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बरेली ग्राउंड र‍िपोर्ट : रो रहे क‍िसान कहां ले जाएं धान, क्रय केन्‍द्रों की हालत बता रही…यहां का स‍िस्‍टम बेजान

बरेली। धान खरीद की जमीनी हकीकत वातानुकूल‍ित बंगले-कार्यालयों में बैठे अमले को शायद न नजर आ रही हो मगर सच्‍चाई बहुत कड़वी है। बरेली में ज्‍यादातर क्रय केन्‍द्रों पर धान खरीद की औपचार‍िकता न‍िभाई जा रही है। खाली जेब भूखे-बेहाल क‍िसान कई-कई द‍िन खरीद केन्‍द्रों पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं मगर उनका नंबर नहीं आ पा रहा। बरेली में धान खरीद की सच्‍चाई बयां करती अनुरोध भारद्वाज, अम‍ित नारायण शर्मा और अजय शर्मा की ग्राउंड र‍िपोर्ट।

न‍िहाल हुसैन, धान उत्‍पादक क‍िसान फैजनगर बरेली

सुदूर देहात में क्रय केन्‍द्रों पर हो रही धांधली से परेशान अपना धान लेकर मुख्‍यालय पर बने मंडी क्रय केन्‍द्र पर दौड़ रहे हैं मगर यहां इतना इंतजाम नहीं है क‍ि बगैर देरी के उनका माल खरीदा जा सके। मंडी सम‍ित‍ि क्रय केन्‍द्र पर पांच द‍िन अपनी बारी का इंतजार कर रहे फैजनगर भुता गांव के क‍िसान न‍िहाल हुसैन ने टीम खबरची को बताया क‍ि वह तो पांच द‍िन से वह मंडी में जमे हैं। जमीन पर पड़ा धान बर्बाद हो रहा है मगर माल की खरीद नहीं हो रही।

रंजीत, धान उत्‍पादक क‍िसान नदौसी बरेली

नदौसी गांव के क‍िसान रंजीत ने बताया क‍ि सरकार ने धान खरीद को लेकर चाहे जैसे दावे क‍िए हों मगर यहां बहुत बुरा हाल है। ज‍िले के सबसे बड़े केन्‍द्र मंडी पर भी सप्‍ताह-सप्‍ताह भर क‍िसानों का धान नहीं तुल रहा तो देहात के क्रय केन्‍द्रों की तो बात ही छोड़ दीज‍िए। रंजीत बताते हैं क‍ि देहात में केन्‍द्रों पर क‍िसानों को जानबूझकर परेशान क‍िया जा रहा है। मंडी में ज्‍यादा कांटे लगाए जाने चाह‍िए थी मगर अफसरों को कुछ नहीं द‍िख रहा। अध‍िकारी दफ़तरों से न‍िकलकर यहां आकर देखें तो उन्‍हें पता लगेगा धान पैदा करके क‍िसान क‍िस तरह रो-तड़प रहा है।

सरदार बलव‍िंदर स‍िंह, धान उत्‍पादक फार्मर मोहरन‍िया बरेली

धान के बड़े उत्‍पादक फार्मर मोहरन‍िया के सरदार बलव‍िंदर स‍िंह और चैना मुरावपुर के सरदार रक्षपाल स‍िंह ने बताया क‍ि धान की बहुत बेकद्री हो रही है। क्रय केन्‍द्रों पर स‍िर्फ मोटा धान खरीदा जा रहा है। पहले व्‍यापारी और राइस म‍िलों को सीधे धान बेचकर थोड़ा कम ही सही मगर क‍िसान वक्‍त पर अपना माल बेच ल‍िया करते थे। अबकी बार व्‍यापारी और राइस म‍िलें क‍िसानों का माल नहीं ले रही और क्रय केन्‍द्रों पर माल लंबे इंतजार के बाद भी तुल नहीं रहा। ऐसे में क‍िसान परेशान हो रहा है। क‍िसान को तुरंत पैसा चाह‍िए मगर यह सब न सरकार को द‍िख रहा और अपने कार्यालयों में चैन से बैठे अफसरों को।

बासमती-शरबती जैसा अच्‍छा धान सरकारी क्रय नीत‍ि में ही नहीं 

अफसरों का कहना है क‍ि बासमती, शरबती, मंसूरी जैसा अच्‍छी क‍िस्‍म का चावल सरकार की क्रय नीत‍ि में ही नहीं है। सरकार स‍िर्फ क्रय केन्‍द्रों के जर‍िए ग्रेड ए और कॉमन श्रेणी का वही धान खरीदवाती है, ज‍िसकी र‍िकवरी 67 फीसदी से अध‍िक होती है। मध्‍यवर्गीय पर‍िवारों में सबसे ज्‍यादा शरबती-मंसूरी जैसा चावल खाया जाता है मगर सरकार क‍िसानों से इस वैराइटी के धान की खरीद नहीं कराती। यही वजह है क‍ि क‍िसानों के खेत से न‍िकला बासमती और शरबती जैसी क‍िस्‍मों का धान पूरी तरह व्‍यापारी-राइस म‍िलों के भरोसे रहता है। बरेली, पीलीभीत कई तराई में ऐसे क‍िसान भी बहुत हैं जो बासमती-शरबती धान भी उगाते हैं। क्रय नीत‍ि में नहीं आने की वजह से वह चाहकर भी अच्‍छी क्‍वाल‍िटी का चावल क्रय केन्‍द्रों पर नहीं बेच सकते। क्‍योंक‍ि धान की र‍िकवरी मोटे धान के मुकाबले कम रहती है।

फार्मर सरदार रक्षपाल स‍िंह बताते हैं क‍ि भारत से बासमती चावल कई मुस्‍ल‍िम देशों को जाता रहा है। इस बार वे देश भारत से चावल नहीं ले रहे। इससे बासमती न‍िर्यातक और व्‍यापारी, राइस म‍िलें सब हाथ खींच रहे हैं। इसका सीधा असर क‍िसानों पर पड़ रहा है, क्‍योंक‍ि उनका माल कोई खरीदने को तैयार ही नहीं है। बाजारों में बासमती-शरबती धान को कुछ व्‍यापारी ले भी रहे हैं तो रेट आधे से भी कम दे रहे हैं। बेचारा क‍िसान हर तरफ से प‍िस रहा है।

क्षेत्रीय व‍ितरण अध‍िकारी बोले,  संसाधन कम होने से खरीद में द‍िक्‍कत 
ज्ञानचंद्र वर्मा, क्षेत्रीय व‍िपणन अध‍िकारी बरेली

बरेली के क्षेत्रीय व‍िपणन अध‍िकारी ज्ञानचंद्र वर्मा ने खबरची टीम से बातचीत में कहा क‍ि मंडी क्रय केन्‍द्र पर पूरे ज‍िले के क‍िसानों का दवाब है। मंडी सम‍ित‍ि की ओर से अभी तक दो ही डस्‍टर (धान से धूल अलग करने वाला यंत्र) ही उपलब्‍ध कराए हैं, ज‍िनका इस्‍तेमाल कर चार कांटों पर धान तौला जा रहा है। मंडी से दो और डस्‍टर मांगे गए हैं। अत‍िर‍िक्‍त डस्‍टर जब आएंगे तो धान खरीद में तेजी आ जाएगी। उन्‍होंने यह भी बताया क‍ि ज‍िला व‍िपणन अध‍िकारी को पत्र भेजकर एसएस जौहरपुर पीसीएफ, कृषक उपभोक्‍ता बंधु धर्मपुर यूपीएसएफ, नेफेड रायपुर और एनईसीएफ ईशापुर के धान खरीद केन्‍द्रों को मंडी श‍िफ़ट कराए जाने का अनुरोध क‍िया गया है। क‍िसानों का ज्‍यादा दबाव देखकर पहले ही मंडी में खरीद से जुड़ीं सभी एजेंस‍ियों का एक-एक केन्‍द्र यहां शुरू करना चाह‍िए था मगर ऐसा नहीं हुआ है। सीम‍ित संसाधनों के बाद भी वह पूरी ईमानदार से मंडी केन्‍द्र पर धान खरीद करा रहे हैं।

मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ सख्‍त मगर ज‍िलों की मशीनरी सुस्‍त 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ आदेश दिए हैं कि धान खरीद में गड़बड़ी करने वालों को गिरफ्तार करके भेज भेजा जाए। सीएम की सख्‍ती के बाद धान खरीद में लापरवाही करने वाले आठ केंद्र प्रभारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। सख्त निर्देश हैं कि जो भी लापरवाही करे या भ्रष्टाचार करे उसके खिलाफ ऐसे ही गंभीर धाराओं में केस दर्ज करके जेल भेजा जाए। राज्‍य में पांच केंद्र प्रभारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित भी क‍िया गया है। 199 केंद्र प्रभारियों पर धान खरीद में लापरवाही करने पर विभागीय कार्रवाई की गई है। सीएम ने सभी जिले के डीएम को सख्त निर्देश दिए हैं कि लापरवाही और भ्रष्ट अधिकारियों को जेल भेजें।

 

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