बरेली। राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने अभी 2022 विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों को लेकर अपना होमवर्क शुरू ही किया है कि पार्टी नेताओं में जबरदस्त जोर आजमाइश शुरू हो गई है। सपाई कुनबे में पहली रस्साकशी आंवला से सामने आ रही है। जिला संगठन से नो ड़यूूूज को लेकर बहस के बीच पूर्व जिला महासचिव प्रदीप मौर्या ने सीधे प्रदेश नेताओं सेे संपर्क कर अपना आवेदन लखनऊ कार्यालय में जमा कर दिया है।
सपा हाईकमान ने विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से 26 जनवरी तक अपने आवेदन जमा करने को कहा है। टिकट की दौड़ में शामिल होने के लिए हर दावेदार को 20 हजार रुपये सदस्यता शुल्क अनिवार्य रूप से जमा करना है। इसके अलावा समाजवादी पत्रिका की सदस्यता के लिए अलग से 20 हजार रुपये और पार्टी का सक्रिय सदस्य होना भी जरूरी है। जो चेहरे पार्टी के सक्रिय सदस्य नहीं है, वे एक हजार रुपये अलग से जमा कर सक्रिय सदस्यता हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा एक हजार रुपये वार्षिक शुल्क भी जमा करना है। पार्टी नेतृत्व ने दावेदारों के सामने टिकट आवेदनपत्र के साथ जिला संगठन से नो ड़यूज प्रमाणपत्र भी जमा करने की शर्त रखी है।
आंवला से टिकट के प्रबल दावेदार सपा के पूर्व जिला महासचिव प्रदीप मौर्या ने एक दिन पहले जिलाध्यक्ष अगम मौर्या से फोन पर नोड़यूज मांगा था। प्रदीप उस वक्त लखनऊ में थे। प्रदीप का कहना है कि जिलाध्यक्ष ने उनसे व्यक्तिगत मुलाकात के बाद ही नोड़यूज देने की बात कही। उन्होंने ये भी कहा कि वह बाहर होने की वजह से परिवार के किसी व्यक्ति को नो ड़यूज के लिए पार्टी कार्यालय भेज देेंगे मगर जिलाध्यक्ष इस बात पर राजी नहीं हुए। पता लगा है कि प्रदीप मौर्या ने प्रदेश के नेताओं को जानकारी दी।
प्रदेश कार्यालय से जिला संगठन को फोन कर पूूूूछा गया कि प्रदीप मौर्या पर पार्टी का कोई ड़यूज तो बाकी नहीं है। जिला संगठन ने कोई ड़यूज बकाया नहीं होने की जानकारी दी। इसके बाद प्रदीप मौर्या का आंवला से टिकट का आवेदन प्रदेश कार्यालय में जमा कर लिया गया।
आंवला: किसी से छिपी नहीं समाजवादी चेहरों की टंगड़ी मार लड़ाई
सपा के पूर्व जिला महासचिव प्रदीप मौर्या की दावेदारी ने पार्टी में नई घमासान के हालात पैदा कर दिए है। आंवला में दिलचस्पी रखने वाले समाजवादी नेताओं में हमेशा टंगडी मार जंग देखी जाती रही है। पिछले चुनाव में सपा ने पूर्व सांसद कुंवर सर्वराज सिंह के बेटे सिद़धराज सिंह को टिकट दिया था। सपा के मौजूदा जिलाध्यक्ष अगम मौर्या उस वक्त आंवला से बसपा की टिकट पर मैदान में उतरे थे। करीबी मुकाले में सपा के सिदधराज सिंह भाजपा उम्मीदवार धर्मपाल सिंह से चुनाव हार गए। उस वक्त ये कहानी सामने आई थी कि पार्टी के ही कुछ नेताओं ने अंदरखाने पार्टी उम्मीवार का साथ नहीं दिया। अबकी आंवला में सपा की पूरी सियासत बदली नजर आ रही है। बसपा उम्मीदवार रहे अगम मौर्या समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं। जिले की कमान संभालते हुए अगम आंवला से टिकट मांगेंगे या नहीं, इसे लेकर उन्होंनेे अभी पत्ते नहीं खोले हैं। इस बीच पूर्व जिला महासचिव एवं मौर्य समाज के कद़दावर नेता प्रदीप मौर्या ने आंवला से टिकट के लिए आवेदन कर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। दूसरे दावेदारों की बात करें तो पूर्व विधायक महीपाल सिंह यादव और उनके बेटे अमित राज सिंह के साथ पूर्व जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव भी आंवला से सपा की टिकट के दावेदार हैं।
युवा जोश: बिथरी से सूरज, कैंट से नूतन, मीरगंज से भूपेन्द्र कुर्मी देने जा रहे ताल
बरेली समाजवादी पार्टी में 2022 विधानसभा चुनाव के लिए अबकी बार युवा नेताओं में खास जोश नजर आ रहा है। सबसे ज्यादा काट-छांट की चुनावी राजनीति के लिए पहचानी जाने वाली बिथरी विधानसभ सीट से मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के निवर्तमान राष्ट्रीय महासचिव सूरज यादव प्रमुख दावेदार बनकर सामने आ रहे हैं। 2017 में समाजवादी कुनबे में रार के बीच पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव सपा की टिकट पर चुनाव लड़े थे और करीबी मुकाबले में भाजपा उम्मीदवार से परास्त हो गए थे। सपा से शिवपाल यादव के अलग होने के बाद वीरपाल भी उनके साथ गए और अभी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया में प्रदेश मुख्य महासचिव हैं। सपा बिथरी से नए चुनावी चेहरे की तलाश है। इसके लिए युवा नेता सूरज यादव ने आस्तीनें चढ़ा ली हैं। वह जरूरी औपरचारिकताएं पूरी करने के साथ टिकट के आवेदन के लिए लखनऊ रवाना हो रहे हैं। कैंट विधानसभा क्षेत्र से प्रमुख दावेदार के रूप में पार्टी के जिला सचिव नूतन शर्मा का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। नूतन लंबे समय से पार्टी से जुड़़े हैं और मजबूत ब्राह़मण चेहरा होने की वजह से पार्टी हाईकमान से संगठन में हमेश तबज्जो पाते रहे हैं। उन्हें पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ही इस बार सीधे लखनऊ से जिला सचिव की जिम्मेदारी सौंप रखी है। पिछले चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के चलते कैंट से नवाब मुजाहिद चुनाव लड़े थे और करीबी मुकाबले में शिकस्त खा बैठे थे। सपा को यहां से अब चुनाव के लिए पार्टी के अपने मजबूत चेहरे की तलाश है तो नूतन शर्मा इसके लिए आगे आ रहे हैं। नूतन भी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद टिकट के लिए आवेदन जमा करने लखनऊ जा रहे हैं। मीरगंज विधानसभा क्षेत्र से भी सपा को मजबूत प्रत्याशी की तलाश है, क्योंकि यहां भी पिछली बार गठबंधन के चलते कांग्रेस उम्मीदवार नरेन्द्र पाल सिंह ने चुनाव लड़ा था। मीरगंज से बरेली कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं शेरगढ़ ब्लाक की प्रमुखी संभाल रहे तेजतर्रार युवा नेता भूपेन्द्र कुर्मी ताल ठोंकने जा रहे हैं। मीरगंज से समाजवादी पार्टी की टिकट के लिए आवेदन करने भूपेन्द्र कुर्मी लखनऊ पहुंच चुके हैं। मीरगंज में सपा के दूसरे प्रमुख दावेदार पूर्व विधायक सुल्तान बेग भी हैं, जिन्होंने पिछला चुनाव यहां से बसपा की टिकट पर लड़ा था और दूसरे नंबर पर रहे थे। सुल्तान बेग के भाई सुलेमान बेग उस वक्त बसपा की टिकट पर भोजीपुरा के मैदान में उतरे थे और वह भी शिकस्त खा बैठे थे। मीरगंज से टिकट की दावेदारी में सुल्तान का नाम भी आगे है, हालांकि सुलेमान के सवाल पर परिवार अभी मौन है।
नवाबगंज से भगवत के आगे दूसरा नाम नहीं, शहर से डॉ. अनीस पर निगाहें, बहेड़ी, भोजीपुरा व फरीदपुर में सपाई दावेदारी को लेकर बड़ा सस्पेंस कायम
नवाबगंज सीट से पांच बार विधायक रहे पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार की दावेदरी के आगे सपा में दूसरा कोई नाम दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा। भगवत पर सपा पिछले लोकसभा चुनाव में बरेली सीट से दांव आजमा चुकी है। चुनावी राजनीति में रुहेलखंड का बड़ा चेहरा माने जाने वाले भगवत फिर नवाबगंज से दावेदारी करने जा रहे हैं। इसके लिए वह लखनऊ पहुंच चुके हैं। शहर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी में प्रमुख चिकित्सक डॉ. अनीस की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। डॉ. अनीस पूर्व विधायक सुल्तान बेग के भाई है और शहर में हर वर्ग पर मजबूत पकड़ रखते हैं। चुनावी राजनीति में वह हर बार पार्टी उम्मीदवारों की रणनीति संभालते नजर आते हैं। अबकी उनका नाम टिकट के प्रमुख दावेदार के रूप में सामने आ रहा है। भोजीपुरा से पूर्व विधायक शहजिल इस्लाम के साथ कुछ और नाम भी दावेदार के रूप में सामने आ रहे हैं। फरीदपुर में दिवंगत पूर्व विधायक सियाराम सागर के पुत्र विशाल सागर के अलावा बसपा के एक पूर्व विधायक का नाम दावेदारों की दौड़ में शामित बताया जा रहा है। सबसे बड़ा सस्पेंस बहेड़ी सीट पर है, जहां पिछले चुनाव में सपा की टिकट पर चुनाव लड़े अताउर रहमान तीसरे नंबर पर ठहरे नजर आए थे। अताउर के मुकाबले पिछला चुनाव बसपा की टिकट से लड़े बहेडी चेयरमेन पति नसीम अहमद सपा से टिकट की होड़ में नजर आ रहे है। नसीम 2017 के चुनावी मुकाबले में दूसरे नंबर पर रहे थे और अबकी सपा से चुनाव लड़ने के मूड में है। पार्टी के बड़े नेताओं में वह अच्छी पैठ रखते हैं और जिले के प्रमुख नेता भी अंदरखाने उनकी ही दावेदारी पर मुहर लगाने के पक्ष में है। वैसे, अभी बहेड़ी से किसी दावेदार ने टिकट के लिए अपना आवेदन जमा नहीं किया है। 26 जनवरी तक समाजवादी पार्टी में टिकट के आवेदन को लेकर जबरदस्त उठापठक होने के हालात बन रहे हैं।
खबरची/ अजय शर्मा