क्योलड़िया/ बरेली। किसान की बेटी को गायब करा देने वाली क्योलड़िया पुलिस की यह नई कारगुजारी है, जिसे जानकार कोई भी सिस्टम की बेईमानी समझ जाएगा। मॉव लिंंचिंंग
जैसी घटना में पुलिस ने इस बार ऐसा कुछ किया है कि अफसर जवाब नहीं दे पाएंगे। छेड़छाड़ के आरोपी दलित युवक पर भीड़ हमला करती है। पीट-पीटकर उसकी चमड़ी उधेड़ देती है। पुलिस मौके पर पहुंचती है और सबको पकड़कर थाने लाती है। दलित युवक की आपबीती सुनती है और बगैर कार्रवाई के सनसनीखेज घटना पर परदा डाल देती है। दलित युवक का वायरल वीडियो इससे आगे की कहानी खुद समझाएगा।
मामला कुछ दिन पहले का है मगर वीडियो वायरल होने के बाद सामने अब आया है। घटना क्या थी, पहले ये जान लीजिए? क्योलड़िया थाना क्षेत्र में एक गांव है कुइयांं रामपुर । यहां के दलित नौजवान विनोद पर कुछ लोग गांव की लड़की से छेड़छाड़ का कथित आरोप लगाते हैं। थोड़ी ही देर में भीड़ जमा हो जाती है और युवक को पकड़कर पीटना शुरू कर देती है। लाठी-ठंडे, लात-घूंसेे बरसाकर युवक को अधमरा कर दिया जाता है।
किसी तरह सूचना मिलने पर क्योलड़िया थाने के एसओ पुलिस के साथ मौके पर पहुंचतेे हैंं और युवक को भीड़ के चंगुल से छुड़ाकर थाने लाते हैं। साथ में पुलिस उन 11 लोगों को भी पकड़कर थाने ले आती है, जिन पर युवक को अमानवीय तरीके से पीटे जाने का आरोप लगा था। वायरल वीडियो में पीड़ित युवक थाने में पुलिस हिरासत में बैठे एक-एक हमलावर की तरह इशारा करके जुल्म की पूरी कहानी सुनाता है। किसने किस तरह पीटा, मांगने पर पानी तक नहीं दिया, यह पूरी सच्चाई युवक वीडियो में खुद बताता नजर आ रहा है। पीठ, हाथ, पैरों पर पिटाई के स्याह-लाल निशान भी दिखा रहा है। युवक की जुबानी सब कुछ सुनने के बाद पुलिस कर्मी मारपीट के आरोपियों से भी पूछताछ करते नजर आ रहे हैं।
इसके बाद पुलिस मैनेजमेंट शुरू होता है। छेड़छाड़ के आरोपी युवक के साथ पुलिस मारपीट के मामले में पकड़े गए सभी आरोपियों को रात भर थाने में बिठाकर रखती है। सूत्रों के मुताबिक, अगले दिन अचानक ऐसा कुछ होता है कि अगले दिन सबको छोड़ देती है। छेड़छाड़ के आरोप में पीटे गए युवक का मेडिकल भी नहीं कराया जाता और बाद में उसे भी छोड़ दिया जाता है। सवाल ये है कि मामला छेड़छाड़ का था तो पुलिस ने उसमें कार्रवाई क्या की? आरोपी को अमानवीय तरीके से पीटने वाले लोगों को थाने से क्यों छोड़ दिया गया? क्या अफसर जानते नहीं है कि ऐसे मामले कई बार बड़ी अनहोनी का कारण बन जाते हैं ?
यही क्योलड़िया पुलिस एक किसान की बेटी के कस्टडी से गायब हो जाने के मामले में विभाग की पहले से किरकिरी करा रही है। लड़की कैसे गायब हुई, इसे लेकर थाना प्रभारी, विवेचनाधिकारी और सुरक्षा में तैनात महिला सिपाही सब एक दूसरे को दोषी बता रहे हैं। अब उसी थाने का नया खेल सामने आने से हड़कंप मचा है। यह बात अलग है कि अफसर अब भी कार्रवाई की जगह जांच-जांच के खेल में व्यस्त हैं।
खबरची/ शकील अंसारी