सुधीर यादव की पत्नी शिल्पी यादव जिला पंचायत वार्ड-48 से रण में नजर आ रही हैं। जिला पंचायत का पिछला चुनाव शुभलेश की मां महेश्वरी देवी यादव ने रिकार्ड वोटों से जीता था। अबकी बार मां की जगह परिवार ने पूरी एकजुटता के साथ बहू शिल्पी यादव को मैदान में उतारा है। सपा में शिल्पी भी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी की दौड़ में शामिल बताई जाती हैं। शिल्पी की चुनावी रणनीति के साथ प्रचार की पूरी कमान हमेशा की तरह अनुभवी राजनेता शुभलेश यादव संभाल रहे हैं। चुनावी ऐलान से पहले ही वह पूरे वार्ड में अपना होमवर्क शुरू कर चुके थे। रणभेरी बजी तो अपनी पूरी टीम के साथ उन्होंने एक-एक गांव, एक-एक घर जाकर शिल्पी के लिए चुनावी माहौल तैयार किया है। परिणाम को लेकर नो टेंशन के मूड में दिखाई दे रहा यादव परिवार अब रात में कल के मतदान की तैयारी में जुटा है।
जिला पंचायत वार्ड-2 भदपुरा ब्लॉक से सपा के समर्थन से निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य अरविंद गंगवार डब्लू की पत्नी विनीता गंगवार चुनावी समर में दिखाई दे रही हैं। परिवार की स्वच्छ छवि एवं पति अरविंंद डब्लू की गांव-गांव मजबूत पैठ ने विनीता के चुनावी होमवर्क को काफी आसान किया है। इससे भी बड़ी बात ये है कि पति अरविंंद डब्लू के साथ विनीता के प्रचार रथ पर सारथी बने नजर आए हैं यूपी सरकार में दो बार मंत्री व नवाबगंज सीट से रिकार्ड पांच बार एमएलए रहे रुहेलखंड के कद़दावर कुर्मी नेता भगवत सरन गंगवार। भगवत की चुनावी रणनीति और पति अरविंंद डब्लू के साथ उम्मीदवार विनीता गंगवार और उनकी पूरी टीम की इलाके में दिन रात की मेहनत दिखाई भी दे रही है। विरोध में भाजपा समर्थित उम्मीदवार के सामने उनके मुकाबले पार्टी से टिकट मांगते-मांगते बाकी होकर मैदान में कूदी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा गंगवार खड़ी दिखाई दे रही हैं। इससे विनीता गंगवार समर्थकों की टेंशन काफी हद तक खुद कम हो गई है। परिवार और सपा संगठन वार्ड-2 में पूरी ताकत से कल के मतदान के लिए कमर कस चुका है।
पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार की अनुज बधू ऊषा गंगवार ने जिला पंचायत वार्ड-8 नवाबगंंज से सपा उम्मीदवार के रूप में वार्ड-8 से मैदान में हैं। भगवत सरन के बड़े भाई सुरेश चंद्र गंगवार की पत्नी ऊषा गंगवार पैत्रक गांव अहमदाबाद से प्रधानी का चुनाव लड रही हैं, जबकि परिवार के एक अन्य सदस्य बीडीसी चुनाव के रण में हैं। परिवार और पार्टी खास रणनीति व बड़ी तैयारी के साथ चुनाव लड रहा है। पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार ने गांव-गांव जाकर अपने वोट बैंक का जोश बढ़ाते हुए जिला पंचायत सदस्य उम्मीदवार परिवार की बहू ऊषा गंगवार व उनके पति का हौसला बढ़ाया है। राजनीति के माहिर खिलाड़ी भगवत सरन की सरपरस्ती परिवार की साफ तौर पर विरोधियों के मुकाबले ताकत बढ़ा रही है, ऐसे में उनके ऊषा गंगवार समर्थक भी बिल्कुल टेंशन में नही हैं।
डाॅ. हिमांशी यादव की चुनावी डगर से वार्ड-52 में रोमांचक समर
जिला पंचायत वार्ड-52 से बदायूं की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चेतना यादव के परिवार की बहू डॉ. हिमांशी यादव चुनावी डगर पर हैं। मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने वालीं डॉ. हिमांशी के पति देवेन्द्र प्रताप यादव जहां कारोबार के साथ समाज सेवा के क्षेत्र में अच्छी पहचान रखते हैं, वहीं पिता महेन्द्र यादव स्वास्थ्य विभाग में जाना पहचाना नाम हैं। बड़े परिवार की पढ़ी लिखी बहू के चुनावी रण में आने से वार्ड-52 का चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प नजर आ रहा है। नामांकन से प्रचार तक डॉ. हिमांशी की ताकत बढ़ाते नरेन्द्र मुखर्जी नजर आए हैं, जिन्होंने पिछले जिला पंचायत चुनाव में पूर्व विधायक महीपाल सिंंह यादव के बेटे अमित राज यादव को करारी शिकस्त दी थी। मुखर्जी खेमे का साथ मिलने से डॉ. हिमांशी समर्थक पहले दिन से खुश नजर आ रह हैं। वहीं, दूसरी ओर पिछले चुनाव में बेटे की हार को देखते हुए महीपाल अपनी पुत्रबधू गौरी यादव को चुनाव लडा रहे हैं। उनकी पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दूसरे वार्ड से मैदान में हैं।
बहू कंचन यादव के सफर में दिग्गज वीरपाल सिंंह का बड़ा असर
जिला पंचायत वार्ड-41 से निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य कंचन यादव पूरी ताकत से फिर चुनावी मैदान में हैं। वह रुहेलखंड के दिग्गज समाजवादी नेता पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं यूपी प्रसपा के मुख्य महासचिव वीरपाल सिंंह यादव के बेटे डॉ. देवेन्द्र सिंंह यादव की पत्नी हैं और पूर्व विधायक महीपाल सिंंह यादव व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सरोज यादव की बेटी। पिछले चुनाव में कंचन ने रिकार्ड वोटों से जीत हासिल की थी। इस बार फिर उनके प्रचार की कमान खुद वीरपाल सिंंह अपनी पूरी टीम के साथ संभाली है। वीरपाल को कुशल संगठनकर्ता माना जाता है और वह बहू के चुनाव में अपने अनुभव और ताकत के साथ रणनीति बनाते नजर आ रहे हैं। सियासी हलकों में पूरे जिले की निगाहें वार्ड-41 पर भी हैं, जहां से कंचन यादव चुनाव लड़ रही हैं।
खबरची/ अनुरोध भारद्वाज