बरेली। क्या योगीराज ये की पुलिस है जो गुंडों से भाई साहब बोले और पीड़ित को डांट-डपटकर थाने से भगा दे। यूपी के बरेली में जो कुछ हुआ, उसे देखकर और सुनकर अफसरों से लेकर सरकार तक सबका सिर शर्म से झुक जाएगा। शहर की पॉश कालोनी रेजीडेंसी गार्डन में दबंग सूदखोरों ने पहले तो सर्राफ से 5 लाख के 40 लाख वसूले। उसकी लाखों की चांदी हड़प ली। फिर भी पेट नहीं भरा तो पुलिस से सांठगांठ पर उसके खिलाफ ताबड़तोड़ झूठे मुकदमे दर्ज कराए। और अब सरेआम उसके परिवार पर हमला बोल दिया। घर में तोड़फोड़-पथराव किया। बूढ़ी मां को पीटा। धमकी दी कि आज इतना किया है, कल सरेआम सबके सामने मकान में आग लगाएंगे। परिवार ने फोन करके पुलिस बुलाई तो दरोगा-सिपाही हमलावरों से भैया-भाई साहब कहते नजर आए। पीड़ित परिवार थाने पहुंचा तो उल्टा उन्हीं को डांटा-डपटा गया। पीड़ित परिवार हमले का प्रमाण सीसीटीवी फुटेज लेकर अफसरों से न्याय की गुहार लगा रहा है मगर उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही।
तोड़फोड़ की सीसीटीवी फुटेज दे रहा बरेली में गुंडाराज की गवाही
सर्राफ राहुल रस्तोगी का परिवार बरेली शहर में थाना बारादरी की रेजीडेंसी गार्डन कॉलोनी में रहता है। घर में बूढी मां मोतीबाला रस्तोगी, पत्नी अनिका रस्तोगी और बच्चे रहते हैं। रस्तोगी फैमिली ने मीडिया को बताया कि दिन-दोपहर कई दबंग उनके घर में घुस आए। राहुल और उनकी पत्नी अनिका उस वक्त दुकान पर थे। घर में बुजुर्ग मां व बच्चे थे। दबंगों ने घर में घुसकर मारपीट, तोड़फोड़ और पथराव शुरू कर दिया। सरियों से घर के शीशे तोड़ डाले। मां को पीटा। जमकर उत्पात मचाने के बाद हमलावर घर से बाहर निकल गए। आतंकित परिवार ने 112 पर फोन कर पुलिस की मदद मांगी तो फोर्स मौके पर पहुंच गया।
पुलिस के सामने भी धमकियां देते रहे हमलावर, चुपचाप सुनते रहे दरोगा-सिपाही
पीड़ित मोतीबाला रस्तोगी ने बताया कि हमलावरों ने उनको घर में आग लगाने की धमकी भी दी। धमकियां देते हुए जब दबंग घर से बाहर चले गए तो उन्होंने पुलिस को खबर की। पुलिस मौके पर आई और घर में की गई तोड़फोड़ दी। तब तक हमलावर फिर मकान पर आ धमके और पुलिस के सामने गाली-गलौज, धमकी देते रहे। पुलिस वालों से दबंग भाई साहब कहते रहे और दरोगा-सिपाही उनसे ऐसे दोस्ताना निभाते रहे। हम गिडगिडाते रहे और दबंगों पर कार्रवाई की गुहार लगाते रहे मगर पुलिस ने हमारी एक न सुनी।
थाने में पहले खड़े नजर आए दबंग, बारादरी इंस्पेक्टर ने नहीं की पीड़ित की सुनवाई
सर्राफ राहुल रस्तोगी ने मीडिया को बताया कि परिवार पर हमले की सूचना पाकर वह पत्नी अनिका रस्तोगी के साथ तुरंत घर पहुंचे। तब तक हमलावरों के साथ पुलिसवाले वहां से जा चुके थे। बगैर देरी किए वह पत्नी और मासूम बेटे के साथ कार्रवाई के लिए थाना बारादरी पहुंचे मगर वहां हमलावर पहले से पुलिस के साथ बातचीत करते मिले। इंस्पेक्टर और दरोगा ने हमारी कोई बात सुनी और न तहरीर ली। कई बार चक्कर लगाने के बाद भी थाने में सुनवाई नहीं हुई तो मीडिया को आपबीती सुनाई। थानेवाले मीडिया से अब झूठ बोल रहे हैं कि हमलावरों से हमारा समझौता हो गया है। सच तो ये है कि पुलिस दबंग सूदखोरों से मिली हुई है और हमारे पूरे परिवार की जान खतरे में है। हमारे साथ कभी कोई अनहोनी हो सकती है।
पांच लाख कर्ज देकर सूदखोरों ने 40 लाख वसूले, झूठे केस लगवाए
पीड़ित राहुल रस्तोगी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने कारोबारी घाटा होने पर सूदखोरों से 5 लाख रुपये 10 रुपया सैकड़ा पर कर्ज लिया था। धीमे-धीमे कर दबंग उससे 40 लाख के करीब रुपये वसूल चुके हैं। पुलिस के साथ मिलकर हमारी लाखों की चांदी भी हड़प ली है। इसके बाद भी दबंग सूदखोर पीछा नहीं छोड़ रहे। पुलिस से सांठगांठ कर उन्होंने मेरे खिलाफ झूूूूठे केस दर्ज करा दिए हैं। मुझे सट़टेबाज बताकर पुलिस में छवि खराब कर रहे हैं। दबंग सूदखोरों की भाजपा में पकड़ है, इसलिए मेरे परिवार की कहीं सुनवाई नहीं हो रही। थाने से लेकर अफसरों तक चक्कर लगाते-लगाते थक गए हैं मगर हमारी कोई सुनने वाला नहीं। यहां सुनवाई नहीं होगी तो अब हम मुख्यमंत्री के दरबार में जुल्म की पूरी कहानी सुनाएंगे और योगी जी से इंसाफ मांगेंगे।