बरेली। रुहेलखंड के दिग्गज भाजपा नेता पूर्व मेयर/ पूर्व विधायक कुंवर सुभाष पटेल की पुत्रबधू रश्मि पटेल सियासत में जोरदार तरीके से आगाज करने जा रही हैं। उच्चशिक्षित रश्मि पटेल खानदान के ज्येष्ठ पुत्र सीमांंत पटेल उर्फ गोपाल की पत्नी हैं और बदायूं से पांच बार विधायक रहे रामसेवक पटेल की बेटी। वह बरेली के जिला पंचायत वार्ड-57 से उम्मीदवार होंगी। भाजपा सूत्रों का कहना है कि मजबूत दावेदारी के चलते पार्टी से उनका टिकट लगभत तय माना जा रहा है।
रिकार्ड: 70 बरस से राजनीति में पटेल खानदान का बड़ा नाम
सियासत और बिरासत के लिहाज से देखें तो बरेली में कुंवर सुभाष पटेल के परिवार का नाम सात दशक से भी अधिक कायम है। कम ही लोग जानते होंगे कि कुंवर सुभाष पटेल के मौसा स्वतंत्रता सेनानी कुंवर बृजमोहन लाल ने बरेली कैंट से जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन दिनों कांग्रेस का जादू जनता के सिर चढ़कर बोलता था। उस चुनाव में गोविंंद बल्लभ पंत बरेली शहर से जीते थे और जनसंघ उम्मीदवार कुंवर बृजमोहन लाल पटेल को हार का सामना करना पड़ा था। वह ओनेरी मजिस्ट्रेट भी रहे थे। आजादी के बाद 50 साल पटेल परिवार का पैतृक गांव डोहरा की प्रधानी पर कब्जा रहा है। शुरूआत में कुंवर सुभाष पटेल के पिता स्व. लोकमन चरन पटेल प्रधानी जीतते रहे और उसके बाद उनकी पत्नी कैलाशवती। उनके बाद कुंवर सुभाष पटेल ने प्रधानी संभाली। सियासत में वह आगे बढ़े तो उनकी पत्नी आर्यन पटेल प्रधान की कुर्सी पर लगातार काबिज रहीं।
सुभाष पटेल: मेयर, विधायक व चार बार भाजपा के जिलाध्यक्ष
कुंवर सुभाष पटेल का राजनैतिक प्रोफाइल मौजूदा सियासत में बहुत खास है। कुंवर सुभाष पटेल चार बार बरेली भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे हैं। शुरू में जिला पंचायत सदस्य रहने के बाद 1991 में कुंवर पटेल भोजीपुरा से भाजपा के विधायक बने। इसके बाद वह विधानसभा में विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक भी रहे। 1995 में उन्होंने बरेली से मेयर का चुनाव लड़ा और लंबे अंतराल से जीत दर्ज कर महापौर निर्वाचित हुए। उस दौरान वह ऑल इंडिया मेयर काउंसिल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे। बाद में दक्षिण एशिया महापौर परिषद के संयोजक की कुर्सी पर आसीन हुए। संयोजक रहते उन्होंने पूरी दुनिया के मेयरों के साथ जापान में आयोजित परिषद की बैठक में शिरकत की और हिंदी में भाषण देकर हिंदुस्तान और हिंदी का मान बढ़ाया। इसके बाद वह भाजपा संगठन में प्रमोशन पाकर पहले ब्रजक्षेत्र के मंत्री, फिर अध्यक्ष रहे। लगातार 15 साल से वह भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रह चुके हैं। अभी वह भाजपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य के रूप में पार्टी की सेवा कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में बरेली मंडल प्रभारी रहे थे तो उस दौरान भाजपा ने बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं सीट पर कब्जा जमाया था।
ज्येष्ठ पुत्र सीमात पटेल ‘गोपाल’ के हाथ कारोबारी कमान, पुत्रबधू रश्मि पटेल इस जिला पंचायत चुनाव से राजनीति में देंगी दस्तक
कुंवर सुभाष पटेल के ज्येष्ठ पुत्र सीमात पटेल उर्फ गोपाल बरेली कारोबार संभालते हैं और समाज सेवा में हमेशा आगे रहते हैं। उनकी पत्नी रश्मि पटेल जिला पंचायत सदस्य चुनाव में उतरने के साथ ही अपना राजनैतिक आगाज करने जा रही हैं। वह बिथरी चैनपुर ब्लाक के वार्ड-57 से भाजपा की टिकट की दावेदार हैं। रश्मि पटेल बिनावार/बदायूं से पांच बार एमएलए रहे रामसेवक पटेल की पुत्री हैं। भाजपा से उनकी उम्मीदवारी तय मानी जा रही है।रणनीतिक लिहाज से रश्मि पटेेेल को बरेली में भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष सीट महिला आरक्षित हुुुई और इस लिहाज से रश्मि पटेल के समीकरण पार्टी के अंदर फिट माने जा रहे हैं।
छात्रसंघ अध्यक्ष बनकर राजनीति में हाथ दिखा रहे प्रशांत पटेल
कुंवर सुभाष पटेल के छोटे पुत्र प्रशांत पटेल पहले से परिवार की राजनैतिक बिरासत आगे बढ़ा रहे हैं। 2004 में वह बरेली कॉलेज छात्र संंघ अध्यक्ष बने थे। उसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष, भाजपा में महानगर मंत्री, महामंत्री रहे। बाद में उत्तर प्रदेश शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। अभी वह पार्टी में ब्रज क्षेत्र संगठन में मंत्री के साथ वह बदायूं के सह प्रभारी के रूप में दायित्व संभाल रहे हैं। प्रशांत पटेल आईवीआरआई भारत सरकार के बोर्ड मैंबर, रिसर्च एडवाइजरी काउंसिल आईवीआरआई के साथ जिला योजना समिति के भी सदस्य हैं। इसके अलावा वह बतौर अध्यक्ष पशु पक्षी अस्पताल व गौशाला चौबारी का भी संचालन करा रहे हैं और पशु कल्याण बोर्ड उत्तर प्रदेश के सदस्य भी हैं।
पूर्व में वह विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। अभी उनकी पूरी तैयारी जिला पंचायत चुनाव है, जिसमें उनके बड़े भाई सीमांत पटेल ‘ गोपाल ‘ की पत्नी रश्मि पटेल किस्मत आजमा रही हैं। कुछ समय पहले रैली कर वह क्षेत्र में वह परिवार की जनता पर पकड़़ व सियासी ताकत भी दिखा चुके हैं। जिला पंचायत चुनाव में सबकी निगाहें पटेल खानदान हैं, जो पूरी ताकत से मैदान में उतर रहा है।
खबरची/ अनुरोध भारद्वाज