बदायूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में मिशन शक्ति अभियान के तहत महिला अपराध के मामले में त्वरित कार्रवाई और जल्द न्याय को लेकर गंभीर पहल करते नजर आ रहे हैं। सभी थानों में महिलाओं की मदद के लिए वूमन हेल्प डेस्क खुलवाए गए हैं। मगर दूसरी सच्चाई ये भी है कि थानों में महिला अपराध के मामले आसानी से सुने भी नहीं जाते। ताजा मामला बदायूं का है, जहां एक सरकार डॉक्टर पर आरोप है कि उसने प्राइवेट अस्पताल में काम करने वाली नर्स का लंबे समय तक यौन शोषण किया। अश्लील वीडियो और फोटो बनाकर उसे लगातार ब्लैकमेल करता रहा मगर पुलिस ने बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी कार्रवाई नहीं की। महिला की शिकायत पर अब बदायूं कोर्ट ने एफआईआर दर्ज कर आरोपों की विवेचना करने के आदेश जारी किए हैं।
डॉक्टर ने नर्स को फोन कर बुलाया, मौसम खराब था और फिर….
न्यालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बदायूं में दिए प्रार्थना पत्र में पीड़ित महिला ने बताया कि वह अक्टूबर 2014 से जनवरी 2015 तक जयश्री मैरी गोल्ड अस्पताल बदायूं में नर्स के रूप में काम करती थी। उस दौरान बदायूं के जिला महिला अस्पताल बदायूं में कार्यरत एक विशेषज्ञ डॉक्टर कथित रूप से ऑनकॉल पर ऑपरेशन करने मैरी गोल्ड अस्पताल में जाते थे। सर्जरी के समय प्रार्थिनी उनके साथ में काम करती थी तो डॉक्टर से पहचान हो गई। आरोप है कि डॉक्टर ने किसी कर्मचारी से नर्स का मोबाइल नंबर हासिल कर लिया। शिकायत के मुताबिक, दिसंबर महीना 2014 में एक दिन डॉ हाकिम की कॉल मोबाइल नंबर 9759393742 से नर्स के पास आई। डॉक्टर ने नर्स को अपने कमरे पर बुलाया। मौसम खराब था। बारिश होने लगी। नर्स के कपड़े भीग गए थे। डॉक्टर ने कहा कपड़े बदले। नर्स कपड़े बदल रही थी तो डॉक्टर ने कथित रूप से नर्स का कपड़े बदलते का वीडियो बना लिया। एक सप्ताह बाद डॉक्टर पीड़ित नर्स को संभल के नवजीवन अस्पताल ले गया और वीडियो दिखाकर उसे ब्लैकमेल किया। वह वीडियो डिलीट करने को गिड़गिड़ाती रही मगर डॉक्टर ने ऐसा नहीं किया। धमकी दी कि जैसा मैं कहता हूं, करती रहो। आरोप है कि डॉक्टर ने इच्छा के खिलाफ नर्स के साथ गलत काम किया।
धमकी दी, किसी कुछ बताया तो सोशल मीडियो पर वायरल होंगे फोटो-वीडियो
नर्स ने कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में कहा कि डॉक्टर ने उसे धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को भी कुछ बताया तो उसके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए जाएंगे। इसके बाद 16 जनवरी 2015 को डॉक्टर ने उसे नवजीवन अस्पताल बहजोई में रखा। उस अस्पताल में कार्यरत एक ओटी टैक्नीशियन को डॉक्टर ने नर्स की अश्लील वीडियो शेयर कर दी। टैक्नीशियन ने वीडियो वायरल करने की धमकी दी और शादी का झूठा आश्वासन देकर जबरदस्ती उसका यौन शोषण किया। टैक्नीशियन ने कुछ स्टांप और कोरे कागजों पर नर्स के फोटो करा लिए और दवाब देकर उन पर दस्तखत भी करा लिए। इसके बाद टैक्नीशियन उसे नैनीताल, बरेली, मुरादाबाद, नोएडा, अलीगढ़, हरिद्वार और ऋषिकेश ले गया। इन सभी जगहों पर वह डॉक्टर एक अन्य व्यक्ति के साथ पहले से मौजूद मिला। नर्स का आरोप है कि उसके साथ सभी लोगों ने नशे का इंजेक्शन देकर बारी-बारी रेप किया। शोषण का यह सिलसिला उसके बाद भी लगातार चलता रहा। नर्स का आरोप है कि 2017 में डॉक्टर ने जीएस अस्पताल खोला। डॉक्टर और टैक्नीशियन अपने आवास पर उसे बुलाते और शराब पीकर उसका यौन उत्पीड़न करते। नर्स का आरोप है कि टैक्नीशियन ने उसके साथ शादी का झूठा नाटक रचा। इसके बाद उसने वह अस्पताल छोड़ दिया। लोक लाज और इज्जत की खातिर वह चुुुप रही। इसके बाद वह बदायूं के सद़भावना अस्पताल में नौकरी करने लगी। आरोपियों को जानकारी हुई तो वहां भी आ धमके और बदायूं ले जाने का दवाब बनाया। विरोध पर उसका अश्लील फोटो मोबाइल पर भेज दिया।
15 जुलाई 2020: जबरन जंगल में ले गए और सबने की नर्स के साथ मनमानी
नर्स ने कोर्ट को दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया कि 15 जुलाई 2020 की शाम छह बजे आरोपी उसे बिल्सी से गाड़ी में बिठाकर कुरऊ गांव के पास जंगन में ले गए। आरोप है कि वहां बदायूं अस्पताल में तैनात सरकारी डॉक्टर ने साथी टैक्नीशियन के साथ मिलकर जबरस्ती गलत काम किया। नर्स को रोता हुआ देखकर राहगीर वहां रुके तो आरोपी धमकी देेते हुए चले गए। वह थाने गई मगर पुलिस ने उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी। इसके बाद उसने कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों का दरवाजा खटखटाया मगर उसकी सुनवाई वहां भी नहीं की गई।
पुलिस ने भेजी कोर्ट में रिपोर्ट, नर्स के आरोप झूठे, कुछ नहीं हुआ उसके साथ
नर्स की शिकायत मिलने के बाद सीजेएम कोर्ट बदायूं ने सम्बंधित थाने की पुलिस से मामले में रिपोर्ट तलब की। पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया कि आवेदिका उपरोक्त अस्पताल में आया का काम करती है। 2019 में उसने एक व्यक्ति के खिलाफ रुपये लेने और बलात्कार करने के सम्बंध में दिया था। उससे पहले नर्स और आरोपी एक अस्पताल में साथ काम करते थे। आरोपी ने गवाही देने से मना किया तो नर्स आरोपी के साथ डॉक्टर के खिलाफ झूठा आरोप प्रेषित कर रही है। पुलिस ने कोर्ट में भेजी आख्या में यह भी कहा कि सम्बंधित नर्स दबाव बनाने और पैसा वसूलने के लिए टैक्नीशियन के साथ डॉक्टर के खिलाफ झूठे शिकायती पत्र प्रेषित कर रही है। कुरऊ गांव में उसके साथ रेप या ऐसी कोई अन्य घटना नहीं हुई है। इस मामले में पहले कोई मुकदमा दर्ज नहीं है।
कोर्ट का आदेश: प्रथम दृष्टया अपराध संज्ञेय, केस दर्ज कर की जाए विवेचना
सम्बंधित नर्स के आरोपों पर गौर करने और बदायूं के थाना सिविल लाइंस की आख्या को देखने के बाद न्यालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बदायूं ने 23 अक्टूबर 2020 को जारी किए आदेश में कहा है कि आवेदिका का प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है। सम्बंधित थानाध्यक्ष को आदेशित किया जाता है कि शिकायतकर्ता के आरोपों पर केस दर्ज कर मामले की विवेचना करना सुनिश्चित करें। देखना ये है के कोर्ट के आदेश के बदायूं के थाना सिविल लाइंस की पुलिस नर्स की ओर की गई शिकायत में आरोपियों के खिलाफ केस कब दर्ज करती है और आगे इस मामले में क्या कार्रवाई करती है। मामले पर इसलिए भी मीडिया निगाहें जमी हैं, क्योंकि इसी शुक्रवार को ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत कराई है और इसमें सरकार के साथ उसके अफसरों के स्तर से दावा किया गया कि महिला अपराध के मामले में तुरंत रिपोर्ट दर्ज होगी और त्वरित मदद के साथ निष्पक्ष विवेचना भी।
खबरची ब्यूरो