लखनऊ/ बरेली/ नई दिल्ली। विशेष न्यायाधीश, सीबीआई मामलों, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ने भ्रष्टाचार के मामले में बरेली के तत्कालीन टैलीकॉम डायरेक्टर डीपी श्रीवास्तव व दिल्ली की ग्रेंड टिंंबर इंडस्ट्रीज के पार्टनर प्रदीप गोधवानी को तीन-तीन साल कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर क्रमश: 70 हजार व 50 हजार का अर्थदंड भी डाला गया है। कोर्ट का यह फैसला 33 साल बाद आया है।
सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक, डीपी श्रीवास्तव 1987 में निदेशक (उत्तर क्षेत्र), दूरसंचार के पद पर तैनात रहे थे। उस दौरान सीबीआई ने डीपी श्रीवास्तव और मेसर्स ग्रैंड टिम्बर इंडस्ट्रीज, पहाड़गंज, नई दिल्ली पार्टनर प्रदीप गोधवानी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप था कि दोनों ने मिलकर भ्रष्टाचार की साजिश रची और अत्यधिक दर पर खरीद के आदेश जारी किए। केंद्र सरकार को 44.43 लाख की चपत लगाने को जाली निविदा ज्ञापन जारी किए गए।
सीबीआई ने जांच के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लगाई थी। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को दोषी मानते हुए उन्हें तीन-तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सूचना अनुभाग) 5-बी, सीजीओ कॉम्पलेक्स, लोधी रोड नई दिल्ली ने विज्ञप्ति के जरिए यह जानकारी दी है।
खबरची ब्यूरो