पीलीभीत। पूरनपुर कस्बे में पुलिस टीम पर हमले के मामले में नया खुलासा हुआ है। हमलावर भीड़ सिपाहियों को पीटते हुए विधायक आवास की ओर ले गई थी। दो सिपाही तो किसी तरह भीड़ के चंगुल से छूटकर भाग निकले मगर एक सिपाही आखिर तक फंसा रहा। भीड़ में शामिल लोग भीड़ ने विधायक का दरवाजा पीटा तो सिपाही ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर चीखना शुरू कर दिया।
इसके बाद विधायक के गनर ने बाहर निकलकर भीड़ के चंगुल में फंसे सिपाही को बचाया। इस बीच कोतवाली इंस्पेक्टर को फोन किया गया मगर कहा जा रहा है कि वह देर से मौके पर पहुंचे। थाने से अतिरिक्त फोर्स पहुंचने पर हमलावर वहां से भाग गए। इस मामले में पुलिस नेे 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। भीड़़ ने एक दिन पहले रात दस बजे के करीब ड़यूटी पर जा रही सिपाहियों पर हमल कर दिया था। सिपाहियों का बस इतना सा कसूर था कि उन्होंने सड़क पर आपस में झगड़ रहे लोगों को लड़ने से से रोकनेे की कोशिश की थी।
- पूरनपुर कोतवाली में तैनात सिपाही राजन तौमर ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि वह 22 अक्टूबर की रात साढ़े 10 बजे साथी कांस्टेबल अक्षय तोमर के साथ आसाम चौराहे पर ड़यूटी को जा रहे थे। रास्ते में बाजार के पास कुछ लोगों को आपस में झगड़ा करते देखा तो हम दोनों सिपाहियों ने उनको ऐसा करने की कोशिश की। इसी बात को लेकर वहां मौजूद लोगों ने 8-10 अपने साथी और वहां बुला लिए। विवाद बढने पर सिपाही राजन ने थाने से कांस्टेबल धीरज मलिक को भी फोन कर बुलाया। वहां मौजूद भीड़ ने तीनों सिपाहियों को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया और धमकी देते हुए वहां से भाग निकले। पुलिस ने सिपाही राजन तोमर की तहरीर पर आरोपी आकाश, प्रेमा, विकास, प्रवीण सहित कई अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 147, 323, 353, 332, 504ए 506 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है। हमलावरों की तलाश में दबिशें जारी हैं।
खबरची ब्यूरो