बरेली। रुहेलखंड के प्रमुख नेता ब्रह़मस्वरूप सागर ने कांग्रेस प्रदेश महासचिव पद के साथ पार्टी छोडी है तो उसके पीछे कई मायने हैं। एक तो वह यूपी में जमीनी राजनीति को लेकर लगातार हाशिए पर जा रही कांग्रेस में अंदरूनी कलह से आहत थे। दूसरा, हाईकमान इस ओर ध्यान नहीं दे रहा था। रुहेलखंड के सियासी पटल पर मजबूत संगठनकर्ता माने जाने वाले ब्रह़मस्वरूप की ऐसे में एक दिन पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात हुई। सूत्राेें मुताबिक, उनके मेल-मुलाकात की जगह थी पूर्व विदेश राज्यमंत्री सलीम शेरवानी का आवास, जहां अखिलेश पहुंचे हुए थे। इसके अगले ही दिन यानी आज दोपहर बाद ब्रह़मस्वरूप सागर ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया। पद भी छोड़ा और पार्टी भी।
हालांकि, उन्होंने अभी अपने राजनैतिक पत्ते नहीं खोले हैं मगर माना जा रहा है कि अगले कुछ दिन में ही वह बड़ा फैसला करेेंगे! इस बीच बड़ी ये है कि ब्रह़मस्वरूप सागर के कांग्रेस छोड़ते ही रुहेलखंड में इस्तीफों के दौर शुरू हो गए हैं। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश सचिव अली अब्बास जैदी और बरेली शहर विधानसभा सीट से पूर्व उम्मीदवार इंजीनियर अनीस, विशाल पटेल, नादिर रईश खां समेेेत तमाम चेहरों ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है। बरेली के एक पूर्व जिलाध्यक्ष समेत कुछ कांग्रेस अन्य नेताओं ने भी अखिलेश यादव से मुलाकात की है, हालांकि अभी वह मौन साधे हैं।
ब्रह़मस्वरूप सागर कांग्रेस से पहले लंबे समय समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार रहे हैं। 15 साल सपा में सक्रिय रहते हुए बरेली में क्रमश: महासचिव समाजवादी युवजन सभा, महासचिव महानगर सपा और उसके बाद जिला महासचिव/ प्रवक्ता के पद पर रहे। 2007 में वह बसपा में शामिल हुए थे और लगातार महत्वपूर्ण पदों का दायित्व संभाला। बसपा में ब्रह़मस्वरूप की शुरुआत जिला सचिव पद से हुई थी। इसके बाद जिला महासचिव, जिलाध्यक्ष भी रहे। बाद में पार्टी ने रणनीतिक क्षमता भांपकर उनको मुख्य जोन कोआर्डीनेटर बरेली-मुरादाबाद जोन की जिम्मेदारी थी। इसके बाद वह कांग्रेस से जुड़े तो पार्टी ने उनको शाहजहांपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की टीम में वह पहले वह प्रदेश सचिव और बाद में प्रदेश महासचिव बने थे।
सलीम शेरवानी के प्रयाराज आवास पर हुई अखिलेश व ब्रह़स्वरूप की मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक, हाल के दिनों में ब्रह़मस्वरूप कांग्रेस में रहकर खासे असहज महसूस कर रहे थे। यूपी में खोया राजनैतिक आधार पाने के लिए संघर्ष कर रही पार्टी में अंदरखाने कलह और अनुशासनहीनता चरम पर थी। हाईकमान पूरे हालात से वाकिफ था मगर पार्टी के अंदर के हालात सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा था। यही वजह रही ब्रह़मस्वरूप ने आखिरकार कांग्रेस प्रदेश महासचिव के पद के साथ पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया। टीम खबरची को भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस्तीफे से एक दिन पहले ब्रह़मस्वरूप सागर की प्रयागराज में कैंट स्थित सलीम शेरवानी के आवास पर सपा मुखिया अखिलेश यादव से अकेले में मुलाकात हुई। अखिलेश ने मेल-मुलाकात में क्या मैसेज दिया, ये तो अभी राज है मगर अगले ही दिन ब्रह़मस्वरूप का कांग्रेस छोडने से रुहेलखंड की राजनीति में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
चर्चा नंबर-1: तो क्या सपा ज्वाइन कर फरीदपुर से टिकट मांगेंगे ब्रहमस्वरूप ?
शाहजहांपुर लोकसभा सीट से 2019 में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे ब्रह़मस्वरूप सागर की अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह बहुत जल्द हाईकमान के स्तर पर सपा ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि इस सवाल पर ब्रह़मस्वरूप अभी सिर्फ इतना कह रहे हैं कि जल्द ही आगे की सियासत को लेकर फैसला लेंगे। सपा कैंप में जोर पकड़ रहीं खबरों को देखें तो अधिकांश नेता ये मानकर चल रहे हैं कि ब्रह़मस्वरूप सपा में आते हैं तो फरीदपुर सुरक्षित सीट से विधानसभा टिकट के सबसे मजबूत दावेदार होंगे। पूर्व विधायक डॉ. सियाराम सागर के निधन के बाद से पार्टी को फरीदपुर में नए उम्मीदवार की तलाश है। पिछले दिनों बसपा छोड़कर पूर्व विधायक विजयपाल सिंह ने सपा ज्वाइन कर ली थी। कहा जा रहा है कि विजयपाल दो चुनाव लगातार हार चुके हैं और पार्टी में उनकी एंट्री को खास वजहों से यादव वोटर आसानी से पचा नहीं पा रहे। ऐसे में ब्रह़मस्वरूप सपा के लिए फरीदपुर में बेहतर विकल्प बन सकते हैं?
चर्चा नंबर-2: क्या सपा में जाकर संगठन की जिम्मेदारी संभालेंगे मि. सागर
ब्रह़मस्वरूप चुनावी खिलाड़ी होने के साथ बेहद चतुर सांगठनिक रणनीतिकार भी माने जाते हैं। सपा में वह विभिन्न पदों पर डेढ़ दशक से भी अधिक समय तक रहे हैं। समाजवादी कैंप में एक चर्चा ये भी है कि ब्रह़मस्वरूप अगर साइकिल की सवारी करते हैं तो पार्टी उनका इस्तेमाल संगठन को मजबूत करने में भी कर सकते है। इसके लिए उनको रुहेलखंड के संगठन में खास तबज्जो देकर बेहद अहम पद भी दिया जा सकता है। वैसे, उस समय तक यह बातें सिर्फ कयासबाजी तक ही सीमित मानी जाएंगे, जब तक कि ब्रह़मस्वरूप सागर अपने नए पत्ते नहीं खोलते या खुलकर सपा के मंच पर नहीं आ जाते !
इंजीनियर अनीस, अली अब्बास, विशाल पटेल, नादिर समेत तमाम चेहरों ने भी छोड़ी कांग्रेस
प्रदेश महासचिव ब्रह़मस्वरूप सागर के कांग्रेस छोड़ने के बाद रुहेलखंड के अंदर कांग्रेसियों में इस्तीफे देने की होड़ मच गई है। बरेली शहर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ चुके इंजीनियर अनीस, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश सचिव अली अब्बास जैदी, कांग्रेस नेता विशाल पटेल, नादिर रईश अब्बासी समेत बरेली और शाहजहांपुर के तमाम नेता और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफे दे दिए हैं। इन नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस में रहकर उनको लग रहा था कि जैसे कि समय बर्बाद कर रहे हैं। तीन साल में पार्टी ने कोई काम करने का मौका नहीं दिया। आगे की राजनीति को लेकर जल्द ही ऐलान करेंगे। इस बीच खबर ये भी है बरेली कांग्रेस के एक पूर्व जिलाध्यक्ष समेत कई नेताओं ने प्रयागराज में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलकर पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई है। अभी तक की इस्तीफा एक्सप्रेस को देखते हुए तो यही लगता है कि रुहेलखंड में पहले से ही शून्य पर खड़ी इस पार्टी को आने वाले दिनों में और भी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती !
खबरची/ अनुरोध भारद्वाज