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करोड़पत‍ि आईपीएस : केबीसी में आरडीएक्‍स के सवाल पर अटक गईं थीं मोह‍िता शर्मा, जान‍िए कश्‍मीर की पुल‍िस कप्‍तान ने कैसे द‍िया जवाब

मुंबई। कौन बनेगा करोड़पत‍ि में महानायक अम‍िताभ बच्‍चन के सामने हॉट सीट पर बैठीं आईपीएस ऑफ‍िसर मोह‍िता शर्मा एक करोड़ के सवाल पर कुछ देर को अटक गई थीं। फ‍िर उन्‍होंने सवाल का जवाब भी द‍िया और एक करोड़ की राश‍ि भी जीती। केबीसी में कमाल करने वालीं यह दूसरी पुल‍िस अध‍िकारी हैं।

सोनी टीवी के क्विज रिएलिटी शो में पहुंचकर आईपीएस अधिकारी मोहिता शर्मा ने पति रुशल गर्ग के उस सपनेे साकार क‍ि क‍िया जो प‍िछले 20 बरस से देख रहे थे। रुशल गर्ग खुद आईएफएस अफसर हैैं। दोनों ने 2019 में शादी की थी। 2017 बैच की आईपीएस मोह‍िता शर्मा मूूूलरूप से हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली में पूरी की है। अभी उनकी पोस्‍ट‍िंंग एएसपी के तौर पर जम्‍मू-कश्‍मीर के सांबा में है। पांच साल के प्रयास करने के बाद मोहिता सिविल सर्विसेज की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर आईपीएस अफसर बनी हैं।

केबीसी 12 में मोह‍िता ने 12. 50 हजार जीतने तक किसी भी लाइफ लाइन का इस्तेमाल नहीं किया था। एक करोड़ के सफर में उन्होंने केवल तीन लाइफ लाइन का उपयोग किया। एक करोड़ के लिए मोहिता को  ‘इनमें से किस विस्फोटक पदार्थ का पेटेंट सबसे पहली बार 1898 में जर्मन रसायनशास्त्री जॉर्ज फ्रेडरिक हेनिंग ने करवाया था और उसका पहली बार इस्तेमाल सैकेंड वर्ल्‍ड वार में किया गया’ ये सवाल पूछा गया था। मोह‍िता इस सवाल पर अटक गईं। कुछ देर व‍िचार करने के बाद उन्‍होंने एक्‍सपर्ट की मदद लेकर सही जवाब आरडीएक्स दिया। 7 करोड़ के सवाल का जवाब न देते हुए खेल को क्विट कर गईंं। एक करोड़ जीतने के बाद मोहिता ने कहा कि आईपीएस अधिकारी होने की वजह से वर्दी का मान बढ़ाना उनका मुख्य उद्देश्य था। मोह‍िता के पत‍ि आईएफएस रुशल गर्ग भी जम्मू-कश्मीर कैडर से हैं। रुशल बीस साल से केबीसी में शामिल होने के लिए प्रयास कर रहे हैं। हालांकि उनका सपना अब उनकी पत्नी मोहिता ने पूरा किया है।

यहां बता दें क‍ि सरकारी कर्मचारी किस विभाग में काम करते हैं, इस पर भी तय होता है कि वे केबीसी में जा सकते हैं या नहीं। मिसाल के तौर पर रक्षा या खुफिया सूचना से जुड़े विभागों के लोग जाहिर तौर पर इसका हिस्सा नहीं बन सकते। केबीसी में जाने से पहले अपने विभाग से अनुमति लेनी होती है और क्लीयरेंस मिलने के बाद ही वे प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकते हैं। ऐसा न करने पर विभागीय कार्रवाई हो सकती है।

खबरची ब्‍यूरो 

 

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