नवाबगंज/ बरेली। पति के साथ नवाबगंज के तीन अधिवक्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने वाली महिला दोपहर में दुधमुंहे बच्चे को गोद में लेकर आत्मदाह के इरादे से थाने के सामने जा पहुंची। ऐसा करने की धमकी वह एक दिन पूर्व ही दे चुकी थी, इसलिए पहले से मुस्तैद पुलिस ने महिला को रोक दिया। महिला फिलहाल नवाबगंज पुलिस की हिरासत में हैं। दूसरी ओर, साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने से नाराज कस्बे के अधिवक्ताओं ने हड़ताल शुरू कर दी है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच नवाबगंज पुलिस की टेंशन बढ़ती नजर आ रही है।
पीलीभीत के ग्राम चंदौई की रहने वाली महिला की शादी नवाबगंज क्षेत्र के गांव अध्कटा नजराना के नंदकिशोर के साथ हुई थी। आरोप है महिला के साथ दो दिन पहले पति और सास ससुर आदि ने मारपीट की थी। शिकायत करने जब बह थाने आई थी। शिकायत पर पुलिस ने महिला के पति को हिरासत में ले लिया था। ससुर मोतीराम अधिवक्ता प्रिया शंकर की सीट पर स्टाम्प बेचने का कार्य करते हैं। जब उन्हें इसकी जानकारी हुई तो वह कई अधिवक्ताओं के साथ थाने पहुंच गए थे। अधिवक्ताओं की पुलिस से तीखी नोक झोंक हो गई थी।
इसके बाद पुलिस ने महिला की ओर से नवाबगंज वार एसोसिएशन के पूर्व सचिव अशर्फी लाल गंगवार, प्रिया शंकर, और राजकुमार के सहित कई लोगों के खिलाफ एक महिला की ओर से मारपीट, छेड़छाड़ आदि की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। इससे तहसील के अधिवक्ता भड़क गए थे और सोमवार से आंदोलन का ऐलान कर दिया था। उधर, महिला ने रविवार शाम कार्रवाई की मांग के साथ एक पत्र जारी किया था, जिसमें उसने सोमवार को 11 बजे आत्मदाह करने की धमकी दी थी। धमकी के चलते सुबह से ही पुलिस सतर्क थी। महिला पुलिस को चकमा देकर करीब साढ़े तीन बजे थाने के सामने चौराहे पर आ पहुंची और आत्महत्या की कोशिश करने लगी। कोतवाल सुरेंद्र सिंह पचौरी के साथ पुलिस ने उसे ऐसा करने से रोक दिया। अब एक तरफ जहांं महिला पुलिस की हिरासत में हैं, वहीं नवाबगंज के अधिवक्ता कलमबंद हड़ताल करते दिखाई दे रहे हैं।
खबरची/ जफरुद़दीन मंसूरी