बरेली। समाजवादी पार्टी बरेली में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कैंप लगाकर नेताओं और कार्यकर्ताओं को नावी राजनीति के आधुनिक फंडे समझा रही है। ट्रेनिंंग कैंप शुरू भी हो चुका है मगर मैनेजमेंट की सपा की इस खास क्लास में मिस मैनेजमेंट के हालात बनने की पहली खबर बाहर आई है। मंडल के सभी 25 विधानसभा क्षेत्रों से 100-100 पदाधिकारी, नेता व प्रमुख कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग कैंप में बुलाने की जानकारी थी मगर बरेली मेें अपने प्रमुख पदाधिकारियों तक को पार्टी प्रशिक्षण की पूरी किट तो दूर उनके लिए एंट्री कार्ड तक उपलब्ध करा सकी। इसमें महानगर समाजवादी पार्टी में उपाध्यक्ष का पद संभाल रहे चेहरे भी शामिल बताए गए हैं। इसे लेकर पार्टी में नाराजगी के सुर फूटते दिखाई दे रहे हैं, हालांकि जिले के कुछ सीनियर नेता सब कुछ मैनेज करने में जुटे हैं।
पीलीभीत बाईपास स्थित हवेली लॉन में समाजवादी पार्टी की आज की से त्रिदवसीय पाठशाला शुरू हुई है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के साथ करीब डेढ़ दर्जन ट्रेनर लखनऊ से समाजवादियों को चुनावी और मार्डन पॉलटिक्स के फंडे सिखाने-समझाने कैंप में आए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, ट्रेनिंग कैंप में भेजे गए ट्रेनरों की पार्टी ने पहले मैनेजमेंट एक्सपर्टों से ट्रेनिंंग कराई है। प्रशिक्षित ट्रेनर अब समाजवादी नेता, पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को चुनाव मैनेजमेंट के साथ पॉलटिक्स के आधुनिक फंडे सिखा रहे हैं।
खास बात ये है कि समाजवादी पार्टी बरेली में तीन दिवसीय कैंप को बेहद गोपनीय बनाकर चल रही है। मीडिया से दूरी का आलम ये है कि शिविर में एंट्री तो दूर, पार्टी के स्तर से बरेली में इस तरह के आयोजन की एक बार भी जानकारी तक नहीं दी गई है। नाम न छापे जाने की शर्त पर पार्टी नेता बता रहे हैं कि आज 20 जनवरी से शुरू हुए तीन दिवसीय प्रशिक्षिण शिविर में आखिरी दिन यानी 22 जनवरी को सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पहुंचने की संभावना है। हालांकि सपा मुखिया एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का अभी तक बरेली आने का आधिकारिक कार्यक्रम यहां नहीं पहुंचा है।
अंदर की बात ये है कि ट्रेनिंग कैंप में मंडल के जिले बरेली, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर की सभी 25 विधानसभा क्षेत्रों से 100-100 पदाधिकारी, प्रमुख नेता व कार्यकर्ता बुलाए गए हैं मगर यह कवायद अव्यवस्थाओं के घेरे में है। पार्टी के कई नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने टीम खबरची को गोपनीय रूप से बताया कि उनको प्रशिक्षण कैंप में जाने को एंट्री कार्ड तक नहीं मिले। इनमें महानगर कार्यकारिणी में उपाध्यय सहित कई अन्य पदों की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रमुख चेहरे भी शामिल हैं। पार्टी हाईकमान ने प्रशिक्षण कैंप में शामिल होने वाले हर समाजवादी के लिए एक-एक विशेष किट भी भिजवाई है। इसमें कैंप में एंट्री के लिए आईकार्ड, डायरी, पैन, कलेंडर, समाजवादी बुलेटिन मैग्जीन व एक बैग शामिल है। बदइंतजामी ही कही जाएगी कि कई नेता व कार्यकर्ता कथित रूप से पूरी किट मिलने की जगह सिर्फ आईकार्ड दिए जाने की बात कह रहे हैं। कथित रूप से कितने ही ऐसे सक्रिय कार्यकर्ता शिविर की सूची में शामिल होने से बंचित बताए गए हैं, जो हर स्थिति में संघर्ष करने के साथ समाजवादी झंडा बुलंद करते दिखाई देते हैं।कार्यकर्ताओं और नेताओं में पार्टी की क्लास को लेकर सक्रियता व जोश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोई सुबह 10 बजे पहुंचा तो कोई 11 और कोई तो टाइम मिलने पर 12 बजे के बाद। पार्टी का जिला संगठन शिविर शुरू होने केे बाद भी इसके बारे में मीडिया के सामने कुछ भी बोलने-बताने से बच रहा है। शायद ये ‘गुप्त समाजवादी ट्रेनिंग कैंप’ की रणनीति का हिस्सा है।
खबरची ब्यूरो